08-May-2024

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प्रदर्शनकारियों का ऐलान- PM इमरान के इस्तीफ़े तक इस्लामाबाद से नहीं हटेंगे

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इस्लामाबाद , 04 नवंबर 2019, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सियासी दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं. इमरान के इस्तीफे की मांग को लेकर धार्मिक राजनीतिक पार्टी ‘जमीएत उलेमा इस्लाम- फज़ल’ (JUI-F) पार्टी का इस्लामाबाद में धरना जारी है. इस धरने को पाकिस्तान की तमाम विपक्षी पार्टियां भी समर्थन दे रही हैं. इमरान के इस्तीफे के साथ ही पाकिस्तान में जल्दी चुनाव की मांग भी की जा रही है.

बता दें कि JUI-F के नेता फजलुर रहमान ने इमरान सरकार को 48 घंटे में इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया था. साथ ही धमकी दी थी कि उनकी मांग नहीं मानी गई तो ‘प्लान-बी’ पर अमल शुरू किया जाएगा. 48 घंटे के अल्टीमेटम की अवधि रविवार रात को खत्म हो गई. लेकिन इमरान सरकार की ओर से मांग माने जाने का कोई संकेत नहीं दिया गया.

ऐसी सूरत में प्रदर्शन कर रही विपक्षी पार्टियों ने साझा बैठक बुलाने का फैसला किया जिससे कि प्रदर्शन के आगे के रोडमैप पर विचार किया जा सके. JUI-F के नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि वो अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे और ना ही इस्लामाबाद में दिए जा रहे धरने को खत्म किया जाएगा.

फजलुर रहमान ने कहा, “हम जो सही है उसके लिए खड़े हैं. पीछे हटना गुनाह होगा, इसलिए पीछे हटने का सवाल ही नहीं. ये हमारा प्लान-ए है. हमारे पास प्लान-बी और प्लान-सी भी हैं. जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी, हम यहां से नहीं हटेंगे. ये जो लोगों का हुजूम यहां जमा हुआ है ये यहीं नहीं रूकेगा. हमारा अगला कदम पूरा मुल्क ठप करने का होगा. सब कुछ बंद करा दिया जाएगा.”

प्लान-बी में प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद के डी-चौक की ओर बढ़ सकते हैं. डी-चौक ठीक पाकिस्तान की संसद के सामने है. यहीं पर प्रेजीडेंट हाउस और पीएम हाउस स्थित है. इस पूरे इलाके को ‘रेड ज़ोन’ कहा जाता है.

फजलुर रहमान ने कहा, ‘हम H-9 सेक्टर में धरना दे रहे हैं क्योंकि डी-चौक पर ज्यादा जगह नहीं है. अभी हम जहां हैं वहां काफी खुली जगह होने के बावजूद सभी लोगों के समाने में दिक्कत हो रही है. और अगर हमने पीएम हाउस की ओर मार्च करने का फैसला किया तो कोई भी ताकत हमें नहीं रोक सकेगी.

JUI-F की पहल पर ‘आज़ादी मार्च’ शुरू हुई. लेकिन इसे पाकिस्तान पीपुल पार्टी (PPP), पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (PML-N) और अवामी नेशनल पार्टी (ANP)  जैसे अहम विरोधी दलों का समर्थन हासिल है.

ये अलग बात है कि पीपीपी और पीएमएल-एन की विरोध प्रदर्शन में हिस्सेदारी सीमित स्तर तक ही है. इससे विपक्षी एकता पर सवालिया निशान भी लग रहा है. JUI-F  जैसी कट्टर धार्मिक सियासी पार्टी के पीछे पूरी तरह खड़े होने में पीपीपी और पीएमएल-एन की हिचक समझी जा सकती है.

इन्हीं सब हालात में साझा विपक्ष विरोध प्रदर्शन को तेज़ करने के लिए बैठक करने जा रहा है. भावी रणनीति के तहत देश भर में बंद के साथ ही सभी विपक्षी पार्टियों के सांसद इस्तीफा देने का फैसला भी ले सकते हैं जिससे कि संसद को भंग करने के लिए दबाव बढ़ाया जा सके.

इस बीच इमरान सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाया हुआ है. प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए सरकार की ओर से ‘रहबर कमेटी’ बनाई गई लेकिन साथ ही ये साफ भी कर दिया कि पीएम के इस्तीफे जैसी मांग पर कोई बात नहीं हो सकती.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज़ खट्टक ने कहा, “पीएम के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता. असल मे रहबर कमेटी के सामने विचार के लिए ये मुद्दा भी नहीं है. और मांगों पर बात हो सकती है लेकिन पीएम के इस्तीफे की मांग पर किसी सूरत में नहीं.”

इस्लामाबाद के एच-9 सेक्टर में बीते चार दिन से बहुत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती वो यहां से नहीं हटेंगे.

साभार- आज तक

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