26-Apr-2024

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कमलनाथ ने सदन में बहुमत साबित किया, बी जे पी के दो विधायक टूटे, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित

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राजकाज न्‍यूज, भोपाल

मध्‍यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को 24 घंटे में गिराने की नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की बात कहे जाने के कुछ ही घंटें में बी जे पी को मुंह की खानी पड़ी। विधानसभा में दंड विधि संशोधन विधेयक पर मत विभाजन पर फ्लोर टेस्‍ट में सरकार के पक्ष में 122 मत पड़े। इसमें बी जे पी के दो विधायक नारायण त्रिपाठी एवं शरद कौल शामिल हैं। दोनों ने ही कहा कि उनका बी जे पी में कोई सुनने वाला नहीं था। कमलनाथ प्रदेश को विकास के रास्‍ते पर ले जाने में सक्षम है। भार्गव ने कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक, मंत्री ना बनाए जाने से नाराज़ हैं। सीएम के साथ अनैतिक समझौते किए जा रहे हैं। कांग्रेस के असंतुष्ट मुझसे मिल रहे हैं। हाई कमान से संदेश के बाद फ्लोर टेस्ट भी हो जाएगा। कहा जा रहा है कि दोनों ही बी जे पी के विधायक कांग्रेस ज्‍वाइन करने जा रहे हैं। इधर इस घटनाक्रम कें कुछ देर बाद विधानसभा की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित कर दिया गया। रात्रि में मिली जानकारी के मुताबिक दोनों बी जे पी विधायकों को विधायक आरिफ मसूद  पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के निवास पर ले गये हैं। इधर, पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निवास पर बी जे पी वरिष्‍ठ विधायकों की बैठक चल रही हैं। इसमें नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी उपस्थित है। नरोत्‍तम मिश्र ने मीडिया के सवाल पर कहा कि खेल उन्‍होंने शुरू किया खत्‍म हम करेंगे। उधर सूत्रों ने बताया कि शिवराज सिंह के यहां बैठक में कुछ विधायकों ने गोपाल भार्गव के प्रति नाराजगी जाहिर की हैं।

इधर इस बड़े उलट- फेर के बाद नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति में पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बी जे पी के विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं। कमलनाथ ने कहा कि बी जे पी रोज कहती रही यह अल्‍पमत की सरकार है। मैंने आज सुबह ही कहा विश्‍वास मत साबित हो जाए। यह मतदान बहुमत सिद्ध करने वाला है। नेता प्रतिपक्ष भार्गव के सदन में दिये गये बयान पर कमलनाथ भी ज़ोरदार तरीके से उन पर बरसे थे। उन्होंने कहा-यहां जो सदस्य बैठ हैं वो बिकाऊ नहीं हैं, मैं साफ कर दूं ये सरकार 5 साल चलेगी और दम से चलेगी। सीएम ने चैलेंज किया कि तो आज ही अविश्वास प्रस्ताव आ जाए। उन्‍होंने कहा कि पिछले 6 माह से भाजपा रोज कहती रही कि हमारी सरकार अल्पमत की सरकार है।आज जाने वाली है ,कल जाने वाली है। ऐसा वो रोज़ कहती थी।

आज भी सुबह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमें इशारा मिल जाए तो हम आज सरकार गिरा दे। मैंने उन्हें उसी समय आमंत्रित किया विश्वास प्रस्ताव के लिए लेकिन उन्होंने मेरा प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। मैंने सोच लिया कि हम बहुमत सिद्ध कर देंगे ताकि दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाए। आज हुआ मतदान सिर्फ एक विधेयक पर मतदान नहीं है। यह बहुमत सिद्ध का मतदान है।भाजपा के दो विधायक नारायण त्रिपाठी व शरद क़ौल ने हमारे पक्ष में मतदान किया है। हम उनका स्वागत करते हैं। उन्होंने आत्मा की आवाज सुनी।आज हमें 122 विधायकों का समर्थन प्राप्त हो गया है।हमने अपना बहुमत सिद्ध कर दिखाया। यह कहते थे उनके 8-10 विधायक हमारे साथ हैं ,पर आज दिखे तो नहीं। आज हमने अपना बहुमत सिद्ध कर दिया है।

विधेयक पर मत विभाजन की मांग बी एस पी विधायक संजू सिंह की ओर से की गयी, जिसे आंसदी ने स्‍वीकार कर लिया। जब कि बी जे पी की ओर से सदन में इस विधेयक को सर्वसम्‍मति से पास करने की बात कही गयी थी। बीएसपी की नाराज़ विधायक रामबाई ने भी कहा हमारी सरकार अंगद के पैर की तरह अटल है।

हमने मत विभाजन की मांग ही नहीं की थी, हम समर्थन करना चाहते थे- भार्गव
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा- हमने विधेयक पर मत विभाजन की मांग नहीं की थी। ये मांग बसपा विधायक ने की, जो पहले से ही कांग्रेस के साथ थे। विधेयक पर हम सरकार का समर्थन करना चाहते थे। मत विभाजन की स्थिति जानबूझकर सदन में पैदा की गई। अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि है कि विधायकों के दलबदल की जानकारी उनके पास नहीं आई है। जब आएगी तो कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

जिन विधायकों ने सरकार के पक्ष में मतदान किया उनका कहना है कि हमारी घर वापसी हुई हैं। त्रिपाठी ने कहा कि मैं, कमलनाथ के साथ था, और हमेशा रहूंगा। कौल ने कहा कि हमारी बी जे पी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। आपको बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस-जनता दल सेकुलर (जेडीएस) गठबंधन की सरकार गिरने के बाद ऐसी चर्चा तेज हो गई है कि बीजेपी मध्य प्रदेश में भी कुछ उलटफेर कर सकती है। इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह कई बार बोल चुके हैं, लेकिन बुधवार को इससे उलट वाकया हुआ। एक तरफ बीजेपी सरकार गिराने की बात कर रही है तो दूसरी ओर बुधवार को विधानसभा में एक बिल पर वोटिंग के दौरान बीजेपी के दो विधायकों ने कमलनाथ सरकार के समर्थन में वोट किया. इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया को दी।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हमारे नंबर 1 और नंबर 2 इशारा करें तो 24 घंटे में मध्य प्रदेश सरकार गिर सकती है। इसके उलट कमलनाथ ने एक बयान में कहा, 'हर दिन बीजेपी कहती है हमारी सरकार अल्पमत में है जो किसी भी दिन गिर सकती है. आज विधानसभा में वोटिंग (आपराधिक कानून संशोधन) के दौरान बीजेपी को दो विधायकों ने हमारे समर्थन में मतदान किया।

मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस का किला पूरी तरह से अभेद्य :  शोभा ओझा

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने बयान में कहा कि प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का यह कहना कि ‘‘यदि नंबर एक और नंबर दो बोलें तो, हम सरकार गिरा देंगे’’, एक तरह से ‘‘राजनैतिक माफिया’’ द्वारा की गई स्वीकारोक्ति है कि इन माफियाओं के ‘‘सरगना’’ भ्रष्टाचार के द्वारा कमाए गए अकूत धन और साम-दाम-दंड-भेद के द्वारा, लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई, गैर भाजपाई प्रदेश सरकारों को गिराने की निंदनीय कोशिशों में लिप्त हैं, किंतु मध्यप्रदेश में इन फासिस्टवादी ताकतों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे, यह बात आज विधानसभा में ‘‘दंड विधि संशोधन विधेयक’’ पारित कराने के दौरान हुए मत-विभाजन से साफ हो गई है, भाजपा को पता चल गया है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस का किला पूरी तरह से अभेद्य है।

आज जारी अपने बयान में उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती ओझा ने कहा कि लोकप्रिय मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की इस बात को चुनौती के रूप में लेते हुए, आज ही विधानसभा में भाजपा को मत-विभाजन कराने की चुनौती दे डाली और संयोग से ‘‘दंड विधि संशोधन विधेयक’’ को पारित कराने के दौरान हुए मत विभाजन में कांग्रेस के पक्ष में गिरे 122 मतों से साफ सिद्ध हो गया है कि प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ पूरी तरह से मजबूत है और भाजपा का किला ही ढहने की कगार पर आ गया है। 
कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता के के मिश्रा ने कहा कि मैं खोज रहा हूँ ...भाजपा के उन "बड़बोले" नेताओं को,जो कहते फिर रहे थे कि जिस दिन “बॉस”का इशारा हो जाएगा* *उस दिन सरकार गिरा देंगे!आज किस "बॉस" के इशारे पर भाजपा के ही दो बहादुर माननीयों ने कमलनाथ की सरकार को अपने सहयोग की घोषणा से भाजपाई क़बीले को अनुत्तरित कर दिया है, "अपने कर्मों से कमलनाथ सरकार को गिराने की थोथी भविष्यवाणी करने वाले नेता को भी आज उनके “कर्म”का हिसाब मिल गया।
  

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