Publish Date:09-Dec-2017 14:26:43
साइबर क्राइम पुलिस भोपाल ने एक ऐसे आरोपी को गिरफतार किया है जो दिल्ली इंजीनिरिंग काॅलेज से इंजीनियरिंग करके वर्तमान में जयपुर (राजस्थान) में बैठकर लोगों से वेवसाईट में वीडियों वाॅचिंग और अपनी कंपनी की रेटिंग बढाकर पैसा कमाने के नाम पर पैसा ऐठ लेता था।
साइबर क्राइम पुलिस भोपाल में फरियादी रमेष कुमार पाटल निवासी भोपाल ने एक लिखित षिकायती आवेदन पत्र में बताया कि ग्लिन्सर डाॅट काॅम नामक एक वेवसाईट है जिसके माध्यम से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपना नाम विजय मिश्रा बताकर ग्लिन्सर नामक वेवसाईट पर वीडियों वाॅचिन्ग एवं कम्पनी की रिप्लाई साईट पर सबमिट करने के कार्य के लिये व अपनी कंपनी की साईट की रेटिंग बढाकर पैसा कमाने के नाम पर फरियादी से न्ै $319 ,जिसकी भारतीय मुद्रा 21,000/- रूपये की मेमबर्सिप के नाम पर धोखाधडी करली गई ।
साइबर क्राइम पुलिस भोपाल ने फरियादी की षिकायती आवेदन पर अपराध क्रमांक 120/17 का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। विवेचना में प्रकरण से संबंधित साक्ष्यों के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस ने पाया कि विवेक शुक्ला नामक व्यक्ति निवासी जयपुर के द्वारा फरियादी के साथ वेवसाईट पर वीडियों वाॅचिंग और साईट पर रेटिंग बढाने के नाम पर धोखाधडी की गई है। जिसकी तलाष हेतु साक्ष्यों के आधार पर साइबर पुलिस की एक विषेष टीम को गठित कर जयपुर रवाना किया गया । प्रकरण में साइबर पुलिस के द्वारा आरोपी की पतारसी कर आरोपी विवेक शुक्ला पिता उमानन्द शुक्ला उम्र 41 वर्ष को विद्धिवत् गिरफतार कर साइबर थाना लाया गया ।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने दिल्ली इंजीनियरिंग काॅलेज से इंजीनियरिंग की है। बी.टेक कर एनआईआईटी का डिप्लोमा किया है पढाई के उपरांत (उ.प्र.) में साॅफ्टवेयर डेवलेप्मेन्ट का काम करता था। वर्तमान में 03 साल से जयपुर (राजस्थान) में साॅफ्टवेयर डेवलेप्मेन्ट का कार्य कर रहा हॅू और तिममसंदबमतण्बवउ से लगभग तीन वर्ष से रजिस्टर्ड हूॅ। आरोपी ने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने आॅनलाईन उसे ेंउचसम ूमइेपजम 600 यूएस डाॅलर बनाने का आर्डर दिया था। जिससे संपर्क किया तो उसने कोई रिस्पांस नही दिया। तो आरोपी ने पैसो की आवष्यकता होने के कारण विज्ञापनों को देखकर लोगों से ग्लिन्सर ज्वाइन करने को कहा व लोगों को वेवसाईट की 21000/-रूपये मेम्बरषिप जमा करने के बाद कंपनी आपको 36 माह तक 10600/-रूपये प्रतिमाह सैलरी देगीे। ज्वाइन करने के 15-25 दिन में वीसा पेमेन्ट कार्ड के माध्यम से पैसा मिलने के नाम पर लोगो से पैसा लेना चालू कर दिया।
फर्जी रेटिंग बढाने का गोरखधंधा:- आॅनलाईन वीडियों देखने, लाईक व कमेन्ट की संख्या बढने से कंपनियों की रेटिंग बढती है, रेटिंग बढने से कंपनियों की लोकप्रियता बढती है एवं आॅनलाईन व्यूवर (अपमूमत) बढने से गूगल एड के माध्यम से कंपनियों को गूगल एड के माध्यम से पैसा प्राप्त होता है, जबकि वास्तविकता में कंपनियों के आॅनलाईन व्यूवर (अपमूमत) इतनी संख्या में नहीं हाते है। कंपनियां अपनी रेटिंग बढाने के लिये आॅनलाईन विज्ञापन प्रदाता कंपनियों से टाईअप करती है। ताकि अपनी रेटिंग बढाकर सरकार को अपनी लोकप्रियता के बारे में बता सके । इन्टरनेट के उपयोगकर्ता लाईक व कमेन्ट की संख्या देखकर इनकी वास्तविकता नही समझ पाते है। और इनके झासे में आ जाते है।