Publish Date:21-Jul-2018 00:02:46
मजहबी मामलों से भटके लोगों को दीनी मालूमात देने के लिए मस्जिदों से तलाक और हलाला जैसे मुद्दों पर इमाम तकरीर करेंगे। जुमे की नमाज के वक्त नमाजियों को शरीयत कानून में तलाक, हलाला के हुकूक (महिला और पुरुषों के अधिकार) के बारे में जानकारी दी जाएगी।
सुन्नी बरेलवी मसलक की तमाम मस्जिदों में इसको पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। जमात रजा-ए-मुस्तफा ने इसका ऐलान किया है। शहर से लेकर देहात तक बरेलवी सुन्नी मसलक की करीब 1600 मस्जिदों में जुमे के वक्त यह तकरीर होंगी।
तीन तलाक और हलाला जैसे तमाम मजहबी मसले के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। दरगाह आला हजरत के जिम्मेदारों ने अवाम को इसकी सही जानकारी देने के लिए मस्जिदों से शुरुआत की है।
जुमा नमाज से पहले मस्जिद इमाम नमाजियों को शरीयत के बारे में जानकारी देंगे। इसमें खासतौर पर तलाक और हलाला का जिक्र किया जाएगा। शहर से लेकर देहात की मस्जिदों में इसको लागू किया जाएगा।
पुरुष नमाजी घर जाकर बच्चों को देंगे जानकारी
शरीयत ने हर उस शख्स को इस बात पर जोर दिया है कि वह अपने अधिकार अदा करे। अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके पर अंजाम दें। मर्द और औरत एक दूसरे के हुकूक की पूरी अदाएगी करे। सुन्नी बरेलवी मसलक की मस्जिदों में नमाज, रोजा, जकात और नबी, बुजुर्गों के बताए रास्तों पर चलने की तकरीरों के साथ अब तलाक और हलाला क्या है इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। नमाजी घर आने के बाद अपने बच्चे और बीवी को भी इसकी जानकारी देंगे। उलेमा मस्जिदों में जो तकरीर करेंगे वो शरीयत के तौर पर होगी।
क्या है मकसद
शौहर-बीवी और बच्चों के बीच रिश्ते उसी वक्त कायम हो सकता है, जब दोनों के दरमियान शरई अमल को पूरा किया जा सके। शौहर और बीवी के क्या हुकूक हैं, बच्चे और मां-बाप के क्या हुकूक हैं इसकी बारे में जानकारी दी जाएगी। उलेमा का कहना है कि शरीयत में शौहर और बीवी, बच्चे और मां-बाप सभी के हुकूक हैं। इन हुकूक के बारे में इमाम मस्जिदों में नमाजियों को बताएंगे। इस मकसद से अवाम दुनियावी और मजहबी जानकारी हासिल कर सकेंगे।
मस्जिदों से इमाम बताएंगे शरई हुकूक
सुन्नी बरेलवी मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज से पहले मस्जिद इमाम तलाक, हलाला जैसे तमाम मुद्दों पर बयान करेंगे। शहर से लेकर देहात तक की मस्जिदों में इमाम नमाज के दौरान तकरीर करेंगे- सलमान हसन खां, उपाध्यक्ष जमात रजा-ए-मुस्तफा