Publish Date:27-Apr-2019 16:13:25
अक्षय तृतीया 7 मई को कन्यादान विवाह/ निकाह योजना के चुनाव आयोग द्वारा निरस्त प्रस्ताव पर पुनर्विचार का अनुरोध
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्य सचिव को शासन की ओर से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से दोबारा आग्रह का पत्र भेजने के दिये निर्देश
चुनाव आयोग अनुमति दे तो इस बार सामाजिक संगठनो के माध्यम से भी होने वाले सामूहिक विवाह के आयोजन में शामिल
जोड़ो को देना चाहते है इस योजना का लाभ
भोपाल, 27 अप्रैल 2019, मुख्यमंत्री कमल नाथ ने चुनाव आयोग से अक्षय तृतीया 7 मई को कन्यादान विवाह/ निकाह योजना में सामूहिक विवाह आयोजन के राज्य शासन द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को अस्वीकृत करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
श्री नाथ ने कहा कि चुनाव कार्य में कोई बाधा न आए इसका विकल्प यह हो सकता है कि इस बार सामाजिक संगठनों के माध्यम से भी योजना के क्रियान्वयन की अनुमति मिल जाए तो हजारों गरीब बेटियों की शादी हो सकेगी। राज्य शासन की और से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को इस आग्रह का पत्र भेजने के निर्देश मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्य सचिव को दिये हैं।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से आग्रह किया है कि अगर सामाजिक संगठनों के जरिए भी सामूहिक विवाह की अनुमति मिल जाती है तो चुनाव कार्य में लगे संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं होगी।
श्री नाथ ने कहा कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और धार्मिक हिसाब से अखातीज (अक्षय तृतीया) पर विवाह का मुहर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसलिए इस दिन बड़े पैमाने पर विवाह और सामूहिक विवाह होते हैं। कन्यादान विवाह/ निकाह योजना के जरिए इस सर्वश्रेष्ठ मुहर्त में गरीब कन्याओं के विवाह भी बड़ी संख्या में होते हैं। उन्होंने कहा कि कन्यादान विवाह योजना गरीब परिवारों की बेटियों की शादियों के लिए ही बनाई गई है। योजना के अंतर्गत अखातीज पर बड़े पैमाने पर गरीब परिवार के लोग अपनी बेटियों की शादी करने की पहले से ही तैयारी कर लेते हैं। योजना का लाभ अगर इन गरीब परिवारों को नहीं मिला तो वे हताश होंगे।
श्री नाथ ने कहा कि चुनाव आयोग शासन के प्रस्ताव पर पुनर्विचार कर इस बार सामाजिक संगठनों के माध्यम से कन्यादान विवाह/ निकाह योजना में विवाह करने की अनुमति दे दें। इससे हजारों गरीब परिवारों में खुशी छा जाएगी।