Publish Date:01-Sep-2019 18:28:14
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नगर निगम (Municipal Corporation) और नगर पालिका चुनाव के प्रावधानों में संशोधन लगभग तय हो गया है. सरकार की तैयारी अध्यादेश (Ordinance) लाकर संशोधन प्रस्ताव (Amendment Proposal) को अमली जामा पहनाने की है. अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश में महापौर का चुनाव सीधे जनता के बजाए पार्षदों के जरिए किया जाएगा. बीजेपी ने सरकार के इस कदम की मुखालफत के लिए कमर कस ली है.
संशोधन के लिए अध्यादेश जल्द
अगले निकाय चुनावों में मध्य प्रदेश की जनता नगर निगमों के मेयर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष को सीधे नहीं चुन पाएगी बल्कि इनका चुनाव पार्षदों को जरिए होगा, ये संभव है. सरकार की तैयारी नगर पालिका नियम और नगर पालिक अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की है. अध्यादेश का प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में आ सकता है. मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में गठित वरिष्ठ सचिवों की समिति ने प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है. बीजेपी ने इसका पुरजोर विरोध करने की तैयारी कर ली है.
फैसले के विरोध में बीजेपी
सरकार अगले निकाय चुनाव प्रक्रिया को लेकर अध्यादेश लाती है तो महापौर और नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता के बजाए पार्षदों के ज़रिए कराया जाएगा. हालांकि पार्षदों के चुनाव पहले की तरह ही जनता के जरिए होंगे. अध्यादेश की सुगबुगाहट के बीच ही बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. बीजेपी का आरोप है कि सरकार चुनाव में हार के डर से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बदलने का षड्यंत्र कर रही है.
मौजूदा वक्त में मध्य प्रदेश के ज्यादातर मेयर और परिषद अध्यक्ष पद पर बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव होने पर कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है. शायद यही वजह है कि चुनाव प्रक्रिया को बदलने के लिए कवायद तेज़ हो रही है.
साभार- न्यूज 18