नई दिल्ली, इसरो का चंद्रयान-3 लॉन्च हो गया है। इसरो के आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार दोपहर 2:35 बजे इसे लॉन्च किया गया। पूरे देश को गौरवान्वित करने वाले इस पल को देखने के लिए कई VVIP सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में मौजूद रहे। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे।
पूरे देश की नजर इसरो के मून मिशन पर है। सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि कब भारत अपने कदम चांद की सतह पर रखेगा। इसरो द्वारा चंद्रयान -3 की लॉन्चिंग को लाइव टेलिस्कास्ट किया गया। आप इसे यहां देख सकते हैं।
LVM3 रॉकेट ने चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में पहुंचाया
इसरो के LVM3 रॉकेट ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में पहुंचा दिया है। चंद्रयान तीन अब आगे का सफर अपने दम पर पूरा करेगा। पहले यह धरती के चक्कर लगाएगा। इस दौरान चंद्रयान के इंजन को स्टार्ट कर उसकी कक्षा को पृथ्वी से दूर और चांद के करीब पहुंचाया जाएगा।
23 अक्टूबर 2023 को शुरू होगी चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर उतारने की प्रक्रिया
5 अगस्त 2023 को चंद्रयान चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके बाद यह 23 अक्टूबर 2023 तक चंद्रमा की परिक्रमा करेगा। इस दौरान चंद्रयान धीरे-धीरे चंद्रमा की सतह के करीब पहुंचेगा। 23 अक्टूबर 2023 को चंद्रयान को चंद्रमा की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। चंद्रयान तीन के चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग के बाद भारत चांद पर कदम रखने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ने यह कारनामा किया है। रूस ने यह कामयाबी सोवियत रूस के दौर में पाई थी।
लॉन्च के करीब 16 मिनट बाद प्रपल्शन मॉड्यूल रॉकेट से अलग हो गया। इस दौरान इसरो कंट्रोल रूम में मौजूद वैज्ञानिक और दर्शक खुशी से झूम उठे।
LVM-3 M4 रॉकेट से चंद्रयान 180 किलोमीटर की ऊंचाई पर अलग हो गया। अब आगे की यात्रा चंद्रयान-3 खुद करेगा। रॉकेट ने सिर्फ 16 मिनट 15 सेकंड में चंद्रयान को अंतरिक्ष में छोड़ दिया।
बता दें कि 43.5 मीटर ऊंचे 'बाहुबली' रॉकेट से लॉन्च होने के बाद अब चंद्रयान अगले 42 दिन तक अंतरिक्ष में यात्रा करके चांद तक पहुंचेगा।
ISRO के वैज्ञानिकों ने करीब 2 बजकर 50 मिनट पर रॉकेट से चंद्रयान उपग्रह के अलग होने का ऐलान किया। इसके साथ ही चंद्रयान को अब चंद्रमा की यात्रा शुरू करने के लिए उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया गया।
चंद्रयान-3 चंद्रमा की बाहरी कक्षा में 5 अगस्त के आसपास प्रवेश करेगा। चंद्रयान-3 में स्वदेशी प्रपल्शन मॉड्यूल लगाया गया है। इसकी मदद से लैंडर और रोवर चांद की कक्षा में 100 किलोमीटर तक पहुंचेंगे।
लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद रोवर चांद की सतह पर भ्रमण शुरू करेगा। इस दौरान ये चांद की मिट्टी, पर्यावरण और वहां पानी से संबंधित जानकारी देगा।
बता दें कि इस बार लैंडर के इंजन चंद्रयान-2 मिशन से ज्यादा पावरफुल हैं। लैंडर किसी भी गलती को महज 96 मिली सेकंड में सुधार सकेगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर मौजूद थे। उनके अलावा पूर्व इसरो चीफ राधाकृष्णन, के सिवन और एएस किरण कुमार भी मौजूद थे।
साभार- ए न्यूज