26-Apr-2024

 राजकाज न्यूज़ अब आपके मोबाइल फोन पर भी.    डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लीक करें

नौ दिनों बाद क्यों खत्म हो जाएंगी लैंडर विक्रम की रही-सही उम्मीदें भी

Previous
Next

सात सितंबर आर्बिटर से अलग होने के बाद जब लैंडर विक्रम चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला था. तब तो सबकुछ ठीक था लेकिन कुछ ही समय बाद लैंडर का संपर्क ऐसा टूटा कि अब तक टूटा ही हुआ है. लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल नौ दिनों बाद आने वाली है, जब चांद पर लंबी रात की शुरुआत होगी.

पूरे देश को मालूम है कि चंद्रयान-2 के आर्बिटर से जब लैंडर विक्रम अलग हुआ तो सब कुछ ठीक था. लेकिन जब वो चांद की सतह पर उतरने के लिए में था तभी उसका संपर्क इसरो के कंट्रोल रूम के साथ आर्बिटर से भी टूट गया. माना जाता है कि चांद की सतह से मुश्किल से 150 मीटर ऊपर ऐसा हुआ होगा.

तब लैंडर विक्रम को जिस स्पीड को कम करते हुए चांद पर उतरना था और अपने स्कैनर्स के जरिए उतरने की माकूल जगह तलाशनी थी, वैसा शायद वो नहीं कर पाया. माना जा रहा है कि वो चांद पर किसी बड़े गड्ढे में गिर चुका है.

दरअसल चांद का साउथ पोल ना केवल खासा उबड़-खाबड़ है बल्कि काफी हद तक अनजाना भी. उसके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी अभी किसी के पास नहीं है. उसके साउथ पोल के चित्रों को देखकर लगता है कि वो बड़े बड़े क्रेटर यानि गड्ढ़े और पहाड़ीनुमा संरचनाएं है. आर्बिटर ने उसकी जो तस्वीरें भेजी हैं, उसमें वो गिरा नजर आ रहा है. इस जानकारी के मिलने के बाद इसरो सक्रिय हो गया. उसने सिगनल्स भेजकर उसे हरकत में लाने के प्रयास शुरू कर दिए.

साभार- न्‍यूज 18

Previous
Next

© 2012 Rajkaaj News, All Rights Reserved || Developed by Workholics Info Corp

Total Visiter:26612171

Todays Visiter:6270