26-Apr-2024

 राजकाज न्यूज़ अब आपके मोबाइल फोन पर भी.    डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लीक करें

भाजपा अब कर रही है सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में भी टेम्परिंग....

Previous
Next

भोपाल 16 दिसम्बर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने गुरूवार को पूर्व मुख्यमंत्री व अभा कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजयसिंह की याचिका को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निराकृत करते हुए पारित आदेश को लेकर भाजपा द्वारा प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान पर व्यापमं महाघोटाले के लगे दाग को एक नीतिगत षड्यंत्र के माध्यम से साफ करने के कुप्रयास और न्यायालय के आदेश की व्याख्या अपने राजनैतिक लाभ की दृष्टि से किये जाने पर गंभीर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि व्यापमं महाघोटाले में राज्य सरकार के दबाव में मुख्यमंत्री को बचाने और षड्यंत्रपूर्वक एक केंद्रीय मंत्री, भाजपा व संघ के अन्य नेताओं को फसाने हेतु पुलिस अधिकारियों के माध्यम से व्यापमं महाघोटाले से संबंधित हार्डडिस्क में की गई टेम्परिंग के बाद भाजपा अब माननीय सर्वोच्च न्यायलय के पारित आदेश में भी टेम्परिंग कर रही है!

यादव ने मुख्यमंत्री जी को इस आदेश के बाद चुनौती देते हुए कहा है कि यदि उनमें नैतिक साहस है और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गुरूवार को पारित आदेश उनके पक्ष में है तो वे भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान सहित अन्य पार्टी नेताओं/ केंद्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, प्रदेश काबीना के मंत्री नरोत्तम मिश्रा, परिवहन मंत्री भूपेन्द् र सिंह व राज्य मंत्री विश्वास सारंग के कथनानुसार स्वयं भी यह कहें कि मुझे क्लीनचिट मिल गई है और हार्डडिस्क में टेम्परिंग नहीं हुई है?

यादव ने अपने बयान में कहा है कि गुरुवार को श्री दिग्विजयसिंह की याचिका को निराकृत करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि वह सिर्फ उन प्रकरणों की मॉनिटरिंग नहीं करेगी, जिनके चालान ट्रायल कोर्ट में पेश किये जा चुके हैं, जिन प्रकरणों के चालान लंबित हैं उनकी मॉनिटरिंग जारी रहेगी, वहीं सर्वोच्च न्यायायलय ने टेम्परिंग नहीं होने विषयक सीबीआई के शपथ-पत्र को भी पारित आदेश में शामिल ही नहीं किया है। टेम्परिंग से सम्बंधित हैदराबाद लैब की रिपोर्ट अभी लिफाफे में ही बंद है। बावजूद इसके तमाम पड़े लिखे कहे जाने वाले भाजपा के बड़े नेतागण उनके द्वारा ही पारित नीतिगत षडयंत्र के तहत ऐसा प्रचारित कर रहे हैं, मानो सर्वोच्च न्यायालय ने यह कह दिया हो कि म.प्र.में व्यापमं महाघोटाला हुआ ही नहीं है और प्रदेश के मुख्यमंत्री जी माँ नर्मदा की यात्रा ‘‘नमामि देवी नर्मदे’’ का शुभारम्भ करने के बाद पूरी तरह शुद्ध हो गए हैं।

यादव ने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है कि क्या वे उनकी पार्टी द्वारा इस विषयक चलाई जा रही प्रायोजित मुहीम से इत्तफाक रखते है? क्या उन्हें गुरूवार को सर्वोच्च न्यायलय ने क्लीनचिट प्रदान कर दुनिया का सबसे (ई)-मानदर मुख्यमंत्री साबित कर दिया है ? यदि यह सच है तो कृपाकर वे स्वयं इसे सार्वजानिक करें। श्री यादव ने मुख्यमंत्री जी से यह भी कहा है कि मुझे तो ऐसा महसूस हो रहा है कि आपकी पार्टी माननीय न्यायलय के आदेश में भी टेम्परिंग कर रही है, इसकी जांच कम से कम आप तो करवा ही लीजिये, ताकि इस विषयक कुहासा दूर हो सके।

प्रदेश के आईएएस दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है, तो अरविंद-टीनू जोशी क्या हैं ?

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने राजधानी भोपाल में आज से प्रारंभ हुए तीन दिवसीय ‘‘आईएएस ऑफिसर्स मीट’’ के शुभारंभ अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा प्रदेश के आईएएस अधिकारियों को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बताये जाने पर तंज कसते हुए कहा है कि इसके चयन की प्रक्रिया में मुख्यमंत्री ने कौन सा पैमाना अपनाया है, जबकि आईएएस दंपत्ति अरविंद जोशी-टीनू जोशी के यहां शिवराज सरकार के दौरान ही पड़े छापों और उसमें कई सौ करोड़ रूपयों की सामने आई अकूत संपत्ति का इतिहास सर्वविदित और सर्वचर्चित रहा है, सर्वश्रेष्ठ सूची में इनका क्रम कौन  सा है? उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी जानना चाहा है कि जब आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) से संबंधित अधिकारी है, तब मुख्यमंत्री ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक सेवा के रूप में कैसे स्तुतिगान करने की अपने पद की गरिमा के विरूद्व टिप्पणी की है? मुख्यमंत्री यह भी बतायें कि क्या आईपीएस व आईएफएस अधिकारी निकम्में और भ्रष्ट हैं?

मिश्रा ने कहा कि आईएएस अधिकारी जिनकी सेवायें पूरी तरह से केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय के अधीन होती है, जिसका समुचित आंकलन भी यही मंत्रालय करता है, इन स्थितियों में मुख्यमंत्री ने अपने अधिकार क्षेत्र की सीमा से परे जाकर उक्त कथन कैसे, क्यों और किसलिए किये हैं, इसके राजनैतिक निहितार्थ और अनुसंधान का विषय है? मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को एक पत्र लिखकर यह भी विनम्र आग्रह किया है कि वे अब मध्यप्रदेश के आईएएस अफसर जो मध्यप्रदेश और राज्य के बाहर पदस्थ है, उन सभी की गोपनीय चरित्रावली में सर्वश्रेष्ठ अधिकारी की टिप्पणी जरूर अंकित करें, इसके अलावा उनसे यह भी निवेदन है कि अन्य अखिल भारतीय सेवाओं के जैसे आईपीएस और आईएफएस की गोपनीय चरित्रावलियों में भी सर्वश्रेष्ठ अधिकारी की टिप्पणी को लेकर उनकी अवधारणा क्या है?

Previous
Next

© 2012 Rajkaaj News, All Rights Reserved || Developed by Workholics Info Corp

Total Visiter:26611963

Todays Visiter:6062