Publish Date:23-Aug-2018 19:34:40
पक्षकारों को राहत देने के लिए मप्र राज्य सूचना आयोग का नवाचार
भोपाल, 23 अगस्त 2018, राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने पक्षकारों को राहत देने के लिए फोन पर अपीलों की सुनवाई करने की नई पहल की है। देश में संभवतः यह पहला अवसर है जब अपीलार्थियों, लोक सूचना अधिकारियों व अपीलीय अधिकारियों की सुविधा के लिए ऐसा नवाचार किया जा रहा है।
आयुक्त आत्मदीप ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मप्र के 11 जिलों के 120 पक्षकारों को इस बारे में सहमति हेतु पत्र जारी किए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि पहले चरण में राज्य सूचना आयोग में की गई 40 अपीलों का दूरभाष पर सुनवाई कर निराकरण करने का प्रस्ताव है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि अपीलार्थियों, लोक सूचना अधिकारियों व अपीलीय अधिकारियों को सुनवाई के लिए भोपाल आना-जाना नहीं पड़े और सबके मूल्यवान समय, श्रम व व्यय की बचत हो सके। फोन पर सुनवाई करने से सभी पक्षकारों को प्रतिकूल मौसम व यात्रा से होने वाली परेषानी से तो निजात मिलेगी ही, अपीलार्थियों का कामकाज और लोक सूचना अधिकारियों व अपीलीय अधिकारियों का कार्यालयीन कार्य भी प्रभावित नहीं होगा और सार्वजनिक संसाधन की भी बचत हो सकेगी। इससे अपीलार्थियों का खर्च बचने के साथ शासकीय व्यय में भी कमी आएगी। सभी पक्षकार अपने अपने स्थान पर रहते हुए ही आयोग के समक्ष अपना पक्ष पेश कर सकेंगे। इसमें हर पक्षकार का पांच-दस मिनट से ज्यादा समय नहीं लगेगा। इसके बाद आदेष (निर्णय) पारित कर सभी पक्षकारों को डाक से भेज दिया जाएगा।
आयोग की ओर से पक्षकारों को सूचित किया गया है कि उक्त सद् उद्देष्य से किए जाने वाले इस नवाचार से यदि आप सहमत हों तो दूरभाष पर सुनवाई कर अपील का निराकरण किए जाने हेतु अपनी सहमति अपने दूरभाष/मोबाईल नंबर सहित आयोग को भेजें। दि0 15/10/18 तक सहमति प्राप्त न होने की दषा में अपीलीय प्रकरण आयोग के भोपाल स्थित कोर्ट रूम में नियमित सुनवाई में लिए जाएंगें। फोन पर सुनवाई संबंधी पत्र भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, षिवपुरी, दतिया, भिंड, अषोकनगर, रीवा, सिंगरौली, सतना व सीधी जिलों के पक्षकारों को जारी किए गए हैं।
आयुक्त के अनुसार कई सरकारी दफ्तरों में स्टाफ की कमी के कारण मौजूदा स्टाफ पर कार्यभार अधिक है। ऐसी स्थिति में सूचना के अधिकार के क्रियान्वयन से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के आयोग में सुनवाई के लिए भोपाल आने-जाने से जनता से जुड़े कार्य प्रभावित होते हैं। इसके अलावा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने वाले नागरिकों को यदि समय पर जानकारी नहीं दी जाती है तो उन्हें अपना कोई कसूर न होने पर भी प्रथम व द्वितीय अपील करने पर पैसा व वक्त खर्च करना पड़ता है। फोन पर सुनवाई करने से इस सबसे निजात मिलेगी। पक्षकारों को राहत देने के लिए आयुक्त आत्मदीप द्वारा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से भी सुनवाई कर अपीलों का निराकरण किया जा रहा है।