Publish Date:13-Apr-2019 01:32:55
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल से लगी गैरविवादित जमीन पर मौजूद नौ प्राचीन मंदिरों में पूजा-अर्चना की इजाजत की मांग करने वाली याचिका खाारिज कर दी है. शुक्रवार को इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा , ‘आप इस देश को कभी शांति से नहीं रहने देंगे.’
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा, ‘वहां हमेशा ही कुछ होगा.’सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के 10 जनवरी के दिएआदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई करने के दौरान यह बात कही. दरअसल, हाईकोर्ट ने वहां नौ मंदिरों में पूजापाठ करने के लिए उसकी सहमति मांगने वाली एक याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को खर्च के तौर पर पांच लाख रुपए भी भरने का निर्देश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पंडित अमरनाथ मिश्रा को इस मुद्दे पर कुरेदना बंद करना चाहिए.
सामाजिक कार्यकर्ता पंडित अमरनाथ मिश्रा ने हाईकोर्ट के सामने यह दावा किया था कि अधिकारी प्राचीन मंदिरों में धार्मिक गतिविधियां शुरू किए जाने के प्रति आंखें मूंदे हुए हैं. ये मंदिर अयोध्या में कब्जे में लिए गए, लेकिन अविवादित भूमि पर हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद के हल के लिए हाल ही में मध्यस्थों का एक पैनल नियुक्त किया था. 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवकों ने विवादित स्थल पर बाबरी मस्जिद ढहा दी थी. इस मस्जिद का निर्माण 16वीं शताब्दी में शिया मीर बाकी ने करवाया था.
साभार- न्यूज 18