Publish Date:12-Dec-2017 19:17:07
होटल और रेस्टोरेंट में पैकेज्ड पानी और कोल्ड ड्रिंक्स की बिक्री अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक दामों पर बेचने से रोकने के सरकार के फैसले को सु्प्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है वह होटलों और रेस्टोरेंट को इस तरह से नहीं रोक सकता क्योंकि होटल और रेस्टोरेंट मालिकों ने लोगों को बैठने के लिए जो जगह दी है उसके लिए उन्होंने खर्च किए हैं. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एयरपोर्ट और मल्टीप्लेक्स पर लागू होगा या नहीं इस पर अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अब रेस्टोरेंट, होटल और मल्टीप्लेक्सों में मिनरल वॉटर की बोतल पर छपी कीमत से ज्यादा रकम वसूलने पर मैनेजमेंट प्रशासन को जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है. सरकार का कहना है कि छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूल करना उपभोक्ता के अधिकारों का हनन है, यहां तक कि ये टैक्स चोरी को बढ़ावा देता है.
याचिका पर उपभोक्ता मंत्रालय ने दिया था जवाब
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया ने एक याचिका दाखिल की थी, जिसके जवाब में उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने कहा है कि प्री-पैक्ड या प्री-पैकेज्ड प्रॉडक्ट्स पर छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूलना लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत अपराध है.
क्या है लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट
लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट की धारा-36 में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति को प्री-पैकेज्ड प्रॉडक्ट पर छपी हुई कीमत से ज्यादा की कीमत पर बेचते, बांटते या डिलीवर करते पाया गया, तो उसके इस पहले अपराध के लिए उसपर 25,000 का जुर्माना लगेगा.
अगर उसने दोबारा ये अपराध किया तो उसे 50,000 के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन अगर उसने ऐसा करना जारी रखा तो उसे 1 लाख का जुर्माना या एक साल जेल या दोनों हो सकता है.
साभार- न्यूज 18