Publish Date:23-Jan-2018 17:35:25
राजकाज न्यूज, नई दिल्ली
देश के नये मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने मंगलवार को कार्यभार संभाल लिया। मध्यप्रदेश कैडर के 1977 बैच के आई ए एस अधिकारी ओ पी रावत ने अचल कुमार जोति का स्थान लिया है जो सोमवार को सेवानिवृत्त हुए हैं। रावत के दफ्तर पहुंचने पर अधिकारियों ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव अशोक लवासा को चुनाव आयुक्त बनाया गया है। लवासा ने भी आज ही अपना पद भार ग्रहण किया।
रावत ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के रोग कल्याण समिति पर फैसला जल्द आएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग चुनावी बॉन्ड की भी समीक्षा कर रहा है। एक देश एक चुनाव प्रश्न पर नए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पहले संसद कानूनी रास्ता साफ करें। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना होगा। ओपी रावत ने कहा कि सही काम करने पर आरोपों का सामना करना पड़ता है।
ओपी रावत ने माना कि हाल में चुनाव आयोग के कई फैसलों को लेकर सवाल उठाए गए चाहे वह गुजरात के चुनाव हो, राहुल गांधी को नोटिस देने का मामला या फिर आम आदमी पार्टी के विधायकों की सदस्यता खत्म करने का. लेकिन उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्त के तौर पर उनकी चुनौती यह होगी कि तमाम आरोपों के बावजूद वह निष्पक्षता पूर्ण चुनाव कराने के दायित्व को बखूबी निभा सकें. आरोपों के बारे में उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को यह अधिकार है कि अगर उसे कोई चीज गलत लगती है तो इसके बारे में अपने विचार प्रकट करे.
ईवीएम मशीन को लेकर भी पिछले कुछ समय में तमाम सवाल उठे हैं. इस बारे में ओपी रावत ने कहा कि ईवीएम मशीन पर लोगों का भरोसा कायम रहे इसके लिए बहुत से कदम उठाए गए हैं. आने वाले चुनाव वीवीपैट मशीन से होंगे जो ज्यादा पारदर्शी है. उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीन को लेकर चुनाव आयोग सभी पार्टियों को लगातार जानकारी देता रहता है ताकि जो कदम उठाए जा रहे हैं उसके बारे में सबको पता चल सके.
मुख्य चुनाव आयुक्त से जब यह पूछा गया कि क्या रिटायर होने के बाद चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्तों को कोई पद लेने से या किसी राजनीतिक पार्टी के साथ जुड़ने से बचना चाहिए ताकि लोगों का ज्यादा भरोसा कायम हो सके तो उन्होंने कहा कि यह गंभीर विषय है जिसके ऊपर विचार होना चाहिए क्योंकि यह सिर्फ किसी पद का सवाल नहीं बल्कि किसी व्यक्ति के अधिकारों का भी सवाल है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त होगा और तब मुख्य चुनाव आयुक्त के बाद सबसे वरिष्ठ आयुक्त अरोड़ा परंपरा के अनुसार चुनाव आयोग के प्रमुख हो सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में रावत का पहला काम अगले महीने त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराना होगा। ओमप्रकाश रावत को अगस्त 2015 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं। इसके अलावा वह रक्षा मंत्रालय में भी निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें 1994 में हुए संयुक्त राष्ट्र चुनाव के दौरान दक्षिण अफ्रीका में एक ऑब्जर्वर के रूप में प्रतिनियुक्ति मिली थी।