Publish Date:16-Feb-2019 02:50:21
मुसलमानों के तमाम संगठनों ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में में पूरा देश सरकार और जवानों के साथ खड़ा है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफ़िले पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को उन्हीं के शब्दों में जवाब दिया जाना चाहिए और पाकिस्तान से तमाम तरह के रिश्ते खत्म कर लेना चाहिए.
जमीअत उलमा हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी, जमाते इस्लामी के अध्यक्ष मौलाना जलाल उमरी, जमीअत अहले हदीस के अमीर मौलाना असगर अली सलफी, मौलाना मोहम्मद रहमानी मदनी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी, इस्लामिक स्कालर प्रोफेसर अखतरूल वासे व अन्य ने कहा कि यह आतंकवादी घटना बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
जमीयत उलेमा-ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफ़िले पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने कहा कि यह आतंकी, अमानवीय, घृणित और कायरतापूर्ण कार्य है जो कभी जिहाद नहीं हो सकता. हिन्दुस्तान के सारे न्यायप्रिय नागरिक इस दर्दनाक घटना पर शहीदों के प्रति अत्यधिक दुख, श्रद्धांजलि और आतंकियों के प्रति अत्यधिक घृणा को प्रकट करते हैं. हम सब शहीदों और उनके शोकाकुल परिवारों के साथ बिना किसी भेदभाव के कंधे से कंधा मिला कर खड़े हैं.
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि इस आतंकी कार्रवाई ने कश्मीर में शांति व्यवस्था की स्थापना को और अधिक खतरे में डाल दिया है. लेकिन हमें बिल्कुल निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि शांति-व्यवस्था की स्थापना और आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष को हर स्तर पर पूरी शक्ति के साथ जारी रखना चाहिए.
साभार- न्यूज 18