27-Apr-2024

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कृषि विकास दर 18 प्रतिशत से अधिक प्राप्त करने वाला मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य

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विभागीय अनुदान माँगों की चर्चा पर किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री बिसेन

किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने अपने विभाग की अनुदान माँगों पर हुई चर्चा के जवाब में कहा है कि प्रदेश में किसानों की आय 5 वर्षों में दोगुनी करने के लिये प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों की वजह से पिछले 4 वर्ष की औसत कृषि विकास दर 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष से अधिक प्राप्त करने वाला मध्यप्रदेश देश में एकमात्र राज्य है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों से कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार मिल रहा है। किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि दलहन, तिलहन, चना और मसूर के उत्पादन में मध्यप्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर और गेहूँ, अरहर, सरसों और मटर के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
किसान कल्याण मंत्री बिसेन ने कहा कि किसानों के हित में लिये गये निर्णयों के कारण वर्ष 2003-04 के मुकाबले वर्ष 2016-17 मे कृषि उत्पादन जहाँ 2.24 करोड़ मीट्रिक टन हुआ करता था, वह अब 5.42 करोड़ मीट्रिक टन हो गया है। धान उत्पादन 17.50 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 80.98 लाख मीट्रिक टन और गेहूँ उत्पादन 73.65 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 219.18 लाख मीट्रिक टन हो गया है। उन्होंने सदन में गेहूँ, धान, सोयाबीन और चना की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता वृद्धि दर की भी जानकारी दी। श्री बिसेन ने सदन को बताया कि देश में प्रत्येक 7 प्रमाणित बीज में से एक प्रमाणित बीज प्रदेश में होता है। वर्ष 2004-05 में 14 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज पैदा किया गया था, जो बढ़कर वर्ष 2016-17 में 40 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज हो गया है।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री ने सदन को बताया कि मण्डी में जिन्सों की आवक में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2004-05 में कुल जिन्सों की आवक 135.52 लाख मीट्रिक टन थी, जो बढ़कर 214.93 लाख मीट्रिक टन हो गई है। किसानों की खेत की जमीन में उर्वरकता बनाये रखने के लिये 88 लाख नि:शुल्क स्वाइल हेल्थ कार्ड वितरित किये गये हैं। प्रदेश में 265 नई मृदा परीक्षण लैब का निर्माण 100 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जहाँ प्रत्येक विकासखण्ड में स्वाइल टेस्टिंग लैब कार्य कर रही है। किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाये गये हैं। दो हजार कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना की गई है।
जैविक खेती के बारे में बिसेन ने सदन को बताया कि एपीडा द्वारा प्रमाणीकृत देश की जैविक खेती 6.28 लाख हेक्टेयर में से मध्यप्रदेश में 2 लाख हेक्टेयर में प्रमाणित जैविक खेती हो रही है। विभाग इसके रकबे में 5 लाख हेक्टेयर तक और वृद्धि करेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मध्यप्रदेश में 56 प्रतिशत क्षेत्रफल को कवर किया गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत मात्र 30 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में 56 लाख किसानों को बीमा योजना से कवर किया गया है। खरीफ-2015 में 4,661 करोड़ रुपये बीमा दावा राशि का भुगतान किसानों को किया गया है।
किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि मण्डियों में भाव के उतार-चढ़ाव से होने वाली हानि से सुरक्षित करने के लिये खरीफ-2017 से भावांतर भुगतान योजना शुरू की गई। भावांतर भुगतान योजना में खरीफ में 15 लाख किसानों द्वारा 28 लाख मीट्रिक टन कृषि उत्पाद की बिक्री कृषि मण्डी में की गई। योजना में 10 लाख 50 हजार किसानों को उनके बैंक खातों में 1512 करोड़ की राशि भावांतर में जमा करवाई गई। योजना को रबी 2017-18 में भी निरंतर रखा गया है। उन्होंने बताया कि भावांतर भुगतान योजना में धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जायेगा। मुख्यमंत्री कृषि उत्पादक प्रोत्साहन योजना की जानकारी देते हुए किसान कल्याण मंत्री श्री बिसेन ने बताया कि वर्ष 2016-17 में गेहूँ एवं धान का उपार्जन करने वाले 9 लाख किसानों को 200 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इस पर 700 करोड़ रुपये व्यय होगा। कस्टम हायरिंग सेंटर की तर्ज पर ग्रामीण युवाओं के लिये कस्टम प्रोसेसिंग एवं सर्विस सेंटर योजना शुरू की जा रही है। तीन वर्ष में प्रत्येक विकासखण्ड में एक हजार कस्टम प्रोसेसिंग एवं सर्विस सेंटर खोले जायेंगे। योजना में 40 प्रतिशत अनुदान की राशि भी उपलब्ध करवाई जायेगी। युवा किसान स्वयं का उद्योग लगा सकें, इसके लिये 25 लाख से लेकर 2 करोड़ रुपये तक के बैंक ऋण की मदद विभाग द्वारा दी जायेगी। मूल्य स्थिरीकरण के लिये विशेष कोष की स्थापना 1000 करोड़ रुपये से की गई है। इस कोष से बाजार में हस्तक्षेप कर किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिलाये जाने के प्रयास किये जायेंगे। कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग का गठन कर लिया गया है। फसलों की उत्पादन लागत की गणना के लिये कुलपति राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर ली गई है। किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि चम्बल संभाग में भिण्ड, मुरैना तथा श्योपुर में बीहड़ क्षेत्रों को कृषि योग्य बनाने के लिये 1200 करोड़ रुपये अगले 5 वर्ष में खर्च किये जायेंगे। पचास कृषि उपज मण्डियों में ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग प्लांट लगाये जायेंगे। किसानों को कृषि यंत्रों का लाभ देने के लिये पोर्टल तैयार कर लिया गया है और उसे लागू किया गया है। इससे पारदर्शिता आयी है। कृषि यंत्रीकरण के क्षेत्र में ट्रेक्टर मरम्मत और सुधार के 4 कौशल केन्द्र भोपाल, जबलपुर, सतना और ग्वालियर में शुरू हो गये हैं।
कृषि विकास मंत्री ने जावद मण्डी में बहुद्देश्यीय भवन के लिये एक करोड़ रुपये की राशि दिये जाने की घोषणा की। श्री बिसेन के जवाब के बाद उनके विभाग से संबंधित 9259 करोड़ 51 लाख 86 हजार रुपये की अनुदान माँगों को ध्वनि-मत से पारित कर दिया गया।

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