Publish Date:20-Feb-2017 16:59:29
राजकाज न्यूज, भोपाल
मध्यप्रदेश में बुरे दौर से गुूजर रही कांग्रेस का कोई काम दिल्ली के इशारे के बिना हो ही नहीं पाता। अब मध्यप्रदेश में मुख्य विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस के नेता की ही बात ली जाए। पहले नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे की बीमारी के कारण प्रभारी से काम चलाया जाता रहा और अब उनके निधन के बाद भी बजट सत्र के महत्वपूर्ण मौके पर भी नेता प्रतिपक्ष का निर्णय नहीं लिया जा रहा। सोमवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल की बैठक आयोजित की गयी थी, इसमें दिल्ली से आए केन्द्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन और प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश भी मौजूद थे। इसमें नेता का चयन होना था, लेकिन दोनों नेताओं ने विधायकों की राय तो ले ली, मगर फैसला यहां लेने की हिम्मत नहीं जुटाई।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुनन के लिए पीसीसी में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन और प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश भी शामिल रहे। विधायकों से राय लेने के बाद इसे दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय भेज दिया जाएगा। इसके बाद दिल्ली से ही नेता प्रतिपक्ष के नाम पर फैसला होगा। नेता का ऐलान राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी कर सकती हैं। गौरतलब है कि कुछ ही दिनों में विधानसभा में बजट सत्र शुरू होने जा रहा है, इसके पहले विपक्षी दल कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष चुनना चाह रहा है। जानकारी मिली है कि पहले नेता प्रतिपक्ष के दावेदारों के इंटरव्यू खुद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लिए थे, जिसमें मुकेश नायक का परफॉर्मेंस अच्छा बताया गया था।
इधर संभावना ये भी है कि राहुल के ही फॉर्मूले के तहत विधायक दल की बैठक में रायशुमारी की गई। मगर 13 साल से भी ज्यादा समय से विपक्ष में होने के बाद भी यहां बड़े नेताओं की गुटबाजी के कारण कोई निर्णय नहीं लिया जा पा रहा। इस बार भी दोनों पर्यवेक्षकों ने निर्णय यहां सुनाने की हिम्मत नहीं जुटाई। वैसे नेता प्रतिपक्ष बनने की दौड़ में शनिवार रात तक जो तस्वीर सामने आई उसमें से वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह, विस उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह और मुख्य सचेतक रामनिवास रावत गायब बताए जा रहे थे।