27-Apr-2024

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दूसरे चरण में 12 लाख से अधिक किसानों का कर्ज होगा माफ

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शिक्षित बेरोजगारों के लिये ''मुख्यमंत्री खाद्य प्र-संस्करण योजना'' का क्रियान्वयन
केन्द्र ने अब तक नहीं दिए अति-वृष्टि और बाढ़ के नुकसान की भरपाई के लिए 6621.28 करोड़

भोपाल : शुक्रवार, नवम्बर 22, 2019, किसान-कल्याण और कृषि विकास मंत्री श्री सचिन यादव ने बताया है कि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता अन्नदाता किसान की समृद्धि है। राज्य सरकार ने अपने वचन पत्र के अनुसार जय किसान फसल ऋण माफी योजना लागू कर किसानों को ऋणमुक्त करने का अभियान चलाया है। पहले चरण में 20 लाख 22 हजार 731 पात्र किसानों के 7154 करोड़ 36 लाख रूपये के ऋण माफ किये गये हैं। दूसरे चरण, जो शीघ्र प्रारंभ किया जा रहा है, में 12 लाख 2 हजार 78 ऋण खाताधारक किसानों के ऋण माफ किये जाएंगे।

केन्द्र ने अब तक नहीं दी बाढ़ और अतिवृष्टि नुकसान पर राहत राशि

मंत्री श्री सचिन यादव ने बताया कि प्रदेश में अति-वृष्टि और बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। लगभग 55 लाख किसानों की 60 लाख हेक्टेयर की फसलें खराब हुईं। हमने किसानों की फसलों की क्षतिपूर्ति, जान-माल और अधोसंरचना के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से 6621 करोड़ 28 लाख रूपये की सहायता देने का आग्रह किया है, किन्तु अब तक केन्द्र की ओर से कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि किसान की सबसे बड़ी ताकत फसल बीमा की राशि होती है। राज्य सरकार ने इस भीषण प्राकृतिक आपदा में खरीफ वर्ष 2019 में फसल बीमा के राज्यांश अग्रिम की राशि 509.60 करोड़ का भुगतान बीमा कंपनियों को कर दिया है, लेकिन केन्द्र सरकार ने इस मद में भी राज्यांश राशि 2301 करोड़ रूपये का भुगतान अभी तक नहीं किया है।

जय किसान समृद्धि योजना

मंत्री श्री सचिन यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को हर कदम पर सहयोग कर रही है। प्रदेश में 5 मार्च 2019 को ''जय किसान समृद्धि योजना'' लागू कर रबी सीजन 2019-20 के लिए कृषि उपज मंडी एवं ई-उर्पाजन केंद्र के माध्यम से किसान द्वारा विक्रय किये गये गेहूँ पर 160 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। योजना में 92 लाख 67 हजार मीट्रिक टन गेहूँ विक्रय करने वाले 11 लाख 79 हजार किसानों को 1463 करोड़ 42 लाख की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री खाद्य प्र-संस्करण योजना

मंत्री श्री सचिन यादव ने बताया है कि प्रदेश में इस वर्ष से मुख्यमंत्री खाद्य प्र-संस्करण योजना लागू की गई है। योजना में शिक्षित बेरोजगार युवाओं को एक से ढाई एकड़ भूमि प्रति हितग्राही 30 साल के लिए लीज पर उपलब्ध कराई जाएगी। योजना में फूलों की खेती के लिए 100-100 एकड़ के क्लस्टर तैयार किये जा रहे हैं। दो नवीन उद्यानिकी महाविद्यालय रेहली एवं छिंदवाड़ा में प्रारंभ किए गए हैं। इंडो-इजराईल प्रोजेक्ट में उद्यानिकी के तीन सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किये जा रहे हैं। इनमें साईट्रस छिंदवाड़ा, वेजीटेबल मुरैना तथा फ्लोरीकल्चर का सेंटर भोपाल में स्थापित हो रहा है।

पूर्ववर्ती सरकार में कम हुआ खेती का रकबा

मंत्री श्री यादव ने बताया कि पिछले चार साल में प्रदेश में किसान आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो गया था। राज्य सरकार ने इस स्थिति का पूरा ब्यौरा विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किया था। केन्द्र सरकार द्वारा 28 सितम्बर 2018 को जारी एक रिपार्ट में भी कहा गया था कि मध्यप्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में एवरेज खेती का रकबा लगातार कम होता रहा है। सीमांत किसान की औसत जोत मात्र 0.49 हेक्टेयर रह गई थी और खेती का रकबा एक लाख 66 हजार हेक्टेयर कम हो गया था।

 कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिये ''शुद्ध के लिए युद्ध''

मंत्री श्री सचिन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार ने कृषि के क्षेत्र में विरासत में मिली बदहाल स्थिति को समृद्धता की ओर ले जाने का निश्चय किया है। इसके लिए किसानों को हर कदम पर हर तरह की मदद मुहैया कराई जा रही है। गुणवत्तापूर्ण खाद, बीज और कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में ''शुद्ध के लिए युद्ध'' अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान न सिर्फ बीज, उर्वरक और कीटनाशक के मानक स्तर का परीक्षण किया जा रहा है बल्कि कम मात्रा में सामग्री विक्रय, अनाधिकृत विक्रय, कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर विक्रय आदि पर भी गंभीरता से कार्यवाही की जा रही है।

अब तक 1313 उर्वरक विक्रेताओं/ गोदामों का निरीक्षण कर 1096 नमूने लिये गये हैं एवं 110 प्रकरणों में अनियमितता पर कार्यवाही की गई है। उर्वरक निर्माण इकाइयों का भी निरीक्षण किया जा रहा है। इसी प्रकार 1120 बीज विक्रेताओं/ गोदामों का निरीक्षण कर 1129 बीज नमूने संकलित किये गये और 51 प्रकरणों में कार्यवाही की गई। कुल 334 पौध संरक्षण दवा विक्रेताओं/ गोदामों का निरीक्षण किया गया और 66 प्रकरणों में कार्यवाही की गई है।

मंडियों में नगद भुगतान की व्यवस्था

मंत्री श्री सचिन यादव ने बताया कि कृषि उपज मंडी समितियों में कृषकों को उनकी कृषि उपज के विक्रय पर दो लाख रूपये तक के नगद भुगतान की व्यवस्था की गई है। बैंकों से एक करोड़ रूपये से अधिक नगद आहरण पर टीडीएस कटौती के आयकर अधिनियम के प्रावधानों से मंडियों में नगद भुगतान में आ रही कठिनाइयों की ओर भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए मंडी व्यापारियों को इस प्रावधान से मुक्त कराने की पहल की गई है।

भावांतर के भी 1017 करोड़ नहीं दिये केन्द्र ने

मंत्री श्री सचिन यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के समय का खरीफ 2018 के फ्लैट भावान्तर योजना में मक्का फसल के लिये 2 लाख 60 हजार किसानों को 514 करोड़ रूपये का भुगतान किया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में भी केन्द्र, मध्यप्रदेश के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है। खरीफ 2017 के भावांतर के 576 करोड़, खरीफ 2018 के 321 करोड़ और अतिरिक्त 6 लाख मी. टन के 120 करोड़ अर्थात कुल 1017 करोड़ रूपये केन्द्र द्वारा मघ्यप्रदेश को अब तक नहीं दिये गये हैं।

ई-नाम योजना से जुड़ी कृषि उपज मंडियाँ

किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के द्वितीय चरण में राज्य सरकार द्वारा 25 कृषि उपज मंडियों को ई-नाम योजना से जोड़ा गया है। मंडी बोर्ड द्वारा 16 अगस्त, 2019 से प्रदेश की सभी मंडियों में एक साथ ई-अनुज्ञा प्रणाली लागू कर 4 लाख 14 हजार से ज्यादा ई-अनुज्ञा जारी की गई हैं। इससे मण्डी व्यापारियों का समय बचा है। प्रदेश में 27 मण्डी प्रांगण में सोलर एनर्जी प्लांट भी स्थापित किये गये हैं। कृषकों को मण्डी प्रांगण में संतुष्टि अनुरूप मूल्य प्राप्त नहीं होने पर चार माह की निःशुल्क सुविधा और 80 प्रतिशत राशि तक कृषि उपज का भुगतान करने के लिये कोलेटेरल मैनेजमेंट एजेंसीस के चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

सब्जी एवं मसाला क्षेत्र विस्तार योजना

मंत्री श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में किसानों की विगत 15 वर्षों की मांग को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार ने सब्जी एवं मसाला क्षेत्र विस्तार योजना लागू की है। इसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों के लिए अनुदान का प्रतिशत 50 से बढ़ाकर 70 कर दिया गया है। योजना में अब किसानों को प्रति हेक्टर 70 हजार रूपये तक का अनुदान मिलेगा।

किसानों को सस्ती बिजली

वचन-पत्र के वचन के अनुसार दस हॉर्स पॉवर तक के कृषि पंप उपभोक्ताओं की विद्युत दरों को आधा कर दिया गया है। पूर्व मे निर्धारित 1400 रूपये प्रति हॉर्स पॉवर प्रतिवर्ष कृषि पंपों की विद्युत दर को अब 700 रूपये कर दिया गया है। इससे लगभग 20 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना में प्रति कृषि उपभोक्ता लगभग 47 हजार रूपये प्रति वर्ष सब्सिडी दी जा रही है। राज्य सरकार ने अब तक 2622 करोड़ 53 लाख रूपये की सब्सिडी प्रदान की है। अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक के लिए 20 लाख 10 हजार कृषि पंपों के लिए करीब 6138 करोड़ रूपये की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।   स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के अतिरिक्त अस्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं की विद्युत दरें भी कम की गई हैं।

छोटे अजजा/अजा किसानों को नि:शुल्क बिजली

मंत्री श्री सचिन यादव ने बताया है कि एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों को 5 हार्सपॉवर तक के कृषि पंप कनेक्शनों के लिये निःशुल्क बिजली दी जा रही है। इसके एवज में राज्य सरकार बिजली कंपनियों को 3800 करोड़ रूपये वार्षिक सब्सिडी देगी। 

जैविक खेती

मंत्री श्री सचिन यादव ने बताया कि  जैविक खेती के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में पहले नंबर का राज्य है। एपीडा के अनुसार प्रदेश में 2 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कपास, गेहूँ, धान, अरहर, चना, सोयाबीन इत्यादि फसलों की जैविक खेती की जा रही है। जैविक खेती के दृष्टिकोण से गौ-शालाएँ बेहद महत्वपूर्ण हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर गौ-शालाओं का निर्माण कराया जा रहा है।

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