यदि अफसर अच्छे हैं, तो उल्टा लटकाने की बात कहकर उन्हें अपमानित क्याें किया.. ?: के.के. मिश्रा
भोपाल 15 दिसम्बर। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने आज आईएएस आफिसर्स समिट के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा भ्रष्ट अफसरों को ‘‘उल्टा लटकाये जाने’’ के विवादास्पद बयान के बाद आज यह कहे जाने पर तंज कसा है कि ‘‘मप्र के आईएएस देश में सबसे अच्छे-काबिल हैं!’’ उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि यदि उनका कथन सही है, तो उन्हें अब यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि अधिकारियों को उल्टा लटकाये जाने को लेकर उनका इशारा किसकी ओर था, यही नहीं यदि अधिकारी अच्छे और काबिल हैं, तो लोकायुक्त की जांच की परिधि में 24 आईएएस सहित 2696 अफसर भ्रष्टाचार की जांच के जद में क्यों हैं, भाजपा सरकार के ही संरक्षण में पूरे देश में मप्र के नाम को कलंकित करने वाले आईएएस अरविंद-टीनू जोशी दंपत्ति किस वर्ग के रोल-मॉडल हैं?
मिश्रा ने यह भी कहा कि प्रदेश में कई आईएएस अधिकारी सख्त, कानून के अनुसार काम करने वाले और बेहद ईमानदार हैं, जिन पर हम सभी को गर्व होना चाहिए, किन्तु उन कतिपय अधिकारियों के चेहरे भी बेनकाव होना चाहिए, जिन्होंने प्रदेश में एक निर्वाचित सरकार को हाईजेक कर अपनी आर्थिक समृद्धि में राजनेताओं के परिवारों को भी अपरोक्ष व्यवसायी भागीदार बना रखा है। यह महत्वपूर्ण तथ्य भी सार्वजनिक होना चाहिए कि लगातार तीसरी बार निर्वाचित एक राज्य सरकार अपने पार्टी संगठन के नेताओं को उपकृत करने के बजाय अफसरशाही को सेवानिवृत्ति के उपरांत विभिन्न शासकीय पदों पर और संविदा नियुक्ति हेतु नियम-विरूद्व तोड़फोड़ कर उपकृत क्यों कर रही है, इसके पीछे कोई साजिश है या कोई राजनैतिक/आर्थिक चतुराई?
मिश्रा ने कहा कि उक्त समारोह में ऐसे उवाच करने के पूर्व मुख्यमंत्री जी यह भी भूल बैठे कि उनके संबोधन के तीन-चार घंटे पहले ही प्रदेश की जनता ने सुर्खियों में प्रकाशित इस महत्वपूर्ण समाचार को भी धैर्यपूर्वक पढ़ा है कि ‘प्रदेश के ही तीन वरिष्ठ और मुख्यमंत्री के परम चहेते आईएएस अधिकारियों द्वारा अपनी काली-कमाई को प्रायवेट फर्मो में लगाने के आरोप की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय और सीबीआई ने लोकायुक्त संगठन में भेज दी है, जिसकी जांच और परिक्षण भी प्रारंभ हो चुका है, अब मुख्यमंत्री जी बतायें इसे क्या माना जाये?
सोशल मीडिया के माध्यम से क्या भाजपा नक्सली पैदा करना चाहती है ?
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के बयान ने साबित किया कि सोशल मीडिया में
‘‘टेंपरिंग’’ के माध्यम से भाजपा सभी विपक्षी राजनेताओं
का करती है चरित्र हनन: के.के. मिश्रा
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने गुरूवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के सोशल मीडिया वर्कशॉप में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान के उस बयान को तालीबानी संस्कृति की संज्ञा दी है जिसमें उन्होंने सभा में मौजूद अपने सभी कार्यकर्ताओं को ‘‘कांग्रेस पार्टी के खिलाफ आत्मघाती दस्ता तैयार कर तिरंगा लपेट कर कांग्रेस की सभाओं में जाने, सभा बिगाड़ने, उसका वीडियो बनाकर अपनी सुविधानुसार उसे पोस्ट कर कांग्रेस की आलोचना को राहुल गांधी से लेकर इटली तक पहुंचाने के निर्देश दिये हैं।’’ इससे स्पष्ट है कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मप्र में अपने कार्यकर्ताओं को नक्सली बनाने पर आमादा हैं।
मिश्रा ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की इस बात को भी घोर आपत्तिजनक, असंसदीय और आपराधिक कृत्य माना है, जिसमें उन्होंने गुजरात चुनाव के दौरान भाजपा की आईटी टीम द्वारा वीडियो ‘‘टेंपरिंग’’ के माध्यम से कांग्रेस के नव-निर्वाचित अध्यक्ष श्री राहुल गांधी द्वारा एक सभा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘आलू की फेक्ट्री लगाने को लेकर दिये गये बयान को इस तरीके से प्रचारित/ प्रसारित किया कि जिससे गुजरात में राहुल गांधी का बैंड बज गया।’’ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की यह स्वीकारोक्ति इस बात का सीधा प्रमाण है कि भारतीय जनता पार्टी अपने वांछित उद्देश्यों की पूर्ति करने हेतु किस निम्न स्तर पर, यहां तक कि कूट रचित दस्तावेज बनाने और आईटी एक्ट के उल्लंघन में भी सत्ता के दंभ के कारण उसे कोई गुरेज नहीं है, जो लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है।
कांग्रेस इस वर्कशॉप में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा भी कहे गये उस कथन को भी गंभीर मानती है, जिसमें उन्होंने सभा में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को यह भी सीधी हिदायत दी है कि, ‘‘यदि सोशल मीडिया पर कोई मुझे गाली दे, तो उसका जबाव मैं नहीं आप दें और उसका कबाड़ा कर दें।’’ बहुप्रचारित ‘‘संवेदनशील’’ मुख्यमंत्री जी एवं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के इन कथनों को लेकर कांग्रेस पार्टी के पास वीडियो साक्ष्य मौजूद है। लिहाजा, विधि विशेषज्ञों की राय लेकर पार्टी कानूनी कार्यवाही करेगी।