27-Apr-2024

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150 प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए सरकार का प्लान तैयार

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नई दिल्ली. नीति आयोग (Niti Aayog) ने भारतीय रेल (Indian Railway) के नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियों के परिचालन के लिए निजी कंपनियों की भागीदारी के नियमों का मसौदा तैयार किया है. इसमें कहा गया है कि किसी मार्ग पर निजी ट्रेन (Private Train) के खुलने के 15 मिनट बाद ही दूसरी ट्रेन छोड़ी जाएगी. प्रस्ताव है कि ऐसी रेल गाड़ियों की अधिकतम रफ्तार प्रति घंटा 160 किलो मीटर से अधिक नहीं रखी जा सकती.

आयोग की वेबसाइट पर कई मसौदे रखे गए हैं ताकि इस विषय में सार्वजनिक सुझाव आ सकें. इन मसौदों में परियोजना की मुख्य विशेषताओं की जानकारी, ‘पात्रता के लिए अनुरोध-पत्र’ (RFQ), छूट के समझौता के मार्गदर्शक सिद्धांत, परियोजना सूचना ज्ञापन (पीआईएम) के लिए मसौदा दस्तावेज शामिल हैं.

100 रूट्स पर चलेंगी 150 प्राइवेट ट्रेनें

वेबसाइट पर निजी परिचालकों को 100 मार्गों पर 150 ट्रेनों को चलाने की छूट की योजना रेखांकित की गयी है. आयोग का अनुमान है कि इससे 22,500 करोड़ रुपये का निजी निवेश आ सकता है.

इसमें कहा गया है कि मार्ग विशेष पर निजी ट्रेनों से यात्रा में समय उस मार्ग पर भारतीय रेली की सबसे तेज गति से चलने वाली गड़ी से 10 प्रतिशत कम या ज्यादा लग सकता है.

हर ट्रेन में होंगे मिनिमम 16 डिब्बेमसौदा के अनुसार, भारतीय रेलवे निजी ऑपरेटरेटरों की रेलगाड़ियों के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगा. निजी कंपनियों की ट्रेन के खुलने के तयशुदा समय के 15 मिनट के भीतर पहले से चलने वाली कोई ट्रेन उसी मूल गंतव्य स्थान में उस विशेष समय में नहीं चलेगी. हर ट्रेन में न्यूनतम 16 डिब्बे होंगे और डिब्बो की संख्या उस मार्ग की भारतीय रेल की सबसे अधिक डिब्बों की गाड़ी से अधिक नहीं होगी.

दस्तावेज के अनुसार पैसेंजर ट्रेनों का संचालन और रखरखाव अनुसन्धान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा तय मानक के अनुरूप होगा. ट्रेनों के रखरखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनी की होगी.

रेलवे बोर्ड का हुआ पुनर्गठन
इस बीच इंडियन रेलवे प्रोमोटी ऑफिसर्स फेडरेशन (आईआरपीओएफ) अपने काडरों के विलय की मंत्रालय की योजना के समर्थन में सामने आया है. रेल मंत्री पीयूष गोयल को छह जनवरी को लिखे पत्र में यूनियन के महासचिव रमन कुमार शर्मा ने कहा कि यूनियन ने रेलवे में बदलावों का समर्थन करने का फैसला किया है.

27 दिसंबर एवं 28 दिसंबर को हुई इसकी वार्षिक आम सभा की बैठक में इसके पुनर्गठन पर चर्चा के बाद यह पत्र लिखा गया. रेलवे ने दिसंबर में रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन किया और एकमात्र रेलवे प्रबंधन प्रणाली में अपने विभिन्न काडरों का विलय किया.

साभार- न्‍यूज 18

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