Publish Date:10-Apr-2019 14:05:35
राफेल मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार की तमाम आपत्तियों को खारिज करते हुए पुनर्विचार याचिका पर नए दस्तावेज के आधार पर सुनवाई की फैसला किया है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ की तीन जजों वाली पीठ ने कहा कि जो नए दस्तावेज उनके सामने आए हैं, उनके आधार पर रिव्यू पिटिशन की सुनवाई होगी.
बता दें सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में समीक्षा याचिकाओं पर केंद्र की आपत्तियों को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की दलीलों को खारिज कर रक्षा मंत्रालय से लीक हुए दस्तावेज की वैधता को मंजूरी प्रदान कर दी है. कोर्ट के फैसले के अनुसार यह दस्तावेज सुनवाई का हिस्सा होंगे.
केंद्र ने दलील दी थी कि प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा की समीक्षा याचिका से जुड़े दस्तावेज में राफेल की रक्षा फाइलों से अनधिकृत रूप से फोटोकॉपी की गई थी और इससे फ्रांस के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और मैत्रीपूर्ण संबंधों पर इनका प्रभाव पड़ेगा.
CJI की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह समीक्षा याचिकाओं पर विस्तृत सुनवाई शुरू करने के लिए तारीख तय करेगी, जिसमें राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत के साथ दसॉ एविएशन द्वारा अनिल अंबानी की कंपनी को ऑफसेट पार्टनर के तौर पर चुने जाने को लेकर सवाल उठाए गए हैं.
राफेल मामले में याचिकाकर्ता अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला पर कहा कि हमारा तर्क यह था कि क्योंकि दस्तावेज रक्षा से संबंधित हैं, इसलिए आपको उनकी जांच करनी चाहिए. आपने इन साक्ष्यों को मांगा और हमने इसे दिया इसलिए कोर्ट ने हमारी दलीलों को स्वीकार कर लिया है और सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जांच की मांग ठुकरा दी थी. लेकिन उसके बाद याचिकाकर्ताओं ने कुछ नए दस्तावेज़ कोर्ट को सौंपे हैं और कहा है कि इसके आधार पर कोर्ट राफेल डील की जांच कराए. जांच की मांग संबंधी याचिका पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने दायर की है. वकील प्रशांत भूषण भी इसमें याचिकाकर्ता हैं.
साभार- न्यूज 18