11-May-2024

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किसानों को गेहूँ पर 160 रू. प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि देगी सरकार

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गेहूँ की बम्पर फसल पर किसान चिंतित न हो
केन्द्र द्वारा सोयाबीन की भावांतर राशि न देने पर भी सरकार करेगी पूरा भुगतान
मक्का की भावांतर राशि 219 रू. की जगह 250 रू. प्रति क्विंटल मिलेगी किसानों को
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने दी किसानों को सौगातें

भोपाल : मंगलवार, मार्च 5, 2019, मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि प्रदेश में इस बार गेहूँ की बम्पर फसल होने पर भी किसानों को मूल्य कम मिलने की चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने गेहूँ का समर्थन मूल्य 1840 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है, किन्तु मध्यप्रदेश सरकार 2000 रुपये प्रति क्विंटल पर किसानों का गेहूँ खरीदेगी। यह बढ़ी हुई 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि प्रदेश सरकार अपने बजट से देगी। यह प्रोत्साहन राशि उन किसानों को भी दी जायेगी, जो मण्डी जाकर अपना गेहूँ बेचेंगे। प्रोत्साहन राशि को लेने के लिए किसानों पर सरकारी एजेंसियों को ही गेहूँ बेचने का बंधन नहीं होगा।

सोयाबीन भावांतर की 1000 करोड़ की राशि दे भारत सरकार

इसी के साथ मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि भावांतर योजना में केन्द्र और राज्य दोनों की हिस्सेदारी होती है, इसलिए मध्यप्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि भारत सरकार सोयाबीन भावांतर की रोकी हुई लगभग 1000 करोड़ की राशि मध्यप्रदेश सरकार को दे दे, जिससे प्रदेश सरकार अपने हिस्से की राशि जोड़कर किसानों को तत्काल भुगतान कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि भारत सरकार ने यह राशि नहीं दी, तब भी मध्यप्रदेश सरकार किसानों को भावांतर राशि का पूरा भुगतान करेगी।

पूर्व सरकार ने किया किसानों को गुमराह

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि विधान सभा निर्वाचन के पहले भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बजट में प्रावधान किये बिना सोयाबीन और मक्के पर 500 रुपये प्रति क्विंटल फ्लैट भावांतर देने की घोषणा की थी। पिछली भाजपा सरकार, भारत सरकार से पैसे मिलने की उम्मीद में सिर्फ घोषणा ही करती रही। इतना ही नहीं भाजपा सरकार ने सोयाबीन पर 500 रुपये प्रति क्विंटल की घोषणा की थी, जबकि आदेश ''500 रुपये प्रति क्विंटल तक'' का निकाला था। ऐसा कर तत्कालीन प्रदेश सरकार ने किसानों को गुमराह किया था।

मक्का भावांतर राशि 219 रू. की जगह 250 रू. प्रति क्विंटल दी जायेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछली भाजपा सरकार ने मक्का के संबंध में भी भावांतर की घोषणा कर दी थी, जिसे भारत सरकार ने अभी तक स्वीकृति नहीं दी है। भारत सरकार के किसान विरोधी रवैये के कारण हमारे प्रदेश के किसानों को पूरा-पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के इस रवैये के बावजूद हम किसानों को पूरा लाभ दिलायेंगे। मुख्यमंत्री जी ने बताया कि मक्का की भावांतर राशि जो मंडी में औसत मॉडल बिक्री भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य का अंतर यानि 219 रुपये प्रति क्विंटल आ रही थी, को बढ़ाकर 250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को भुगतान किया जायेगा।

प्रदेश सरकार किसानों की सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सरकार किसानों की सरकार है। प्रदेश की कृषि आधारित अर्थ-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार ने सबसे पहले किसानों को ऋणमुक्त बनाया है। प्रदेश के 55 लाख किसानों का अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ करना प्रारंभ कर ऋण माफी प्रमाण-पत्र और सम्मान-पत्र देना प्रारंभ कर दिया है। इसके अलावा किसान ज्यादा से ज्यादा उत्पादन ले सकें, इसके लिए मृदा और बीज की निःशुल्क परीक्षण सुविधा, 2 लाख रुपये तक के कृषि उपकरणों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी और ब्याज रहित ऋण की व्यवस्था शुरू की गई है। सिंचाई परियोजनाओं के विस्तार को बल देने के साथ-साथ 10 हॉर्स पावर तक के किसानों का इंदिरा किसान ज्योति योजना के माध्यम से बिजली बिल भी आधा किया गया है। अब 10 हॉर्स पावर के तक के किसानों को प्रति वर्ष, प्रति हॉर्स पावर 1400 रुपये के स्थान पर 700 रुपये ही देना होगा।

समर्थन मूल्य पर कृषि उपज की खरीदी जारी

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के अनुसार प्रदेश सरकार का उद्देश्य किसानों की ऋण माफी के बाद कृषि उत्पादन बढ़ाकर उन्हें उचित मूल्य देना है जिससे अन्नदाता समृद्धि और खुशहाली की ओर बढ़ सकें। सरकार की ओर से समर्थन मूल्य में कृषि उपज की खरीदी प्रारंभ है। सरकार किसानों से किये गए हर वचन को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य सरकार के किसान हितैषी निर्णयों से किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।

किसानों का हित संरक्षण सबसे बड़ा लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हितों का ध्यान रखना राज्य सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य है। इस लक्ष्य पूर्ति में किसी भी तरह की बाधा आने पर उसे दूर किया जायेगा। किसानों की भलाई का कार्य निरंतर जारी रहेगा।

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