Publish Date:26-May-2019 02:02:30
लखनऊ, 26 मई 2019, उत्तर प्रदेश में चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी की स्थिति पर ये चर्चा थी कि सपा-बसपा गठबंधन के साथ कांग्रेस का साथ भाजपा को नुकसान पहुंचा सकता है. लेकिन लोकसभा के नतीजों के साथ ही ये दावा गलत हो गया.
दरअसल, नतीजे आने के बाद ये पता चला कि कांग्रेस ने महज 8 सीटों पर ही गठबंधन का खेल बिगाड़ा है. इसलिए सपा और बसपा के साथ आकर भी कांग्रेस बीजेपी का कुछ खास नहीं बिगाड़ पाती. बता दें कि अकेले लड़कर कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को 3 व बीएसपी को 5 सीटों पर चुनाव हरवाया है.
इन सीटों पर हुआ सपा-बसपा को नुकसान
बदायूं, बांदा और बाराबंकी को छोड़कर कांग्रेस समाजवादी पार्टी को कहीं भी नुकसान नहीं पहुंचा पाई जबकि बस्ती धौराहरा, संत कबीर नगर ,मेरठ और सुल्तानपुर में कांग्रेस ने बसपा को हराने में मदद की. 80 में से 54 सीटें ऐसी रही जिसमें सपा-बसपा और कांग्रेस के वोटों को जोड़ भी दिया जाए तो भी बीजेपी से वह काफी पीछे रह गए. इसकी वजह सिर्फ एक थी कि बीजेपी ने 51 फ़ीसदी वोट पाने का जो टारगेट सेट किया था वह उसे पाने में सफल रही.
बीजेपी को मिले 51 फीसदी वोट
जीत के बाद अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में हंसते हुए पत्रकारों से यह कहा कि हम अपने टारगेट को भेद पाने में सफल रहे और 51 फीसदी वोट के साथ हम यह बड़ी जीत हासिल कर सके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि "मोदी है तो मुमकिन है" नारा हमारे लिए मूलमंत्र रहा क्योंकि गठबंधन और कांग्रेस के मैदान में होने के बाद भी 51 फ़ीसदी वोट पाना "मोदी है तो मुमकिन है को सार्थक करता है.
साभार- आज तक