Publish Date:13-Nov-2018 23:11:33
भोपाल, 13 नवम्बर 2018, प्रदेश कांगे्रस मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा के नेतृत्व में कांगे्रस का प्रतिनिधि मंडल आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी लोकेश कुमार जाटव से मिला।
सलूजा ने बताया कि कांगे्रस के प्रतिनिधि मंडल ने निर्वाचन पदाधिकारी को बताया कि दिनांक 13 नवम्बर, 2018 के समाचार पत्रांे में समृद्ध मध्यप्रदेश अभियान के अंतर्गत ‘समृद्धि सड़कों की......’ शीर्षक से भारतीय जनता पार्टी का विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। विज्ञापन में एक आठ लेन सड़क का भ्रामक चित्र प्रकाशित किया गया है।
चित्र देखकर प्रथम दृष्टया ही यह समझ में आ जाता है कि यह सड़क मध्यप्रदेश में कहीं भी नहीं बनी है। दूसरा सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि सड़क के सेंट्रल वर्ज़ के दोनों ओर के वाहन विपरीत दिशाओं में चल रहे हैं। इससे जनता में यातायात नियमों के उल्लंघन करने का संदेश प्रचारित हो रहा है। यह कैसे संभव है कि इतनी व्यस्त सड़क पर वाहन बांयी दिशा से आगे की ओर जाने की बजाय वापस आते दिखें।
जाहिर है कि यह विज्ञापन मध्यप्रदेश के मतदाताओं को भ्रम में डालकर गुमराह करने वाला एक झूठा विज्ञापन लग रहा है। मतदाताओं को विज्ञापन के माध्यम से इस तरह झूठ परोस कर सत्ताधारी दल द्वारा मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास आचरण संहिता का उल्लंघन है। आपसे आग्रह है कि इस विज्ञापन में दिखायी गयी सड़क के भाजपा से प्रमाण मांगे जावे व मतदाताओं को भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से अपने पक्ष में करने के कार्य पर तत्काल रोक लगायें और प्रमाण नहीं मिलने पर भाजपा के पदाधिकारियों पर आचरण संहिता के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज करें।
प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से नरेन्द्र सलूजा, भूपेन्द्र गुप्ता, रवि सक्सेना, पंकज चतुर्वेदी, शाहवर आलम, डाॅ. नीता सिसोदिया, मिथुन रायकवार, प्रवीण धौलपुरे आदि उपस्थित थे।
शिवराज ने बनाया टेक्स को लूट का साधन
मनप्रीत बादल, वित्त मंत्री, पंजाब सरकार, श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी, प्रवक्ता, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, श्रीमती शोभा ओझा अध्यक्ष, मीडिया विभाग, मप्र कांगे्रस कमेटी एवं श्री संजीव सिंह, राष्ट्रीय संयोजक, संचार विभाग, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने प्रेस वार्ता में कहा कि लोकतंत्र में सरकार जनता के लिये बनती है। भारत मंे प्रारंभ से ही जनकल्याणकारी राज्य की अवधारणा चलती आयी है। देश के इतिहास में पहली बार केंद्र और प्रदेशांे में भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने एक ऐसा माॅडल प्रस्तुत किया है, जिसकी प्राथमिकता आम जनता और गरीबों के हक के पैसों पर डाका डालकर उसे ऐसे चुनिंदा लोगों पर लुटाना है, जिनका पेट सरकारी व्यवस्था के छिद्रों से निकले हुए देश के धन को खा-खा कर गले-गले तक भरा है।
पिछले सप्ताह ही नोटबंदी की दूसरी वर्षगांठ पर सामने आया कि मोदी जी जिसे देश को बदलने वाला निर्णय बता रहे थे, उसके दर्द से मध्यप्रदेश का गरीब और किसान अभी तक उबर नहीं पाया है। आज दो साल के बाद भी मंदसौर के जिस किसान ने लगातार चार दिन तक बैंक की लाईन में खडे़ रहकर अपने ही पैसे को निकालने में असफल होने के बाद आत्महत्या कर ली थी, उसका परिवार भारतीय जनता पार्टी की सरकार से जवाब मांग रहा है। मध्यप्रदेश के पिछड़े जिलों दमोह, पन्ना, सतना, शहडोल, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, बालाघाट और बैतूल आदि जहां का व्यक्ति अपने रोजगार की तलाश में दिल्ली, पंजाब, मंुबई जैसे स्थानों पर जाता था, उसमें से लगभग तीस प्रतिशत आज तक अपना रोजगार वापस नहीं पा सका है। मध्यप्रदेश की जनता भी देश की जनता की तरह ही मोदी जी को बुलावा भेज रही है कि वो भोपाल के किसी भी चैराहे पर आकर नोटबंदी हिसाब-किताब दें।
जिस तरह से भूकंप आने पर बड़ी-बड़ी इमारते धराशायी हो जाती हैं, उसी तरह से भारतीय जनता पार्टी की नीतियों के चलते देश का आर्थिक ढांचा धराशायी हो गया है। जिस जीएसटी को एक देश एक कर के सिद्धांत पर लागू किया जाना चाहिए था, वह न तो करों का सरलीकरण कर पाया और न ही व्यापार और व्यवसाय को आसान बना पाया। मध्यप्रदेश के व्यापारी भी पूरे देश के व्यापारियों की तरह रिर्टन फाईल करने और टैक्स नियमों का कम्पलाईंस करने की जटिल प्रक्रिया से पीड़ित हैं। जिस कर प्रणाली में अधिकतम टैक्स 18 फीसदी का होना चाहिए था, उसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने गब्बर सिंह टैक्स बनाकर 28 फीसदी तक का बोझ लाद दिया। कैसा मजाक है कि आम उपभोक्ता अगर 100 रूपये की वस्तु खरीदता है तो उसके एक चैथाई से ज्यादा हिस्सा यानि 28 रूपये टैक्स के रूप में देना पड़ता है। हालात यह है कि यदि ई.बे. बिल में लिखा-पढ़ी की सामान्य सी गलती हो जाये तो भेजे जा रहे सामान पर मनमानी पैनाल्टी लगायी जा रही है, जिसे मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा की सरकारों ने पैसा जुटाने का साधन बना लिया है। ये एक तरह से सरकार द्वारा की जाने वाली लूट है।
देश ने यह भी देखा कि इसी सरकार के कार्यकाल में पहले ललित मोदी फिर नीरव मोदी, फिर प्रधानमंत्री जी के भाई कहलाने वाले मेहुल चैकसी और ऐसे ही कई दूसरे देश के हजारों करोड़ रूपये लेकर भाग गये। विदिशा की जनता सुषमा स्वराज जी से जरूर पूछ रही होगी कि किस मानवीय आधार पर आपने ललित मोदी को देश से भागने का मौका दिया। क्या सारे अपराधियों पर यही मानवीय आधार लागू होगा?
वास्तव में आर्थिक अपराधियों को देश से भगाने की शुरूआत विदिशा की सांसद सुषमा स्वराज जी की चिट्ठी से ही हुई। क्या मध्यप्रदेश ने उन्हें इसलिए चुनकर भेजा था।
डाॅ. कमलापत आर्य बने प्रदेश कांगे्रस के महामंत्री दतिया जिले की विधानसभाओं में चुनाव प्रचार प्रभारी मनोनीत
प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर प्रदेश कांगे्रस उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने पूर्व विधायक डाॅ. कमलापत आर्य को प्रदेश कांगे्रस का महामंत्री नियुक्त किया है। डाॅ0 आर्य ने कांगे्रस की रीति नीति और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य कर पार्टी को मजबूती प्रदान करने का संकल्प लिया है।
श्री शेखर ने बताया कि डाॅ0 आर्य को विधानसभा चुनाव में दतिया जिलों की विधानसभा क्षेत्र भाण्डेर, सेवढ़ा, दतिया का चुनाव प्रचार प्रभारी भी मनोनीत किया गया है।
सूरज भान सोलंकी और अमिताभ सिंघल प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त
प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देशानुसार पूर्व सांसद सूरज भान सोलंकी और अमिताभ सिंघल को प्रदेश कांगे्रस मीडिया विभाग में प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। इस आशय के आदेश कांगे्रस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने जारी किये हैं।