27-Apr-2024

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छत्‍तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष बने मोहन मरकाम, एम पी में भी बदलाव की चर्चा

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रायपुर एवं नई दिल्ली, 28 जून 2019, अखिल भारतीय कांग्रेस ने उन प्रदेशों में जहां 6 माह पूर्व ही कांग्रेस सत्‍ता पर काबिज हुई हैं, अब प्रदेश संगठन में बदलाव का सिलसिला शुरू कर दिया है। शुरूआत छत्‍तीगढ़ से की गयी है। यहां 3 बार के विधायक मोहन मरकाम को प्रदेश अध्‍यक्ष की कमान सौंपी गयी है। वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष का काम मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ही संभाल रहे है। छत्‍तीगढ़ के बाद अब मध्‍यप्रदेश में भी प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष बदलने की चर्चा जोर पकड़ रही है।

क्‍योंकि मध्‍यप्रदेश में भी मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ही प्रदेश अध्‍यक्ष की जिम्‍मेदारी संभाल रहे है। नाथ प्रदेश अध्‍यक्ष पद से निवृत होने की मंशा सार्वजनिक रूप से कह भी चुके है। मध्‍यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस के नये अध्‍यक्ष के लिए सुरेश पचौरी, अजय सिंह राहुल, अरुण यादव, डॉ राजेंद्र सिंह सहित रामेश्वर नीखरा और शोभा ओझा के नामों की चर्चा है। आदिवासी नेता के रूप में बाला बच्‍चन गृह मंत्री का नाम भी लिया जा रहा है। शनिवार शाम को कमलनाथ दिल्‍ली जा रहे है। संभव है, वहां उनकी राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी से इस संबंध में चर्चा हो।

ऑल इंड‍िया कांग्रेस कमेटी के महासचिव के.सी वेणुगोपाल ने मोहन मरकाम छत्‍तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष बनाये जाने के आदेश जारी किये है। छत्‍तीसगढ़ के बस्तर संभाग के कोंडागांव विधानसभा चुनाव में अपनी मजबूत पकड़ की बदौलत वे लगातार तीसरी बार विधायक की सीढ़‍ियां चढे़। वे महाविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष रह चुके हैं। मरकाम एनसीसी में सीनियर अंडर अफसर रहे व गणतंत्र दिवस, नई दिल्ली की परेड में राज्य से चयनित होकर शामिल हुए हैं । वर्ष 1990-91 में  शहीद महेन्द्र कर्मा के सानिध्य में कांग्रेस पार्टी से जुड़ने के बाद वर्ष 1993, 1998, 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट की दावेदारी भी की लेकिन टिकट नहीं मिला, बावजूद इसके वे  कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को जिताने में जी जान से जुड़े रहे।

कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई के लिए नए अध्यक्ष के मुद्दे पर रायपुर से लेकर दिल्ली तक मंथन चला, पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य के कई नेताओं से चर्चा की जिसके यह फैसला सामने आया है। राज्य में डेढ़ दशक बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई तो लोकसभा चुनाव में अपेक्षा के अनुरूप नतीजे नहीं आए। 11 लोकसभा सीटों में से सिर्फ दो पर ही कांग्रेस को जीत मिली है। मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद से ही भूपेश बघेल प्रदेशाध्यक्ष के पद से मुक्ति चाह रहे थे।

वैसे छत्‍तीगढ़ प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में अमरजीत भगत, मोहन मरकाम और मनोज मंडावी के नामों की चर्चा जोरों पर थी। इसको लेकर पार्टी में मंथन भी चल रहा था। इन तीन दावेदारों में से अमरजीत भगत को जहां भूपेश मंत्रिमंडल में जगह देने की तैयारी है। इस मसले पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी मरकाम और मंडावी से बात कर चुके थे।

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