Publish Date:06-Jun-2019 00:49:51
6 माह तक कमलनाथ सरकार को मिल जाएगी राहत, ग्वालियर महापौर का भी इस्तीफा
राजकाज न्यूज, भोपाल : 05 जून, 2019, मध्यप्रदेश की राजनीति में भले ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन एक भा ज पा विधायक जी एस डामोर के सांसद चुने जाने और इसके बाद विधायक पद से इस्तीफा देने पर सत्ता के समीकरण फिलहाल 6 माह तक कांग्रेस के पक्ष में हो गये है। उधर, ग्वालियर महापौर विवेक शेजवलकर ने भी सांसद चुने जाने के बाद इस्तीफा दे दिया है। इधर, डामोर का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष एन. पी. प्रजापति ने मंजूर कर लिया है।
मध्यप्रदेश की पन्द्रहवीं विधान सभा के लिये निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 193-झाबुआ से निर्वाचित विधायक गुमान सिंह डामोर,सदस्य द्वारा विधान सभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया गया है,जिसे विधानसभा के माननीय अध्यक्ष एन. पी.प्रजापति द्वारा 4 जून, 2019 को स्वीकार कर लिया गया है। ज्ञातव्य हो कि श्री डामोर हाल ही में सम्पन्न हुए लोकसभा आम चुनाव में रतलाम झाबुआ के लिए सांसद निर्वाचित हुए हैं।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर विपक्ष बार-बार बहुमत साबित करने का दबाव बना रहा है। लेकिन डामोर के सांसद चुने जाने के बाद उनके विधायक पद से इस्तीफा दिये जाने पर सभी की निगाह टिकी हुई थी। गौरतलब है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के बीच सीटों के अंकगणित में बहुत कम का अंतर है। लेकिन अब एक सीट के रिक्त हो जाने से कांग्रेस ही बहुमत में आ गयी हैं।
बीजेपी के नेता से चर्चा के बाद दिया विधायक पद से इस्तीफा
विधायक डामोर ने बी जे पी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद विधायक पद से अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति को सौंप दिया। लोकसभा चुनाव में जी एस डामोर ने कड़े चुनावी मुकाबले में रतलाम क्षेत्र के तत्कालीन सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को 90,636 मतों के अंतर से हराया और कांग्रेस से यह सीट छीन ली। यह सीट जनजातीय समुदाय के लिये आरक्षित है। डामोर राज्य सरकार के पीएचई विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे।
कांग्रेस के पास 114 सीटें, बीजेपी के पास 108
बता दें कि मध्य प्रदेश में 230 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल सत्तारूढ़ कांग्रेस के पास 114 सीटें हैं, जबकि प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी के खाते में डामोर के इस्तीफा दिये जाने के बाद 108 सीटें हैं। सदन में बहुजन समाज पार्टी के पास दो सीटें, समाजवादी पार्टी के पास एक सीट और निर्दलीय विधायकों के पास चार सीटें हैं। प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने दावा किया कि कुल 121 सदस्यों के समर्थन के साथ सीएम कमलनाथ की कांग्रेस सरकार के पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत है। एक निर्दलीय जो कि कांग्रेस से ही टिकट नहीं मिलने के बाद चुनाव जीते थे, उन्हें मंत्री बनाया जा चुका है। इसलिए अब कांग्रेस के पास 115 यानि बहुमत का आंकड़ा पूरा हो गया है। जबकि अन्य निर्दलीय एवं दो राजनीतिक दलों के 3 विधायकों का समर्थन भी कमलनाथ सरकार के पास हैं। ये सभी कांग्रेस की बैठकों में भी शामिल होकर अपना समर्थन बार-बार दर्शा चके है। इसलिए अब जब तक कि रिक्त सीट पर चुनाव नहीं हो जाता कमलनाथ की सरकार को बहुमत का संकट कम ही रहेगा।
महापौर शेजवलकर ने भी दिया इस्तीफा
इधर, सांसद और महापौर दोनों ही लाभ के पद हैं। इसलिए ग्वालियर महापौर शेजवलकर को एक पद से इस्तीफा देना था। लिहाजा उन्होंने बुधवार को महापौर पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने संभागायुक्त बी एम शर्मा के निवास पर जाकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। सांसद शेजवलकर का महापौर के रूप में यह दूसरा कार्यकाल था। उनका लगभग छह माह का कार्यकाल बचा था। वह वर्ष 2005 से 2009 तक भी महापौर थे। उनका महापौर पद पर यह दूसरा कार्यकाल था। इससे पहले वो 2005 से 2009 तक इस पद पर रहे थे।