Publish Date:26-May-2020 21:42:54
कोरोना लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न भागों में फंसे प्रवासी मजदूरों की दयनीय हालत और उनकी समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लिया। जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह ने केन्द्र, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों को नोटिस भेजते हुए 28 मई तक जवाब देने को कहते हुए पूछा है कि उनकी स्थिति में सुधार के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 28 मई तय की है और सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वे इस मुद्दे पर मदद करें।
गौरतलब है कि कोरोना लॉकडाउन के कई राज्यों में फंसे हुए मजदूरों की स्थिति दयनीय हो गई है। कई प्रवासी कामगारों ने मुंबई और दिल्ली जैसी जगहों से हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पैदल ही तय की। इस दौरान कई बार वे बस और ट्रेन हादसों का शिकार भी हुए है। हालांकि, बाद में सरकार की तरफ से प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर प्रवासी मजदूरों से भरी टाटा 407 गाड़ी पलटी
उत्तर प्रदेश में मथुरा के नौहझील क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे पर डिवाइडर से टकराकर टाटा 407 गाड़ी के पलट जाने से चार बच्चों समेत पांच लोग घायल हो गए और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के अनुसार दिल्ली में मजदूरी कर गुजर-बसर करने वाले बांदा के जोरावरपुर गांव निवासी नीरज तथा उनके मित्र लोग लॉकडाउन के दौरान काम न मिल पाने से परेशान होकर अपने परिवार के साथ इस गाड़ी से गृह जनपद लौट रहे थे।
पुलिस के मुताबिक मथुरा के नौहझील क्षेत्र में चालक को झपकी आ गई, फलस्वरूप गाड़ी डिवाइडर से टकराने के बाद पलट गई। चार बच्चों सहित पांच लोगों के घायल हो गये तथा अन्य कई मजदूरों एवं उनके परिजनों को भी चोट लगी। वे लोग सुबह तड़के ही दिल्ली से निकले थे।
पुलिस के अनुसार दिल्ली के गोपालपुर निवासी शिवचरन सिंह गाड़ी चला रहा था। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे एक्सप्रेस-वे कर्मचारियों ने गाड़ी को सड़क से हटवाया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
साभार- ला हि