श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध
कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के सम्बंध में शासन व प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए जो जहां है वहीं पर रहकर करेगा विरोध
भोपाल, 21 मई 2020,(गुरुवार) मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में श्रम कानूनों में श्रमिकों के हितों के खिलाफ किए गए बदलावों के विरोध में केन्द्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने 22 मई को देशव्यापी अनशन व विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है । उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे में इंटक, सीटू, एचएमएस, एटक, सीएआईटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीटीयू , बैंक, बीमा सहित विभिन्न सेक्टर के फेडरेशन व एशोसिएशन शामिल हैं । संयुक्त मोर्चे की कॉरडिनेशन कमेटी के चेयरमेन व इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जी. संजीवा रेड्डी ने आव्हान किया है कि 22 मई 2020 को संयुक्त मोर्चे की सभी यूनियनें व फेडरेशन राज्य, जिला, तहसील व संस्थानों पर एक दिवसीय उपवास व प्रदर्शन कर केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा श्रम कानूनों में किए गए बदलाव का विरोध कर उन्हें वापस लेने की मांग करेंगे । यह जानकारी इंटक के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी.डी. गौतम ने दी।
गौतम ने बताया कि संयुक्त मोर्चे के चैयरमेन इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.जी.संजीवा रेड्डी जी के निर्देशानुसार कोरोना संकट के चलते देश व प्रदेश में लॉकडाउन के कारण सरकार व जिला प्रशासन द्वारा जो आदेश, नियम व दिशानिर्देश जारी किए गए हैं उनका पूर्णतः पालन करते हुए अनुशासन के साथ यूनियन ऑफिस या जो जहाँ है वहीं पर अथवा लॉक डाउन में घर पर है तो वहीं पर काली पट्टी लगाकर, उपवास रखकर 22 मई को विरोध प्रकट करेंगे । सरकार व प्रशासन के निर्देशानुसार चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य है । इसी प्रकार सेनेटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य निर्धारित मापदंडों तथा निर्देशों का पालन करते हुए जो जहां है वहीं पर श्रम कानूनों में श्रमिकों के हितों के विपरीत किये गए बदलावों का विरोध करते हुए इन्हें वापस लेने की मांग करेंगे।