रात भर सोने की जरुरत नहीं सिर्फ 40 मिनट काफी है सोने के लिए
Publish Date:31-May-2016 16:01:40
अब से थकान दूर करने के लिए पूरी रात सोना छोड़िए और सिर्फ 40 मिनट में पाइए भरपूर ताजगी और थकान से मुक्ति, ये है तरीका। यूं तो कहा जाता है कि कम से काम 6 घंटे की नींद हर किसी के लिए जरुरी है। लेकिन बहुत से लोगों की यह शिकायत रहती है कि पूरी रात सोने के बाद भी सुबह शरीर थका और सुस्त लगता है।
अगर आपको भी इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है और आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है तो आपको अपने सोने के तरीके में एक आसान से बदलाव लाना होगा। इस बदलाव के साथ आप पाएंगे कि आपकी नींद सिर्फ 40 मिनट में पूरी हो गई और आप खुद को तरोताजा और थकान मुक्त पाएंगे।
सोने के इस तरीके में न आपको मोटे और आरामदायक गद्दे की जरुरत है न सिरहाने की आप जहां चाहें वहां अपनी थकान फटाफट दूर कर सकते हैं और बचा सकते हैं हर रोज अपने जीवन के कई घंटे जो आप सोने में गंवा देते हैं। योग और अब विज्ञान ने माना है कि पंद्रह से चालीस मिनट की एक गहरी नींद ली जाए तो आठ दस घंटे बचाए जा सकते हैं और ताजगी गहरे विश्राम जैसी। योग ने इसे योगनिद्रा कहा है।
योगदर्शन के अब तक के सबसे लोकप्रिय और सर्वांगपूर्ण भाष्य के लेखक स्वामी ओमानंद तीर्थ का कहना है कि अभ्यास कायदे से किया जाए तो दिन में बाईस-तेईस घंटे काम किया जा सकता है। योगनिद्रा पर काम कर रहे रूस के वैज्ञानिक एंकतिया चोस्की ने महाभारत में अर्जुन को निद्राजित कहे जाने का सच जानने के लिए, योग का अध्ययन करते समय उन्होंने नींद की जरूरत पर खोज और प्रयोग शुरू किए।
उन्होंने पाया कि नींद के समय व्यक्ति शरीर एवं श्वास के प्रति अचेत रहता है। इससे वह ताजगी और विश्राम महसूस करता है। उन्होंने शरीर के कुछ केंद्रों का जिक्र किया। पेडू, नाभि, पसलियों के बीच, कंठ में और दोनों आंखों के बीच ऐसे केंद्र हैं जहां से शिराओं और तंतुओं तक तरंगें दौड़ती है।
स्वामी ओमानंद के अनुसार व्यक्ति सोते समय अचेतन रूप से देहात्म बोध से मुक्त हो जाता है। तब मस्तिष्क के मुख्य भाग और मेरुदंड के छह चक्रों के शक्ति केंद्रों में बहती धाराएं सक्रिय होती है। इस स्थिति में आने में चार से छह घंटे लग जाते हैं और सिर्फ चालीस मिनट ही ऐसी स्थिति रहती है जो विश्राम देती है।