Publish Date:23-Mar-2017 16:19:11
व्यक्ति चाहे वह निर्धन हो अथवा धनवान, शिक्षित हो अथवा अशिक्षित। हर व्यक्ति में शांतिपूर्ण और अर्थपूर्ण जीवन जीने की क्षमता होती है। परंतु उनके जीवन में अधिकतर मानसिक विचलन राग, द्वेष किसी चीज को पाने एवं खोने का भय बाहरी कारकों से नहीं, बल्कि अन्र्तमन में उभरने वाले क्लेशों से उत्पन्न होता है। व्यक्ति अपने विवेक एवं सामर्थ से इससे उबरने के अनेक उपाय भी करता है। इन कारकों में अाध्यात्मिक उपाय भी सहजता से उपलब्ध है। इन उपायों को हमें उस वर्ग के लिये भी स्वीकार्य बनाना होगा, जिनमें अध्यात्मिक रूझान नहीं है।
व्यक्ति के जीवन को इस प्रकार का मानसिक विचलन जब लगातार एवं लंबे समय तक प्रभावित करता है तो धीरे-धीरे वह अनेक रोगों से ग्रसित होता जाता है। प्राचीन काल से अनेक पद्धतियां मानव जीवन उपचार में उपलब्ध हैं, परंतु जीवन को स्वस्थ्य, तनावमुक्त बनाने के साथ-साथ कार्य की दक्षता एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिये यज्ञ चिकित्सा एक प्रभावकारी एवं अद्भूत प्रयोग हो सकता है।
जीवन में स्वास्थ्य / तनावमुक्त जीवन में परिस्थितिजन्य कारणों से स्वयं के खानपान आचार-विचार व्यवहार एवं अभिव्यक्ति से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है फलस्वरूप आत्मिक, मानसिक अषांति से शारिरिक व्याधियों के कारण रूग्णता उत्पन्न होती है, इनमें हृदय रोग, मनोरोग, रक्तचाप एवं मधुमेह जैसे रोगों के उपचार हेतु यज्ञ चिकित्सा पद्धति के द्वारा निराकरण एवं निदान किया जा सकता है।
यज्ञ अथवा हवन में विशेष प्रकार की जड़ी-बूटी एवं सामान्य सामग्री एवं रोगो के निवारण हेतु विशिष्ट सामग्री का समावेश कर श्रद्धाभाव से हवन करने पर पर्यावरण के साथ-साथ पारिवारिक एवं वैचारिक शुद्धि का आर्विभाव होता है जो जातक के अतिरिक्त परिवार के अन्य सदस्यों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है जो कि एक स्वास्थ्य जीवन के लिये आवश्यक है।
दिनेश दुबे मोबाईल नंबर 9425021101