23-Apr-2024

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सिंहस्थ में एक करोड़ से अधिक लोगों के स्नान की रहेगी व्यवस्था

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उज्जैन में 22 अप्रैल से 21 मई तक होने वाले सिंहस्थ के लिये जल-संसाधन विभाग ने व्यापक तैयारियाँ की हैं। प्रत्येक स्नान के लिये 18 घंटे- प्रात: 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक की अवधि में एक करोड़ से अधिक लोगों के स्नान की व्यवस्था की गयी है। जल-संसाधन विभाग ने 6 जोन में 35 घाट बनाये हैं। इन घाटों की लम्बाई 7647 मीटर और क्षेत्रफल 28 हजार 818 वर्गमीटर है। इन घाटों पर सीढ़ियों वाले स्थान पर 36 लाख वर्गमीटर से अधिक क्षमता का विकास किया गया है।

कालभैरव जोन में सिद्धवट घाट के बायीं तरफ, वाल्मीकी घाट के दायीं तरफ, ऋणमुक्तेश्वर घाट के दायीं तरफ, भृर्तहरि गुफा के दायीं ओर, ओखलेश्वर घाट के दायीं तरफ, विक्रांत भैरव घाट के बायीं तरफ, कालभैरव घाट के बायीं तरफ और सिद्धवट घाट के बायीं तरफ 506 मीटर लम्बाई के 8 घाट बनाये गये हैं। इनका क्षेत्रफल 1112.9 वर्गमीटर है। इनकी कुल क्षमता 5 लाख 10 हजार 200 लोगों की है। इसी तरह मंगलनाथ जोन में 496.5 मीटर लम्बे 5 घाट बनाये गये हैं। इनका क्षेत्रफल 931.7 वर्गमीटर है। इनकी क्षमता 2 लाख 23 हजार 600 लोगों की है। दत्त अखाड़ा जोन में 2432 मीटर के 7 घाट बनाये गये हैं। इनका क्षेत्रफल 9952 वर्गमीटर है और इनकी क्षमता 23 लाख 88 हजार 500 लोगों की है। महाकाल जोन में 3147 मीटर के 9 घाट बनाये गये हैं। इनका क्षेत्रफल 11 हजार 986.80 वर्गमीटर है। इनकी क्षमता 28 लाख 76 हजार 840 लोगों की है। त्रिवेणी जोन में 1065 मीटर लम्बाई के 6 घाट बनाये गये हैं। इनका क्षेत्रफल 4835 वर्गमीटर है और इनकी क्षमता 11 लाख 60 हजार 400 लोगों की है।

घाटों पर श्रद्धालुओं के आने-जाने के मार्ग का भी चिन्हांकन किया गया है। घाटों की साफ-सफाई की व्यवस्था, खान नदी डायवर्सन का क्रियान्वयन, घाटों पर बेरीकेड्स की व्यवस्था कर क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिये विभाग जन-जागरण अभियान भी चलायेगा। विभाग की मुख्य जिम्मेदारी धार्मिक स्नान के दौरान 1.20 मीटर पानी का लेवल उपलब्ध करवाना और प्रत्येक धार्मिक स्नान के बाद स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना भी है।

उज्जैन में आपदा एवं चिकित्सा प्रबंधन पर दो-दिवसीय कार्यशाला शुरू

उज्जैन में 22 अप्रैल से 21 मई तक होने वाले सिंहस्थ के लिये ड्यूटी से जुड़े कार्मिकों को प्रशिक्षण दिलवाये जाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। सिंहस्थ के दौरान आपदा एवं चिकित्सा व्यवस्था के प्रबंधन पर दो-दिवसीय कार्यशाला आज से उज्जैन में शुरू हुई। कार्यशाला में आज 150 वरिष्ठ अधिकारी, 400 डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर तथा 150 पेरा-मेडिकल एवं नर्सिंग स्टॉफ शामिल हुए।

कार्यशाला के शुभारंभ पर सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष श्री माखन सिंह ने कहा कि सिंहस्थ के दौरान सफलता से व्यवस्था करना सभी के लिये चुनौती है। सफल आयोजन टीम भावना से किया जा सकता है। कलेक्टर ने बताया कि सिंहस्थ में 5 करोड़ श्रद्धालु के पहुँचने का अनुमान लगाया गया है। उज्जैन मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. एच.के. सिंह ने बताया कि मेले के दौरान नि:शुल्क उपचार और ऑपरेशन की व्यवस्था रहेगी। इसके साथ ही मरीज के सहयोगी के लिये भी नि:शुल्क आवास एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी। कार्यशाला में एम्स, नई दिल्ली के डॉ. प्रवीण अग्रवाल, अटलांटा, अमेरिका के डॉ. विकास कपिल, डॉ. आर्थर येंसी और डॉ. कायला लर्सन ने आपदा प्रबंधन और चिकित्सा व्यवस्था पर व्याख्यान दिये। प्रशिक्षण एक मार्च को भी जारी रहेगा। प्रशिक्षण में शामिल व्यक्तियों को प्रेजेंटेशन के जरिये चिकित्सा व्यवस्था एवं आपदा प्रबंधन की जानकारी दी गयी।

मेला कार्यालय में डिजिटल मेप कियोस्क लगा

सिंहस्थ मेला कार्यालय में डिजिटल मेप कियोस्क मशीन लगायी गयी है। मशीन से मेला क्षेत्र के सभी जोन, सेक्टर और सम्पूर्ण मेला क्षेत्र के डिजिटल नक्शे उपलब्ध करवाये गये हैं। इन डिजिटल नक्शों को कम्प्यूटराइज्ड की-बोर्ड से ऑपरेट कर छोटा-बड़ा किया जा सकता है। डिजिटल मेप से भू-खण्डों के आवंटन की स्थिति को सरलता से जाना जा सकेगा।

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