Publish Date:15-Feb-2017 00:18:22
कोई भी देश नहीं कर पाया ऐसा कारनामा
भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बुधवार को एक साथ 104 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर एक नया इतिहास रचेगा। इसके लिए 28 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार सुबह करीब साढे पांच बजे चेन्नई से 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा में शुरू हुई।
इसरो ने मंगलवार को बताया कि पीएसएलवी-सी 37 कार्टोसेट-2 सीरीज के उपग्रह मिशन के प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती सुबह 5:28 बजे शुरू हुई। इससे ठीक पहले मिशन रेडीनेस रिव्यू कमेटी एंड लांच ऑथोराइजेशन बोर्ड ने प्रक्षेपण की मंजूरी दी थी। संगठन के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने रॉकेट के प्रोपेलैंट को भरना शुरू कर दिया है।
रूस के पास सबसे अधिक उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड: अब तक रूस के पास एक साथ सबसे अधिक उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड है। उसने 37 उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित कर यह मुकाम हासिल किया था। इसरो भी जून 2015 में एक साथ 23 उपग्रह प्रक्षेपित कर अपनी काबलियत साबित कर चुका है।
पीएसएलवी का 39वां मिशन: भारत द्वारा ही विकसित ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान इसरो का सबसे विश्वस्त रॉकेट है। अब तक पीएसएलवी की मदद से 38 मिशन को अंजाम दिया जा चुका है। पीएसएलवी-सी 37 इस श्रेणी के रॉकेट का 39वां मिशन होगा।
भारत के तीन उपग्रह: इस मिशन के जरिये भारत 714 किलोग्राम वजनी कार्टोसेट-2 सीरीज का उपग्रह प्रक्षेपित करेगा, जो धरती की निगरानी के इस्तेमाल में आएगा। इसके अलावा दो नैनो उपग्रह आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी को भी कक्षा में स्थापित किए जाएंगे।
101 विदेशी उपग्रह: इसरो जिन 104 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने जा रहा है, उनमें 101 विदेशी उपग्रह हैं। अकेले 96 उपग्रह अमेरिका के हैं। इनके अलावा एक-एक उपग्रह इजरायल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात के हैं।
अंतिम 600 सेकेंड अहम: भारतीय अतंरिक्ष विज्ञान के लिए बुधवार को रॉकेट प्रक्षेपण के अंतिम 600 सेकेंड काफी अहम होंगे, क्योंकि सभी 104 उपग्रहों को कक्षा में छोड़ने के लिए पीएसएलवी को बस इतना ही समय मिलेगा।
रूस के पास सबसे अधिक उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड: अब तक रूस के पास एक साथ सबसे अधिक उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड है। उसने 37 उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित कर यह मुकाम हासिल किया था। इसरो भी जून 2015 में एक साथ 23 उपग्रह प्रक्षेपित कर अपनी काबलियत साबित कर चुका है।