Publish Date:11-Feb-2020 00:52:08
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत जारी करने में देरी को लेकर आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए. इसे लेकर दिल्ली की सियासत गरमा गई. ऐसे में दिल्ली विधानसभा चुनाव में फाइनल मतदान प्रतिशत से जुड़े विवाद और आम आदमी पार्टी की तरफ से चुनाव आयोग पर उठाए गए सवाल पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत से न्यूज18 इंडिया ने बात की. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि ये हर चुनाव में सामान्य बात है. मतदान खत्म होने पर चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी जानकारी देता है. आगे पढ़ें- पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत से हुई पूरी बातचीत...
प्रश्न- दिल्ली चुनाव में मतदान प्रतिशत जारी करने में देरी को लेकर आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाया? क्या सचमुच में देरी हुई या फिर सामान्य तरीके से मतदान प्रतिशत दिया गया?
उत्तर- दिल्ली विधानसभा चुनाव में अंतिम मतदान प्रतिशत देने में किसी तरह की देरी या गलती नहीं हुई. ये हर चुनाव में सामान्य है और मतदान खत्म होने पर चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अनुमान के मुताबिक वोटिंग प्रतिशत बता देता है. साथ ही दूसरे दिन तक सभी मतदान केन्द्र के आंकड़ों को जुटाकर चुनाव आयोग फाइनल मतदान प्रतिशत देता है. दिल्ली चुनाव के मामले में दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने मतदान खत्म होने पर Tentative प्रतिशत दिया और दूसरे दिन फाइनल आंकड़ा बताया.
ओपी रावत ने कहा- राजनीतिक दल चुनाव आयोग पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के सवाल उठाते हैं और कभी-कभी चुनाव से जुड़ी चिंता की वजह से भी ऐसे सवाल उठाते हैं. हर बूथ पर मतदान के बाद राजनीतिक दलों के एजेंट की मौजूदगी में ईवीएम सील करके पीठासीन अधिकारी मतदान से जुड़ी जानकारी संबंधित फॉर्म में भरकर और राजनीतिक दलों के एजेंट से हस्ताक्षर कराने का बाद फिर सीलबंद ईवीएम को स्ट्रांग रूम तक पहुंचाते हैं. ईवीएम जमा करते वक्त पीठासीन अधिकारी पोलिंग बूथ पर कितना मतदान हुआ और बाकी जानकारी से जुड़ा फॉर्म और पूरा विवरण रिटर्निंग अफसर के पास जमा कराते है. ऐसे में ईवीएम मशीन को जमा करने का काम देर रात तक चलता है और अगले दिन राजनितिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में रिटर्निग अफसर और चुनाव पर्यवेक्षक सभी पोलिंग बूथ की स्क्रूटनी करते हैं.
स्क्रूटनी का मकसद ये देखना होता है कि क्या कहीं Repoll की ज़रूरत है. और दूसरा ये अगर पीठासीन अधिकारी की रिपोर्ट में कोई भूल-चूक है तो उसे सुधारा जाए. हर पोलिंग बूथ के फॉर्म की जांच के बाद रिटर्निंग अफसर मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय को रिपोर्ट भेजते हैं और फिर कार्यालय सभी मतदान बूथ से जुड़े आंकड़ों को दर्ज कर फाइनल मतदान प्रतिशत जारी करता है. कई बार कुछेक मतदान बूथ का आंकड़ा देर से आने की वजह से फाइनल मतदान प्रतिशत आने में देरी होती है.
प्रश्न- क्या कई बार फाइनल मतदान प्रतिशत तीसरे दिन तक जारी हुआ है?
उत्तर- ज्यादातर चुनाव में मतदान के दूसरे दिन देर शाम तक सभी पोलिंग बूथ के मतदान प्रतिशत को फाइनल कर लिया जाता है. लेकिन कई चुनाव में तीसरे दिन तक भी फाइनल मतदान प्रतिशत दिया गया है. खासकर उतर पूर्व के राज्यों और वैसे राज्यों में जहां दूरस्थ इलाकों से पोलिंग टीम को आने में देरी होती है.प्रश्न- क्या Voter Turnout App से भी कन्फ्यूजन पैदा हुआ है ?
उत्तर- Voter Turnout App इंटरनेट आधारित है और कई परिस्थितयों पर निर्भर करता है कि कैसे आंकड़े अपडेट हो रहे हैं. अगर कहीं इंटरनेट की समस्या है और वहां से आंकड़े भेजने में समस्या हो रही है तो वहां के आंकड़े देरी से आते हैं. ऐसे कई कारक हैं जो Voter Turnout App पर आंकड़े के अपडेट को प्रभावित करते हैं.
साभार- न्यूज 18
में नीरज कुमार की रिपोर्ट