Publish Date:07-Nov-2016 19:53:41
कांग्रेस कार्यसमिति ने पहली बार सर्वसम्मति से पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने की पेशकश की है। राहुल गांधी ने भी कार्यसमिति की बैठक में वरिष्ठ नेताओं के आग्रह पर अपनी मुहर लगाकर वर्तमान समय में देश के सामने खड़ी चुनौती और वर्तमान परिरस्थ्तियों में भारत पर सोच का खतरा बताकर किसी भी जिम्मेदारी को स्वीकार करने की मंशा जताई है।
पार्टी की कमान फिलहाल सोनिया गांधी के हाथों में ही रहेगी। पार्टी के संगठनात्मक चुनाव पूरे न होने के चलते कार्यसमिति ने सोनिया का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। पार्टी को चुनाव आयोग में 31 दिसंबर तक इसकी जानकारी देनी थी। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि राहुल की ताजपोशी पर कार्यसमिति कभी फैसला ले सकती है। राहुल को अध्यक्ष बनाने की बात पूर्व रक्षा मंत्री एके.एंटनी ने उठाई और डा.मनमोहन सिंह के अनुमोदन के साथ पूरी कार्यसमिति ने अपनी इच्छा जताई।
लंबे समय से पार्टी में चली आ रही इस मांग को लगभग हर वर्ष दोहराया जाता है. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग को हुए विलंब के बारे में सूचित कर दिया जाएगा. गौरतलब है कि स्वास्थ्य कारणों के चलते सोनिया गांधी पार्टी की मीटिंग में शामिल नहीं हुईं.
2014 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी पराजय के सिलसिले को नहीं तोड़ पाए. केरल और असम चुनाव में भी पार्टी को पराजय का मुंह देखना पड़ा था. आगामी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व की परीक्षा होगी जहां पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को 403 सीटों में केवल 28 सीटे मिली थीं. 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में केवल राहुल गांधी अपनी सीट बचा पाए थे.
वहीं, हाल के दिनों में राहुल गांधी ने 'वन रैंक वन पेंशन' के मामले में सरकार को घेरते रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ओरओपी के संबंध में झूठ बोलने का आरोप लगाया था. पिछले सप्ताह राहुल गांधी को पूर्वसैनिक रामकिशुन के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने की कोशिश करते समय तीन बार गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने सरकार पर पेंशन का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया था.