24-Apr-2024

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मुख्यमंत्री की फर्जी घोषणाओं से मजदूरों का पेट नहीं भरेगा

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प्रवासी मजदूर आयोग केवल झुनझुना, कमलनाथ की इंदिरा ज्योति योजना फिर से तत्काल लागू हो- भूपेन्द्र गुप्ता

भोपाल, 01 जून 2020, कोरोना त्रासदी से मध्य प्रदेश के मजदूरों, नागरिकों ,व्यवसायियों और किसानों के लिए उसी तरह की फर्जी घोषणाओं का पिटारा  खोला  दिया है जैसी घोषणाएं विगत 15 सालों में की जाती रही है । ऐसी  घोषणाएं केवल सुनने में अच्छी होती हैं लेकिन जमीन पर कुछ नहीं होता । मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा की गई ऐसी ही आठ घोषणाओं को हास्यास्पद बताया है।

उन्होंने कहा कि हजारों किसान चना लेकर लाइन में लगे हुए हैं उनसे साबुत चना तो खरीदा नहीं जा रहा है ।दाना छोटा हो तो वापिस लौटाया जा रहा है। शिवराज सिंह जी घोषणा कर रहे हैं कि अगर चने में तिवड़ा भी मिला होगा तो उसे खरीद लिया जाएगा ।किसान चने के दाने में तिवड़ा की दाल क्यों मिलायेगा? गुप्ता ने सरकार से
आग्रह किया कि इस तरह की भ्रामक घोषणाओं से किसान की मदद नहीं होगी। आप तो केवल चना ही खरीद लीजिए तो किसानों पर बड़ी कृपा होगी। इसी तरह व्यापारियों को रूपये 10 हजार तक का ऋण सरकार द्वारा दिलवाए जाने की घोषणा भी एक मजाक है। आज छोटी सी किराने की दुकान के कर्मचारी का  वेतन भी
पांच हजार से ज्यादा होता है। ऐसे व्यापारी को रूपये10 हजार का ऋण देकर उसका उपहास उड़ाया जा रहा है।

गुप्ता ने बिजली के बिलों पर घोषित नई योजना की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अप्रैल मई-जून का फिक्स चार्ज पूरी तरह से माफ किया जाना चाहिए। उसे तीन
महीने बाद समान किस्तों में वसूल किए जाने का क्या औचित्य है ? जबकि सरकार खुद जानती है कि अगर आटा चक्की वाला भी चक्की बंद किए बैठा है तो उसे फिक्स चार्ज में ही कम से कम 5 से रुपये 10 हजार बिल का आता होगा। ऐसी स्थिति में व्यापारी को कोई फायदा नहीं होने वाला है? सरकार कह रही है कि मई जून में बिल आयेगा उससे उपभोक्ताओं को 150 करोड़ का लाभ मिलेगा। क्या सरकार जानती है कि उसे भविष्य में कितने का बिल देना है और कितने पैसे कम करना है।गुप्ता ने कमलनाथ सरकार की इंदिरा ज्योति योजना तत्काल शुरू करने की मांग की।

गुप्ता ने प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए जाने वाले आयोग को भी मजदूरों के साथ मजाक बताया है। आयोग का गठन उनकी पथराई आंखों में सपनों के समान.है। मजदूर भूखा है उसे आज भोजन चाहिए ।ऐसे समय सरकार कह रही है प्रवासी मजदूर आयोग बनाएंगे। कब वह कलेक्टर के पास जाकर अपना पंजीयन कराएगा और कब कलेक्टर साहब उसका ध्यान रखेंगे ।मुख्यमंत्री जी की यह घोषणा उनकी लचर कल्पनाशीलता का एक बड़ा उदाहरण है।

गुप्ता ने आग्रह किया है कि गरीबों को राहत दीजिए उन्हें कल्पनाओं के समंदर में मत तैराइए ।उनके दुख का त्रासदी का समय है और इस तरह की घोषणाएं एक तरह
से मजदूरों का किसानों का व्यापारियों का उपहास करने वाली  हैं।

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