24-Apr-2024

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सेना में महिलाओं को मिलेगा पुरुषों के बराबर हक

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नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से सेना में काम कर रही महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने सशस्त्र सेना में महिलाओं को पुरुषों के बराबर हक देने का ऐलान किया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि सेना में महिलाओं को कॉम्बेट (लड़ाकू) सपॉर्ट आर्म में भी परमानेंट कमिशन मिल सकता है। इसके साथ ही इस पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या ऐसा होने पर सेना में महिलाएं जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) और वाइस चीफ के पद तक भी पहुंच सकेंगी।

यूनिफॉर्म वाली महिलाओं को तोहफा
पीएम मोदी ने ऐलान किया कि 'भारतीय सशस्त्र सेना में शॉर्ट सर्विस कमिशन के माध्यम से नियुक्त महिला अधिकारियों को पुरुष समकक्ष अधिकारियों की तरह पारदर्शी चयन प्रकिया के जरिए स्थाई कमिशन (परमानेंट कमिशन) की घोषणा करता हूं। यह यूनिफॉर्म की जिंदगी जी रही महिलाओं को तोहफा है।' इस ऐलान का यह मतलब निकाला जा रहा है कि अब सेना में महिलाओं को एजुकेशन और लीगल ब्रांच के अलावा कॉम्बेट सपॉर्ट आर्म में परमानेंट कमिशन मिल सकेगा और महिलाओं को अपने यूनिफॉर्म करियर को 14 साल में खत्म नहीं करना होगा।

सेना के भीतर शॉर्ट सर्विस कमिशन (एसएससी) के तहत रिक्रूट हुई महिला अधिकारियों को परमानेंट कमिशन ऑफर करने के लिए अलग काडर बनाने पर कुछ समय से विचार चल रहा है। इसके लिए अलग काडर बनाया जा सकता है ताकि महिलाओं को लड़ाकू भूमिका छोड़कर बाकी भूमिकाओं में परमानेंट कमिशन दिया जा सके। कुछ वक्त पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि सरकार शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत आई महिलाओं को परमानेंट कमिशन ऑफर करने के लिए तैयार है। सूत्रों के मुताबिक सेना में इस पर चर्चा चल रही है महिला अधिकारियों को परमानेंट कमिशन ऑफर करने के लिए अलग काडर बनाए जाए। इसमें इमेज इंटरप्रिटेशन, साइबर और आईटी, लैंग्वेज स्पेशलिस्ट, सर्विस बोर्ड, मिलिटरी पुलिस, एयर ट्रैफिक कंट्रोल ब्रांच शामिल की जा सकती है।

अभी महिलाओं को नहीं मिलती चॉइस
एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक अभी एसएससी के तहत आए पुरुष अधिकारियों को 10 साल पूरे होने पर परमानेंट कमिशन ऑफर किया जाता है। लेकिन महिला अधिकारियों को सिर्फ लीगल ब्रांच और आर्मी एजुकेशन कोर में ही परमानेंट कमिशन ऑफर किया जाता है। जबकि अभी लड़ाकू भूमिका को छोड़कर सभी कॉम्बेट (लड़ाकू) सपॉर्ट आर्म में महिला अधिकारी एसएससी के तहत रिक्रूट की जाती हैं। अभी वह सिग्नल, इंजिनियरिंग, इंटेलिजेंस ब्रांच में भी हैं। लेकिन अगर यह 10 साल बाद लीगल या एजुकेशन ब्रांच के अलावा किसी और में परमानेंट कमिशन चाहें तो उनके पास यह ऑप्शन मौजूद नहीं है। प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद यह माना जा रहा है कि सिग्नल, इंजिनियरिंग, इंटेलिजेंस ब्रांच जैसे कॉम्बेट सपॉर्ट आर्म में भी महिला अधिकारियों को परमानेंट कमिशन मिल सकेगा।

246 महिला अधिकारी कर रही हैं इंतजार
2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि एसएससी के तहत आई महिला अधिकारियों को तबतक रिलीव न करें जबतक उन्हें परमानेंट कमिशन देने या न देने को लेकर कोई फाइनल फैसला नहीं हो जाता। मामला अभी कोर्ट में है। एसएससी के तहत सेना में 14 साल पूरे कर चुकी ऐसी करीब 246 महिला ऑफिसर हैं। परमानेंट कमिशन मिलने के बाद महिला ऑफिसरों को भी पुरुष अधिकारियों के तहत सेना में कॉम्बेट सपॉर्ट आर्म में 54 साल की उम्र तक अपनी सेवाएं दे सकेंगी।

साभार- नवभारत टाइम्‍स

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