Publish Date:09-Nov-2016 20:27:07
स्विस बैंकों से 80 लाख करोड़ से अधिक कालाधन कब आयेगा: अरूण यादव
भोपाल 09 नवम्बर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने कालेधन और नकली नोटों के खिलाफ 500 व 1000 के नोट बंद किये जाने के अचानक लिये गये केन्द्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और कालेधन को लेकर कांग्रेस का रूख और समर्थन केन्द्र के साथ है, किन्तु स्पष्ट नीति के अभाव में लिये गये इस ताबड़तोड़ फैसले ने देश में जहां आर्थिक आपातकाल में हालात उत्पन्न कर दिये हैं, वहीं कारोबारियों, किसानों, गृहणियों और मध्यमवर्ग के प्रति घोर परेशानियों का अंबार लगा दिया है। जिन किसानों ने अपनी फसलें हाल ही में बेची हैं और देवउठनी ग्यारस से प्रारंभ विवाह समारोहों की जिन परिवारों ने पूरी तैयारी कर ली है, उनके सामने तो मानों पहाड़ सा टूट गया है। श्री यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से यह भी पूछा है कि केन्द्र के इस निर्णय से क्या अडानियों और अंबानियों का कालाधन भी सामने आयेगा?
यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रतिप्रश्न करते हुए जानना चाहा है कि लोकसभा के दौरान उन्होंने स्विस बैंकों से 80 लाख करोड़ रूपयों से अधिक कालाधन लाने की प्रतिबद्धता देशवासियों से दोहराई थी, जिसे लेकर वे अपने काबिज होने के ढाई वर्षों बाद भी असफल रहे हैं। अब देश का कालाधन निकालने में वे कितने सफल होंगे ? केंद्र के इस निर्णय से आमजन हताहत है, क्योंकि केंद्र सरकार की घोषणा के अनुरूप 9 एवं 10 नवम्बर को बैंक बंद रहंेगे, 12, 13 और 14 नवम्बर को क्रमशः दूसरा शनिवार, रविवार और 14 को गुरूनानक जयंती का शासकीय अवकाश है। लिहाजा, कमजोर और मध्यम वर्गीय परिवार इस आर्थिक आपातकाल से कितना कराहेगा, अकाल्पिनक है। इससे लगता है कि केन्द्र ने बिना सोचे समझे या षड्यंत्रपूर्वक इस तुगलकी निर्णय को देश के आमजनों पर थोपा है।
भाजपा अडानी-अंबानियाें की सरकार: अरूण यादव
मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरुण यादव ने आज शहडोल संसदीय उप चुनाव मे कांग्रेस प्रत्याशी हिमाद्री दलवीर सिंह जी के पक्ष मे विशाल आमसभा को संबोधित किया । इसी तारतम्य मे उन्होने संभागीय मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर गोहपारु, खन्नौदी व जयसिंह नगर मे सभा को संबोधित करते हुए कहा कि काला धन विदेशो मे रखा है लेकिन देश- प्रदेश की जनता को 500-1000 रुपए के नोट को अचानक बंद कर देने से प्रदेश के शोषित, पीडि़त, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, गरीब और आदिवासी वर्ग को इसकी सबसे बड़ी मार झेलनी पड़ेगी। जो माता-बहने किसान भाई अपने बचत खाते मे 1000-500 की नोट रखे रहे होंगे वो भी मोदी व भाजपा की इस नीति से चपेट मे आए है। यह आदिवासियो के साथ बहुत बड़ा छलावा है।
यादव ने कहा कि हिमाद्री सिंह किसी परिचय की मोहताज नही, वे इस क्षेत्र के विकास पुरुष रहे देश के पूर्व मंत्री स्वर्गीय दलवीर सिंह व पूर्व सांसद रही राजेश नंदनी सिंह की बेटी है। आप सब इस सुयोग्य प्रत्याशी को आगामी 19 तारीख को अपना अमूल्य मत देकर विजयी बनाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मप्र के विधानसभा के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने भाजपा व कांग्रेस की तुलना करते हुए उसे अंबानी-अंडाणी की सरकार बताया तो कांग्रेस को आदिवासियो की हितैषी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को रिकार्ड मतो से विजयी बनाने की अपील की। कार्यक्रम मे जिला अध्यक्ष नीरज द्विवेदी, ब्योहारी विधायक रामपाल सिंह, प्रदेश प्रतिनिधि संतोष शुक्ल, ब्लाक अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह, आर.के.पांडे, किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष समर्थ सिंह, जिला अध्यक्ष हरि मोहन तिवारी, प्रदेश संगठन मंत्री कमलेश तिवारी, परशुराम द्विवेदी, सुंदरलाल गुप्ता, ललिता गोंड, बहादुर सिंह व राजीव मिश्रा इत्यादि कांग्रेस पदाधिकारियो ने मुखरता से बात रखी।
आनन्दोत्सव प्रदेश की जनता के जले पर नमक छिड़कने जैसा: रवि सक्सेना
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने भाजपा सरकार द्वारा दस हजार ग्राम पंचायतों में आनंदोत्सव मनाए जाने के फैसले पर प्रश्न उठाते हुए कहा है कि लगता है शिवराज सरकार प्रदेश की जमीनी हकीकत से या तो बेखबर है या फिर बदहाल स्थिति से जनता का ध्यान हटाने के लिए भ्रमित करने के लिए आनंदोत्सव का हथकंडा अपनाने की कवायद कर रहे हैं। जो प्रदेश की बेबस और दुखी जनता के साथ महज एक धोखा साबित होगा।
सक्सेना ने कहा कि पूरा प्रदेश बदहाली के दौर से गुजर रहा है। जनता मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी, सड़क, रोजगार, रोटी से वंचित है। प्रदेश के किसानों की फसलें तीन साल से अतिवर्षा, ओला-पाला से बर्बाद हो रही हैं। सरकार मुआवजा, बीमा राशि देने में असफल रही है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। मजदूरों को मनरेगा की राशि का दो साल से भुगतान नहीं किया जा रहा है। प्रदेश के युवाओं के साथ व्यापमं के माध्यम से छल-कपट कर जीवन बर्बाद कर दिया गया है। पेट्रोल-डीजल, बिजली, आटा, दाल की कीमतें आसमान छू रही हैं। प्रदेश की जनता का महंगाई के कारण जीना दूभर हो गया है। प्रदेश सरकार गले-गले तक कर्ज में डूबी है। वेतन बांटने तक के लिए बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है।