Publish Date:17-Jul-2018 23:52:40
निजी व्यक्तियों को किरायेदारी राशि वसूली हेतु अधिकृत किया
जिला कलेक्टर की जांच में तथ्य आये सामने
भोपाल, 17 जुलाई 2018, नगर निगम भोपाल के स्वामित्व की नवबहार सब्जी मंडी स्थित भूमि को मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के सीईओ द्वारा शासकीय अभिलेखों में कूटरचना कर वक्फ की सम्पŸिा (कब्रिस्तान) दर्शा दी गई है और निजी व्यक्तियों को किरायेदारी हेतु अधिकृत किया गया है। यह तथ्य जिला कलेक्टर द्वारा नगर निगम द्वारा अवगत कराने पर तहसीलदार नजूल शहर भोपाल से वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन प्राप्त करने पर सामने आये हैं।
कलेक्टर भोपाल डाॅ.सुदाम खाड़े ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि जहां नवबहार सब्जी मंडी की भूमि खसरा क्र. 449 एवं खसरा नं. 450 की कुल भूमि 6.74 एकड़ में से 1942 ई. में म्युनिसिपिल बोर्ड द्वारा 4.49 एकड़ भूमि अर्जित किये जाने का उल्लेख है तथा इस खसरे में कहीं भी कब्रिस्तान का उल्लेख नहीं है। इसी प्रकार वर्ष 1955 की खसरा प्रतिलिपि में खसरा क्र. 449 व 450/2 में 4.49 एकड़ भूमि आबादी महकमा म्युनिसिपिल अंकित है जबकि खसरा नं. 449 व 450/1 में 2.25 एकड़ भूमि शेख अब्दुल कलीम व शेख इब्राहीम, शेख अलीम नबालिगान पिता अब्दुल रहीम व विलायत खातून आदि के नाम पर अभिलिखित है। वर्ष 1959 में इस खसरे की प्रतिलिपि वक्फ प्रबंध कमेटी द्वारा प्राप्त कर कालम नंबर 8 में प्रतिलिपि प्राप्त करने के बाद कब्रिस्तान दर्ज किया गया और 3/5/2018 को प्रस्तुत की गई जिसका मिलान जिला कलेक्टर द्वारा अभिलेखाकार की मूल खसरा से किया गया तो पाया कि कालम नंबर 8 में कूटरचना कर कब्रिस्तान लिखा गया है। इसी प्रकार वर्ष 1952 के खसरे में भी प्रतिलिपि प्राप्त करने के उपरांत हिन्दी में औकाफ शब्द कालम नंबर 7 में बढ़ाया है।
जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्टेªट ने निष्कर्ष में यह भी उल्लेख किया है कि वक्फ बोर्ड द्वारा ग्रेवयार्ड की व्यवस्था दिनांक 4/01/1971 को नगर निगम से प्राप्त की गई जिसके भाग-2 में कब्रिस्तान जो भोपाल नगर निगम क्षेत्र में पृथक से राजस्व अभिलेखों में अंकित नहीं किये गये है बल्कि आबादी दर्ज है उसके सरल क्र. 2 पर नियर मंदिर कमाली सिटी सर्वे नं. 18636 क्षेत्रफल 7.55 वर्गफिट अंकित है इसके समक्ष भी हाथ से खसरा नं. 449 व 450 और 6.74 अंकित किया गया है। इस सूची से यह स्पष्ट है कि इस स्थान पर 7.55 वर्गफिट में ही कब्र थी जो नगर निगम द्वारा वक्फ को सौंपी गई इसमें भी कूटरचना कर उक्त खसरा नं. एवं रकबा हाथ से लिखा गया।
जिस राजपत्र के सरल क्र. 379 पर कब्रिस्तान दर्ज होने की बात कही गई है उसका स्थल पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सत्यापन कराया जाना चाहिये था पंरतु राजपत्र में अंकित प्रविष्टियों की नाप भी किसी तकनीकी/राजस्व अधिकारी से कराये बिना उसे खसरा क्र. 449 व 450 पर स्थापित होना घोषित कर दिया जबकि इस भूमि पर वर्ष 1955-56 से नवबहार सब्जी मंडी स्थापित है। जिला कलेक्टर ने यह भी उल्लेखित किया है मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 24 नवम्बर 1961 के पृष्ठ क्र. 2061 पर सरल क्र. 369 हिज हाईनेस नवाब हमीदउल्ला खां साहब बहादुर के नाम दर्ज होने का उल्लेख है और व्यवहार वाद क्र. 85-ए/76 हर हाईनेस नवाब मेहताज साजिदा सुल्तान बेगम विरूद्ध मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में पारित आदेश दिनांक 31/12/1976 की कंडिका 7 द्वारा यह कहा गया कि वक्फ बोर्ड की सूची में जो प्रविष्टियां है वह अंतिम नहीं है अतः वक्फ सम्पŸिायां पुनः प्रकाशित की जाएं। इस प्रकार उक्त राजपत्र में प्रविष्ट अंतिम नहीं होने से ऐसी भूमि को वक्फ की भूमि दर्ज करने से पूर्व विस्तृत जांच की आवश्यकता थी। मध्यप्रदेश गृह विभाग ने भी 24 नवम्बर 1962 को अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि उक्त राजपत्र में प्रकाशित वक्फ सम्पŸिायों में काफी विरोधाभास है। ऐसी सूचियों को प्रकाशन से पूर्व सूक्ष्मता से परीक्षण नहीं किया गया अतएव वक्फ बोर्ड को यह आदेश किया गया कि वह सूचियों को पुनः जांचे और 6 माह के भीतर जो ऋृटियां है उन्हें हटाकर सूचियों का पुनः प्रकाशन किया जाए। वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा इन तथ्यों को नजरअंदाज करते हुये पुनः उसी ऋृटि पूर्ण सूची के आधार पर पृथक-पृथक निजी व्यक्तियों के आवेदन से प्रेरित होकर वक्फ पंजी में प्रविष्ट किया जाकर अनावश्यक विवाद उत्पन्न किया गया जिसके कारण नगर निगम जैसी संस्था को जहां आर्थिंक क्षति उठानी पड़ रही है वहीं अनावश्यक विवाद का सामना करना पड़ रहा है और विधि व्यवस्था प्रभावित होने की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
जिला कलेक्टर ने उक्त प्रकरण में सचिव मध्यप्रदेश शासन पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को वक्फ कब्रिस्तान अकब इमारत हिन्दूआलय नवबहार सब्जी मंडी भोपाल के संबंध में पत्र (जिसकी प्रतिलिपि निगम आयुक्त को भी प्रेषित की गई है ) लिखकर डाॅ.युनूस खान मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा विधि प्रक्रिया एवं वास्तविक तथ्यों के विपरीत जाकर शासकीय नुजूल भूमियों को वक्फ सम्पŸिा के रूप में पंजीयन कराने की कार्यवाही को अनियमियता पूर्ण कार्यवाही निरूपित करते हुये वक्फ बोर्ड के सीईओ के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का अनुरोध भी किया है।