Publish Date:10-Sep-2019 19:22:53
मुंबई: उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) ने कांग्रेस (Congress) से इस्तीफा दे दिया है. उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के समय कांग्रेस से जुड़ी थीं और उत्तरी मुंबई सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उर्मिला ने पार्टी छोड़ने की वजह भी बताई. उर्मिला (Urmila Matondkar News) ने 'पार्टी के भीतर की तुच्छ राजनीति' को उनके कांग्रेस छोड़ने की वजह बताया है. उर्मिला मातोंडकर इस साल मार्च में कांग्रेस में शामिल हुई थीं. उर्मिला मातोंडकर का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ी शर्मिंदगी की तरह है, क्योंकि पार्टी को अगले महीने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का सामना करना है और वह इस समय अपने नेताओं को एकजुट रखने के लिए जूझ रही है.
उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) ने अपने बयान में कहा कि मुंबई कांग्रेस के मुख्य पदाधिकारी या तो पार्टी को मजबूत बनाना ही नहीं चाहते हैं अथवा वे ऐसा करने में अक्षम हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. मेरी राजनीतिक और सामाजिक संवेदनाएं निहित स्वार्थों (वाले व्यक्तियों) को इस बात की इजाजत नहीं देती कि मुंबई कांग्रेस में किसी बड़े लक्ष्य पर काम करने के बजाय मेरा इस्तेमाल ऐसे माध्यम के रूप में किया जाए जिससे अंदरूनी गुटबाजी का सामना किया जा सके.'
उर्मिला (Urmila Matondkar) ने कहा कि उनके मन में पहली बार इस्तीफा देने की बात तब आई जब मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को 16 मई के लिखे पत्र में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर 'कोई कार्रवाई' नहीं की गई. अपने पत्र में उन्होंने मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम के करीबी सहयोगियों संदेश कोंदविल्कर और भूषण पाटिल के कृत्यों की आलोचना की थी. उन्होंने कहा, 'उक्त पत्र में विशेषाधिकार प्राप्त और गोपनीय बातें थीं, जिसे आसानी से मीडिया में लीक कर दिया गया, जो मेरे अनुसार घोर विश्वासघात था.'
उन्होंने कहा, 'कहने की जरूरत नहीं है कि मेरे द्वारा लगातार विरोध के बावजूद पार्टी में किसी भी व्यक्ति ने माफी नहीं मांगी या मेरे प्रति कोई सरोकार नहीं दिखाया.' मातोंडकर ने दावा किया कि उत्तरी मुंबई में कांग्रेस के 'घटिया प्रदर्शन' के लिए कुछ जिम्मेदार लोगों के नाम उन्होंने अपने पत्र में लिखे, लेकिन उनकी जवाबदेही तय करने की जगह उन्हें नए पदों के रूप पुरस्कार दिया गया. उन्होंने कहा, 'यह स्वाभाविक है कि मुंबई कांग्रेस के मुख्य पदाधिकारी या तो अक्षम हैं अथवा बदलाव लाने और पार्टी की भलाई संगठन में परिवर्तन लाने के लिए संकल्पबद्ध नहीं हैं.' मातोंडकर के बयान में उनके अगले राजनीतिक कदम के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. बहरहाल, उन्होंने कहा कि वह 'विचारों एवं विचारधाराओं' के पक्ष में खड़ी हुई हैं तथा वह लोगों के लिए 'ईमानदारी एवं गरिमा' के साथ काम करती रहेंगी.
साभार- एनडीटीवी