Publish Date:19-Mar-2018 00:14:05
कांग्रेस के सुव्यवस्थित महाधिवेशन के पीछे प्रियंका वाड्रा का हाथ था. महाधिवेशन के लिए जगह चुनने से लेकर मच्छरों की समस्या का समाधान करने तक सबमें प्रियंका शामिल रहीं. कांग्रेस के एक सूत्र के मुताबिक पहले दिन खाली कुर्सियां दिखीं तो उन्होंने कार्यकर्ताओं को आदेश दिया कि दूसरे और अंतिम दिन हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाएं.
उन्होंने आगे बताया कि कई लोगों ने महाधिवेशन की जगह पर मच्छरों की शिकायत की. शिकायत करने वालों में खुद उनकी मां सोनिया गांधी भी शामिल थीं. इसके बाद प्रियंका देर रात खुद आईं और उन्होंने 2 घंटे रुककर फ्यूमिगेशन की निगरानी की.
महाधिवेशन में पारंपरिक गद्दे का इस्तेमाल
प्रियंका ने भाषण के क्रम और स्पीकर्स की सूची का भी फैसला किया. ये उनका ही विचार था कि राहुल गांधी को मंच का एकमात्र वक्ता होना चाहिए और कांग्रेस का लोगो ठीक उनके पीछे दिखाई पड़ना चाहिए. कांग्रेस के महाधिवेशन में परंपरागत गद्दे का इस्तेमाल कर उन्होंने जनता में शक्तिशाली संदेश भेजा. गुजरे दिनों में कांग्रेस नेताओं के बैठने की यही शैली थी. कांग्रेस के महाधिवेशन का नारा 'अब बदलाव जरूरी' था और सभी नेताओं के बैठने की जगह मंच के नीचे बनाई गई थी.
प्रियंका ने हमेशा से किसी भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से इनकार किया है और जब भी उनसे पूछा गया तो उन्होंने साफ किया कि वो नहीं बल्कि उनके भाई राहुल गांधी ही पार्टी का चेहरा होंगे. लेकिन पार्टी में प्रियंका की भूमिका हमेशा से ही रहस्य रहा है. वो प्रियंका ही थीं जिन्होंने अखिलेश यादव की सपा के साथ यूपी गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उन्होंने गुजरात कैंपेन की भी निगरानी की.
पार्टी में निभाती हैं मजबूत भूमिका
एकमात्र नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी में उनके सक्रिय भूमिका को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा था कि वह उनसे एक बार मिले और उन्होंने कांग्रेस से जुड़ने का फैसला लिया. जैसे-जैसे विधानसभा और लोकसभा चुनाव नजदीक आएंगे पार्टी में प्रियंका गांधी की भूमिका और स्पष्ट होगी.
साभार- न्यूज 18