Publish Date:13-Sep-2019 21:01:13
आपराधिक लापरवाही के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करे सरकारः शिवराजसिंह
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- हादसे ने छीन लिया पीड़ित परिवारों में से कई का सहारा
जिम्मेदार अधिकारियों को बचाना और नाविकों पर कार्यवाही करना उचित नहीं
मासूमों के दुःख पर राजनीति न करे भाजपा : भूपेन्द्र गुप्ता
भोपाल। गणेश विसर्जन के दौरान हुई घटना दुखद है। यह साधारण दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह आपराधिक लापरवाही के कारण हुई दुर्घटना है, जिसे रोका जा सकता था। हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं और सरकार से मांग करते हैं कि लापरवाही के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा करते हुए कही।
चौहान ने कहा कि गणेश जी की भक्ति में लीन 11 युवा और किशोर अब हमारे बीच नहीं हैं, यह बहुत दुखद बात है। उन्होंने कहा कि सरकार की नाक नीचे राजधानी भोपाल में यह हादसा हुआ है, जहां सरकार के सारे मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को पता था कि गणेश विसर्जन हो रहा है, तो भीड़ होगी। फिर जरूरी इंतजाम क्यों नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की यह लापरवाही साधारण लापरवाही नहीं, बल्कि आपराधिक लापरवाही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मजिस्टीरियल जांच की बात कही है, लेकिन सिर्फ इतना ही काफी नहीं है। जांच जल्दी कराकर इस लापरवाही के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। श्री चौहान ने कहा कि हादसे के शिकार ज्यादातर युवा और किशोर निम्न मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों से थे। इनमें से कई परिवारों का तो सहारा ही छिन गया है। हम उन युवाओं और किशोरों को तो वापस नहीं ला सकते, ऐसे में सरकार को प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और पीड़ित परिवारों को 25 लाख रुपए का मुआवजा देना चाहिए, ताकि उनका जीवन कट सके।
मृत बच्चों के परिवारों के बीच पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष, पीड़ित परिवार को 25 लाख की सहायता, और एक सदस्य को नौकरी दे सरकार : राकेश सिंह
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने गणेश विसर्जन के दौरान 11 बच्चों की डूबने से हुई मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि यह अक्षम्य प्रशासनिक लापरवाही है, जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिये। साथ ही साथ श्री राकेश सिंह ने पीड़ित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी और कम से कम 25 लाख राहत राशि की मांग मुख्यमंत्री कमलनाथ से की है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की और कहा कि जिन परिवारों के बच्चे इस दुनिया से चले गए हैं,उनके दुख को किसी प्रकार से कम नहीं किया जा सकता। लेकिन उन परिवारों के भविष्य के जीवनयापन के लिए सरकार को समुचित व्यवस्थाएं तुरंत सुनिश्चित करना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी इस दिशा में पीड़ित परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी, 25 लाख रूपए राहत राशि की मांग करती है। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा घोषित की गई राशि पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है। सिंह ने कहा है कि सरकार को नोनिहालों की जान से अधिक परहवाह उन अधिकारियों को बचाने की है जो इस दर्दनाक घटना के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं। दुर्भाग्य से सरकार उन नाविकों के विरूद्ध कार्यवाही कर रही है, जिन्होंने अपनी जान की वाजी लगाकर तमाम सारे बच्चों को बचाने का प्रयास किया। वहीं दूसरी तरफ उन अधिकारियों को बचा रही है, जिन्हें सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों को अंतिम रूप देना चाहिए था। नाविकों के विरूद्ध कार्यवाही सरकार का ऐसा कदम है, जिससे भविष्य में कोई किसी की मदद के लिए आगे नहीं आएगा। उन्होंने घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
मासूमों के दुःख पर राजनीति न करे भाजपा : भूपेन्द्र गुप्ता
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने गणेश विसर्जन के दौरान खटलापुरा विसर्जन स्थल पर हुई दुघर्टना को दुर्भाग्यपूर्ण बतलाया है और कहा है कि यह घटना से पूरे प्रदेश को दुःख पहुंचा है। घटना की जांच हेतु मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए है एवं पीड़ित परिवारों को 11-11 लाख रूपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है।
जब पूरा प्रदेश इस घटना से व्यथित है, तब पीड़ित परिवारों के आंख के आंसू पोछने के बजाय भारतीय जनता पार्टी के नेता उन्हें 25 लाख मुआवजा मांगने के लिए उकसा रहे है। यह अत्यंत दुःखद और निंदनीय है। स्मरण रहे कि शिवराजकाल में जब सैलाना में इसी तरह की दुर्घटना हुई थी तब उन्होंने स्वयं 4 लाख रू का मुआवजा दिया था । प्रदेश का इतिहास गवाह है कि धाराजी में 200 से अधिक निर्दोष तीर्थ यात्री प्रशासन की चूक से मृत्यु के आगोश में समा गए थे । रतनगढ़ में 100 से अधिक लोग मंत्री के लिए रास्ता बनाने के चक्कर में भगदड़ में मारे गए थे । पन्ना के पास चलती हुई बस में 30 से अधिक लोग बस में आग लगने से जिंदा जल गए थे । पेटलावद में प्रशासनिक लापरवाही से भंडारण किए गए विस्फोटकों से लगभग 100 लोगों के चिथड़े उड़ गए थे । तब भाजपा सरकार ने क्या किया था ? यह प्रदेश की जनता को बताना चाहिए ।
गुप्ता ने सरकार से आग्रह किया है कि सभी जिला कलेक्टरों के माध्यम से नगर निगम, नगर पालिकाओं को नाव द्वारा विसर्जन के समय सतर्क और तैराक उपलब्ध रखने के स्थाई निर्देश जारी करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
सामान्यतः मूर्ति विसर्जन के कार्यक्रम स्थानीय प्रशासन और प्राथमिक रूप से नगर निगम की जिम्मेदारी होते है । नगर निगम ही इन कार्यक्रमों के लिए व्यवस्था बनाता है, घाटों पर इंतजाम करता है एवं अन्य सरकारी एंजेसियों से सिन्क्रोनाइज करता है । भारतीय जनता पार्टी घड़ियाली आंसू बहाने के बजाए अपने महापौर से इस लापरवाही के लिए इस्तीफा क्यों नहीं मांगती? गुप्ता ने जनहित में भाजपा नेताओं से आग्रह किया है कि वे जनता के और पीड़ित परिवारों के दुःख में सच्चे मन से शामिल हो । भाजपा उन्हें मुआवजे के नाम पर उकसा कर उनके दुःख के सौदे की राजनीति न करे।