25-Apr-2024

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आदिवासी कलाओं एवं उत्‍पादों के लिए ई-मार्केट उपलब्‍ध करायेगा ट्रायफेड

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राजकाज न्‍यूज, भोपाल

मध्‍यप्रदेश में बस्‍तर के कलेक्‍टर रहते आदिवासियों के आर्थिक उत्‍थान का काम करने पर 1987 बैच के आईएएस अधिकारी प्रवीर कृष्‍ण ने केन्‍द्र में ट्राईबल कॉपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (ट्रायफेड) के एमडी के रूप में काम संभालने के कुछ ही दिनों बाद अब पूरे देश में आदिवासियों के उत्‍थान के लिए कार्य शुरू कर दिये हैं। 11 सितम्‍बर को उन्‍होंने भोपाल में इस बात की जानकारी भी मीडिया से शेयर की। उन्‍होंने चर्चा करते हुए कहा कि देश के सभी राज्‍यों में हुनरमंद आदिवासी कलाकारों को वे मंच देंगे। उनके आर्थिक उत्‍थान में केन्‍द्र भरपूर मदद करेगा। साथ ही मध्‍यप्रदेश में संस्‍कृति विभाग के सहयोग से आदिवासियों की कला और उनके उत्‍पादों के वेल्‍यूएडिशन का कार्य किया जाएगा।

गौरतलब है कि बस्‍तर में कलेक्‍टर रहते हुए प्रवीर कृष्‍ण ने आदिवासियों के आर्थिक उत्‍थान के लिए इमली का उचित मूल्‍य दिलाकर उनके जीवन में उत्‍साहजनक परिवर्तन लाने का काम किया था और तब उन्‍हें इमली कृष्‍ण के नाम से प्रसिद्धि मिली। अब जबकि एक बार फिर उन्‍हें केन्‍द्र में ट्रायफेड में बड़े पद पर काम करने का मौका मिला है, तो उन्‍होंने आदिवासियों के लिए कई योजनाओं को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। प्रवीर कृष्‍ण ने 11 सितम्‍बर को मध्‍यप्रदेश आकर अपर मुख्‍य सचिव सहित अपने सह कैडर के आईएएस अधिकारी प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्‍तव के साथ बैठक की और प्रदेश में संस्‍कृति विभाग के साथ मिलकर कुछ योजनाएं चलाने का संयुक्‍त निर्णय लिया है। प्रवीर कृष्‍ण ने बताया कि मनोज श्रीवास्‍तव ने सुझाव दिया कि पूरे प्रदेश में आदिवासियों की कलाओं का आंकलन किया जाए। उनके सुझाव को सहमति दी गयी है। शीघ्र ही भारत भवन एवं ट्रायफेड के बीच अनुबंध भी किया जाएगा। इसके तहत आदिवासियों की कलाकृतियों का प्रदर्शन भारत भवन मे किया जाएगा। आदिवासियों की कला को बढ़ावा देने के लिए उन्‍हें वाद्य यंत्र क्रय करने के लिए कम ब्‍याज पर लोन दिये जाने की भी योजना है।

उन्‍होंने बताया कि  भारत के सभी राज्यों में आदिवासी वर्ग के जो हुनरमंद आर्टिस्ट, प्रोड्यूसर और अन्य उत्पाद करने वाले वर्ग का सेंसस होगा। इसमें उनकी कलाओं और स्किल का आंकलन भी करेंगे। उन्होंने बताया कि उनकी कोशिश रहेगी कि यह देश के 30 राज्यों में होने वाला सेंसस दो माह के बाद प्रारंभ कर देंगे। जिसका काम एक वर्ष तक चलेगा। उन्होंने कहा​ कि मध्यप्रदेश में ट्राईफेड पीपीपी के तहत एक वेल्यू एडिशन का प्लान स्थापित करना चाहती है।

प्रवीर कृष्‍ण ने बताया कि भारत भवन और ट्राईबल म्यूजियम के बीच कल्चर एमओयू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ट्राईबल की उत्पादों को और अधिक लाभ दिलाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। देश के सभी ट्राईबल जो ट्राईफेड से जुड़े हैं उनका एक सम्मेलन 25 सितम्बर 2017 को दिल्ली में होने जा रहा है। मध्‍यप्रदेश में 15 से 20 प्रतिशत लाभ के साथ 200 फ्रेंचाइजी देना तय हुआ है। साथ ही आदिवासियों के उत्‍पादों के विक्रय के लिए 300 युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है, जो घर-घर जाकर कमीशन पर उत्‍पादों का विक्रय करेंगे।

ट्राईफेड से जुड़े हुए आदिवासियों के जितने भी उत्पादन है, उन उत्पादों को बेहतर मार्केट मिले और आदिवासियों को उनकी उपज का उचित और अच्छा दाम मिले इसके लिए ट्राईफेड ई-कामर्स पर जा रहा है। इसके अलावा ई-ट्राईवस भी प्रारंभ की जा रही है। उन्होंने बताया कि ट्राईफेड में अनेक काम डिजिटल ट्राईफेड के जरिए किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि आदिवासियों को जो ट्राईफेड से जुड़े हुए उनका तथा उनके प्रोड्यूज का शीघ्र ही इंश्योरेंस भी किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि अपर मुख्‍य सचिव दीपक खांडेकर से चर्चा हुई है, इसके अनुसार आदिवासियों के 24 तरह के उपज को समर्थन मूल्य पर सरकार खरीदेगी। यह खरीदी मध्यप्रदेश लघु वन उपज संघ के जरिए होगी। उपजों का वेल्‍यूएडिशन कार्य भी किया जाएगा। संघ आदिवासियों की उपज को क्रय करने के साथ ही उनके विक्रय का कार्य भी करेगा। इसमें अगर क्षति होगी तो इसकी पूर्ति केन्‍द्र करेगा। प्रवीर कृष्‍ण ने बताया कि आदिवासियों की परंपरागत कलाओं में सुधार के लिए उन्‍हें निफ्ट के माध्‍यम से 3 माह का तकनीकि एवं डिजिटल प्रशिक्षण दिये जाने की योजना भी है।

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