कासगंज (उप्र), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राम मंदिर मुद्दे को लटकाए रखने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि जनता को कारसेवकों पर गोलियां चलाने वालों और राम मंदिर बनाने वालों में से किसी एक को चुनना होगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शाह ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी एससी-एसटी (अनुसूचित जाति-जनजाति) वर्ग और पिछड़ा वर्ग का आरक्षण न हटाएगी और न किसी को हटाने देगी और यह ‘मोदी की गारंटी' है। शाह यहां एटा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राजवीर सिंह के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। सभा में शाह ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी पर जमकर प्रहार किया।
एक खेमा राम भक्तों पर गोली चलवाने वालों का है
शाह ने कहा, ''दो खेमे हैं, एक खेमा राम भक्तों पर गोली चलवाने वालों का है और दूसरा खेमा राम मंदिर बनवाने वालों का।” भाजपा नेता ने कहा, ''कांग्रेस पार्टी, राहुल बाबा और अखिलेश यादव की पार्टियों ने 70-70 साल तक राम मंदिर के मुद्दे को लटका कर रखा, भटका कर रखा। यूपी वालों आप लोगों ने मोदी जी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया और मोदी जी ने पांच अगस्त 2020 को भूमि पूजन किया और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा करके जयश्रीराम कर दिया।'' उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण मिलने पर भी समारोह में न जाने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा निमंत्रण राहुल गांधी, सोनिया गांधी, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव को भी दिया गया मगर कोई वहां नहीं गया।
शाह ने कहा कि यह आपको तय करना है कि कारसेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी को वोट देना है या राम मंदिर बनाने के लिए अपनी सरकारें कुर्बान करने वाली भाजपा और नरेन्द्र मोदी को वोट देना है। उन्होंने राहुल गांधी पर पिछड़ा वर्ग के नाम पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी जिस कांग्रेस का समर्थन कर रही है वह पिछड़ा वर्ग की विरोधी है। शाह ने कहा कि पिछली सरकारों ने “सालों तक काका साहब कालेलकर कमेटी की रिपोर्ट को दबाकर रखा, मंडल कमीशन का विरोध किया और मोदी जी जब प्रधानमंत्री बने तो पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक सम्मान दिया गया।”
साभार- पं के