Publish Date:13-Jan-2018 00:20:09
भाजपा सरकार के इस फैसले के बाद अब राशनकार्ड धारकों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी। इसके बाद आपको बड़ा फायदा होगा। सरकार अब सरकारी राशन की दुकानों का कॉन्सेप्ट अब बदलने जा रही है। राशन की दुकानों पर अब सिर्फ चावल, गेहूं, चीनी और केरोसिन नहीं मिलेगा, बल्कि यहां पर सभी तरह के यूटिलिटी बिल का भुगतान किया जा सकेगा। इससे आम जनता को भी फायदा होगा। साथ ही सरकारी प्रमाण पत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन होगा। इसके लिए राशन की दुकानों को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के रूप में विकसित किया जाएगा।
कैबिनेट ने खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के एक प्रस्ताव के तहत प्रदेश में संचालित सभी 9259 राशन की दुकानों को सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। बैठक में आए प्रस्ताव के तहत सभी दुकानों में ई-प्वाइंट ऑफ सेल मशीनें भी स्थापित होंगी। राशन विक्रेता अपनी दुकानों पर प्रमाण पत्र, एटीएम और अन्य ऑनलाइन सर्विस भी दे सकेंगे। शुल्क का 80 फीसदी वे अपने पास रखेंगे, जिससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा।
इन दुकानों से बीपीएल और एपीएल राशनकार्ड धारकों को चावल-गेहूं वितरित किया जाता है। राशन के दुकानदारों को मिलने वाला कमीशन अब कम होता जा रहा है, क्योंकि केंद्र सरकार ने चीनी का आवंटन लगभग समाप्त कर दिया है और केरोसिन का कोटा भी प्रतिमाह कम होता जा रहा है। प्रदेश सरकार की डीबीटी योजना के तहत एपीएल कार्डधारकों को राशन उपलब्ध कराने की बजाय उस पर दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ सीधे खाते में डालने की योजना है।
पीडीएस के दुकानदार इस योजना का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उनका कमीशन बंद हो जाएगा। ऐसे में दुकान चलाने में मुश्किल आएगी और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। इसको देखते हुए राशन की दुकानों को सीएससी के रूप में डेवलप करने की योजना बनाई गई है। इस संबंध में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसकी अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी
राशन की दुकानों में अनाज खरीदने के बाद उसका भुगतान प्वाइंट ऑफ सेल मशीन (पीओएस) से किया जा सकेगा। राशन की दुकानों में पीओएस लगाने के लिए टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया चल रही है। पीओएस से भुगतान की स्थिति में डिपो होल्डरों को 17 पैसे प्रति ट्रांजेक्शन की दर से कमीशन दिया जाएगा।
राशन की दुकानों को सीएससी के रूप में डेवलप करके वहां पर सरकारी, प्राइवेट और सोशल सेक्टर के सभी तरह के प्रमाणपत्र, आवेदन पत्र और यूटिलिटी बिल का भुगतान किया जा सकेगा। बिजली का बिल जमा होगा, रेलवे टिकट बुक कराया जा सकेगा, जिसका कमीशन दुकानदारों को मिलेगा।