Publish Date:22-Jul-2018 00:18:08
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को कहा कि बीजेपी अगर 2019 के आम चुनाव के लिए संपर्क करे तब भी उनकी पार्टी एनडीए में शामिल नहीं होगी. उन्होंने साथ ही कहा कि एनडीए सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव ‘‘नैतिकता बनाम बहुमत’’ की लड़ाई थी.
नायडू ने कहा कि टीडीपी राज्य के लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की खातिर 2014 में एनडीए में शामिल हुई थी और ‘‘हम सत्ता के भूखे नहीं है. हमें कभी भी कैबिनेट सीटों की आकांक्षा नहीं रही.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने आंध्र प्रदेश को न्याय दिलाने के लिए उनके (बीजेपी सरकार) साथ चार साल इंतजार किया लेकिन उन्होंने राज्य के लोगों के साथ धोखा किया. हम कैसे यकीन कर लें कि वे दोबारा ऐसा नहीं करेंगे.’’
नायडू ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कल का अविश्वास प्रस्ताव हमारी नैतिकता और बीजेपी के बहुमत के बीच लड़ाई थी.’’ उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए दूसरे विपक्षी दलों का आभार जताया.
एनडीए सरकार ने शुक्रवार को करीब 12 घंटे तक चली बहस के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर जीत हासिल की थी. देर रात 11 बजकर 10 मिनट पर जब मत विभाजन हुआ, प्रस्ताव के पक्ष में 126 जबकि विपक्ष में 325 मत पड़े.
शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान बीजेडी के संसद से बाहर चले जाने से विपक्ष की एकता में दरार का साफ पता चला था. इसे लेकर नायडू ने कहा, ‘‘वह (बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक) पुराने दोस्त हैं, वे हमारे साथ आ जाएंगे.’’ मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उनकी प्रधानमंत्री पद को लेकर कोई आकांक्षा नहीं है.
यह पूछे जाने पर कि बीजेपी के आंध्र प्रदेश को दूसरे लाभ देने का वादा करने पर क्या टीडीपी एनडीए में शामिल हो सकती है, उन्होंने कहा, ‘‘नहीं. मैं बस अपने राज्य के लिए न्याय चाहता हूं.’’ टीडीपी विशेष राज्य के दर्जे की मांग पूरी न होने पर इस साल की शुरुआत में बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए से अलग हो गई थी.
नायडू ने कहा कि शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मोदी का उनके ‘‘सक्षम नेतृत्व की दागी नेताओं’’ के साथ तुलना करना ‘‘मूर्खतापूर्ण’’ था.
टीडीपी अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को उनसे ज्यादा परिपक्व बताने पर कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री से भी वरिष्ठ हूं. वे ऐसा कैसे कह सकते हैं? मैं 1995 में मुख्यमंत्री बना था जबकि मोदी 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनें.’’
साभार- आईबीएन खबर