19-Apr-2024

 राजकाज न्यूज़ अब आपके मोबाइल फोन पर भी.    डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लीक करें

सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ की कटाई पर रोक लगाई

Previous
Next

नई दिल्ली: मुंबई के आरे कॉलोनी में 2500 से अधिक पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘‘अब कुछ भी ना काटें.’’ साथ ही न्यायालय ने कहा कि इस पूरे मामले की समीक्षा करनी होगी. पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की वन पीठ मुंबई के आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर याचिका पर 21 अक्टूबर को सुनवाई करेगी.

विशेष पीठ ने कहा, ''हमने सबको सुना. आरे मिल्क कॉलोनी पहले अनक्लासिफाइड फारेस्ट था. बाद में उसे ट्रांसफर किया गया. सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि अब कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा.''


सरकार की तरफ से पेश हुए वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मेरा सुझाव है कि यहां किसी के पास नक्शा नहीं है. अभी रोक लगा दीजिए. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ठीक है, अभी कुछ मत काटिए. बाद में तय किया जाएगा. मेहता ने कहा कि आरे कॉलोनी का एरिया 3000 एकड़ है. सिर्फ 2% लिया गया है. जिसपर शीर्ष अदालत ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. अगर पेड़ नहीं कट सकते थे तो नहीं कटने चाहिए.

पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे लोगों की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा कर दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट में याचिका रिषव रंजन नाम के युवक ने दाखिल की है. रिषव ने तत्काल सुनवाई के संबंध में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखा था. जिसके आधार पर सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन किया गया.

आरे कॉलोनी में आज भी धारा 144 लागू है. प्रशासन ने पेड़ों की कटाई के विरोध में प्रदर्शनों को देखते हुए शनिवार को धारा 144 लागू किया था और 29 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था. सभी को रविवार को जमानत मिली और आज रिहा किया गया.

क्यों काटे गए पेड़?

मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) द्वारा मेट्रो की रेक का डिपो बनाने के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं. पेड़ काटे जाने संबंधी याचिका बंबई हाई कोर्ट में भी दाखिल की गई थी. हालांकि हाई कोर्ट ने शनिवार को पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पेड़ों की कटाई एक बड़ा मुद्दा बना है. सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही शिवसेना भी पेड़ काटे जाने का विरोध कर रही है. आज ही शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा, ''पेड़ों को मताधिकार नहीं है इसलिए उनके कत्ल का आदेश दे देना चाहिए? ये कैसा न्याय!''

साभार- एबीपी न्‍यूज

Previous
Next

© 2012 Rajkaaj News, All Rights Reserved || Developed by Workholics Info Corp

Total Visiter:26558448

Todays Visiter:2177