25-Apr-2024

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सूर्य मित्रों को मिलेंगे प्लेसमेंट के बेहतर अवसर

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तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने क्रिस्प में किया सूर्य मित्र प्रशिक्षण का शुभारंभ
 
प्रदेश में एशिया का सबसे बड़े सोलर पॉवर प्लांट नीमच में स्थापित हो चुका है। विश्व का सबसे बड़ा सोलर प्लांट रीवा में स्थापित होने जा रहा है। इससे सूर्य मित्रों को प्लेसमेंट के बेहतर अवसर मिलेंगे। तकनीकी शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल एवं श्रम राज्य मंत्री दीपक जोशी ने यह बात क्रिस्प में सूर्य मित्र स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के शुभारंभ पर कही। कार्यक्रम राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान एनआईएसई द्वारा प्रायोजित है। योजना में 90 प्रतिशत सूर्य मित्रों का प्लेसमेंट जरूरी है।

जोशी ने प्रशिक्षण के लिये क्रिस्प में स्थापित किये गये एक किलोवॉट के सोलर पॉवर प्लांट एवं इलेक्ट्रिकल लेब का भी लोकार्पण किया। श्री जोशी ने कहा कि आने वाले समय में प्रदूषण-रहित सोलर एनर्जी का अधिकतम उपयोग होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष में 8 माह सोलर एनर्जी का पूरा उपयोग किया जा सकता है।

आई.टी.आई. और पॉलीटेक्निक में भी होगा प्रशिक्षण

तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि सूर्य मित्र का प्रशिक्षण आई.टी.आई. और पॉलीटेक्निक में भी दिलवाया जायेगा। अभी तक पॉलीटेक्निक कॉलेज भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर में प्रशिक्षण हो चुका है। आई.टी.आई. रीवा में भी सूर्य मित्र का प्रशिक्षण हो चुका है। शीघ्र ही आई.टी.आई. भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में भी सूर्य मित्र का प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा। एनआईएसई द्वारा प्रशिक्षण के बाद सूर्य मित्रों का एसेसमेंट कर प्रमाण-पत्र दिया जायेगा। प्रमाण-पत्र के आधार पर कहीं भी नौकरी प्राप्त की जा सकती है। जोशी ने कहा कि वे हर माह प्रशिक्षण की रिपोर्ट लेंगे। उन्होंने कहा कि सूर्य मित्रों को मुख्यमंत्री से भी मिलवायेंगे।

क्रिस्प के सीईओ मुकेश शर्मा ने बताया कि 30 प्रशिक्षणार्थी को 3 माह का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इनके रहने और खाने की व्यवस्था नि:शुल्क है। उन्होंने बताया कि इनके प्लेसमेंट में पूरा सहयोग किया जायेगा।

सूर्य मित्र के प्रशिक्षण में प्रदेश तीसरे स्थान पर

ऊर्जा विकास निगम के जी.एम.अनूप गर्ग ने बताया कि प्रशिक्षण के लिये आई.टी.आई. और पॉलीटेक्निक के विद्यार्थियों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि सूर्य मित्र के प्रशिक्षण में प्रदेश का देश में तीसरा स्थान है। गर्ग ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम बढ़ाकर प्रदेश को देश में पहले नम्बर पर लाना है। उन्होंने बताया कि 12 आई.टी.आई. और 12 पॉलीटेक्निक कॉलेज में प्रशिक्षण का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया था, जिसमें से 5-5 स्वीकृत हो चुके हैं। गर्ग ने बताया कि 600 घंटे के प्रशिक्षण के लिये 12 लाख 84 हजार का अनुदान केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाता है। पूरे देश में 5 वर्ष में 4000 सूर्य मित्र बनाने का लक्ष्य है। प्रशिक्षणार्थी कु. हिमांचला पाण्डे और धनंजय शुक्ला ने अपने अनुभव बताये।

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