Publish Date:20-Nov-2019 20:35:40
भोपाल। शीतकालीन सत्र की अधिसूचना के साथ ही विधायक अपने अपने क्षेत्रों की समस्याओं को सदन में उठाने की तैयारियां कर रहे है, ऐसे में भाजपा के विधायक प्रहलाद लोधी को हाईकोर्ट स्टे के बाद सदस्यता बहाल न कर इस अधिकार से वंचित करना विधान सभा अध्यक्ष की हठ धर्मिता के कारण पवई की जनता का अपमान हैं। यह बात मध्य प्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल करने के निर्णय में लेट लतीफी किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधान सभा सचिवालय द्वारा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल न किये जाने के कारण श्री प्रहलाद लोधी अपने संसदीय कर्तव्यों को पूरा नही कर पा रहे है। शीतकालीन सत्र मे पूछे जाने वाले प्रश्नो की दिनांक भी निकलती जा रही है, ऐसे मे श्री लोधी पवई क्षेत्र की जन समस्याओं को सदन में नही उठा पाएंगे। जो कि पवई क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय हैं।
उन्होने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि विधान सभा सचिवालय द्वारा श्री प्रहलाद लोधी का एकांउट ब्लाक कर दिया गया हैं जिससे वे ऑनलाईन भी सवाल नही पूछ सकते। वही विधान सभा सत्र के लिए उनके लिखित सवाल भी मान्य नहीं करेंगी। विधान सभा अध्यक्ष का यह निर्णय सरकार के इशारे पर उठाया गया हैं जो कि पूरी तरह गलत हैं। श्री भार्गव ने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष ने विशेष न्यायालय के निर्णय पर श्री लोधी की सदस्यता समाप्त की थी लेकिन विशेष न्यायालय के आदेश पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी जिसके कारण अध्यक्ष का निर्णय स्वतः ही निरस्त हो जाता है ऐसे मे सदस्यता बहाल न कर विधान सभा सत्र के पूर्व उन्हे सवाल पूछने के अधिकारों से वंचित करना श्री लोधी एवं उनकी विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ नैसर्गिग न्याय नही हैं।
उन्होंने कहा कि श्री लोधी के मामले में माननीय राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा करना चाहिए लेकिन विधानसभा अध्यक्ष जी मुलाकात से बच रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि उनके द्वारा लिया गया निर्णय गलत है। श्री भार्गव ने कहा कि जो अधिकार माननीय राज्यपाल के पास है उन्हें विधानसभा अध्यक्ष जबरिया लागू करने पर तुले हैं। उन्होंने कहा कि शीत कालीन सत्र में भाजपा के सभी विधायकगण श्री प्रह्लाद लोधी के साथ सत्र में शामिल होंगे। भाजपा पूरी ताकत के साथ सत्र में जनता की आवाज उठाएगी।