दिन रात जाग कर बाढ़ से नागरिकों को राहत पहुँचा रही है कमलनाथ सरकार
भोपाल , 15 सितम्बर, 2019, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने जारी एक बयान में बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समूचे प्रशासन को बाढ़ से तत्परता से निपटने के लिये निर्देशित किया है। जल संसाधन विभाग भी दिन रात अपने बाँधों के जल स्तर की निगरानी कर रहा है तथा समूचे मध्यप्रदेश का प्रशासन हर बाढ़ प्रभावित व्यक्ति के पास पहुँच कर उसे यथासंभव मदद पहुँचा रहा है।
1)प्रशासन की तत्परता :-
मंदसौर में औसतन 32 इंच बारिश होती है मगर इस वर्ष 77.44 इंच वर्षा हुई है जो मंदसौर के इतिहास में सर्वाधिक है।इसके पहले 1944 में मंदसौर में अधिकतम 62इंच वर्षा दर्ज की गई थी ।मंदसौर में पिछले 48 घंटों में 117 गाँवों के पंद्रह हज़ार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है और NDRF की मदद से गोताखोरों और नाविकों ने 100लोगों की जान बचाई है तथा पिछले 48 घंटों से मंदसौर कलेक्टर एवं एस पी दिन रात जाग कर नागरिकों को राहत पहुँचा रहे हैं ।
इसी प्रकार आगर और नीमच भी बाढ़ से अधिक प्रभावित हुए हैं ।वहाँ भी राहत पहुँचाई जा रही है ।
National Disaster Response Force( ‘राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और State Disaster Response fund ( राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि ) के माध्यम से राहत पहुँचाई जा रही है । राज्य सरकार के पास प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए 1000 करोड़ रु का प्रावधान है । साथ ही बाढ़ से हुए किसानों की फसलों और नागरिकों के जानमाल के नुकसान का सर्वे का कार्य भी जारी है ।
2)केंद्र को भी किया सतर्क
केंद्र सरकार को भी इसकी सूचना दे दी गई है ।संभवतः अगले हफ्ते इंटर मिनिस्टीरियल सेंट्रल टीम ( IMCT) मध्यप्रदेश के दौरे पर आएगी तथा प्रदेश में हुए जानमाल और किसानों के फसलों के नुकसान का जायजा लेगी।
3)शिवराज जी, अपेक्षा है आप सिर्फ़ राजनीति नहीं करेंगे :-
शिवराज जी ,आपने पहले भी मध्यप्रदेश के किसानों के 1017 करोड़ रुपये केंद्र से भावान्तर के रुकवा दिए हैं।मध्यप्रदेश में गेंहू की खरीदी 73 लाख मेट्रिक टन से अधिक कमलनाथ सरकार ने की है मगर केंद्र ने सिर्फ़ 65 लाख मेट्रिक टन के पैसे प्रदेश को भेजे हैं अर्थात आपने 1500 करोड़ रुपये गेहूँ खरीदी के केंद्र से रुकवा दिए हैं । शिवराज जी, अब अगले सप्ताह इंटर मिनिस्टीरियल टीम बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए मध्यप्रदेश आ रही है, तो आप सुनिश्चित कीजिएगा कि मध्यप्रदेश को केंद्र मुआवज़े की पूरी राशि प्रदान करे अन्यथा किसान आपके द्वार आकर धरना देंगे ।
4)इंदिरा सागर और गांधी सागर बाँध की स्थिति :-
इंदिरा सागर बाँध के पानी भरने की क्षमता 262.13मीटर की ऊँचाई तक है जिसमें 9750 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरा जा सकता है। वर्तमान में 261.55 मीटर ऊँचाई तक पानी भरा है ।दिनाँक 16अगस्त से बाँध के गेट खोले गए थे।अब तक अधिकतम 10 सितंबर से 13 सितंबर तक 12 गेट 7 मीटर ऊँचाई तक खोले गए जिसमें से लगभग 7लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अर्थात जब से बाढ़ के हालात निर्मित हुए हैं, अलग अलग समय पर कुल मिलाकर 22250 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी बाँध से छोड़ा गया है ।इसी प्रकार गाँधी सागर बाँध की स्थिति भी नियंत्रण में है और 24 घंटे दो चीफ़ इंजीनियर निगरानी रखे हुए हैं। यहाँ भी वर्तमान में 6लाख़ 63 हजार क्यूसेक का इनफ्लो हैऔर 6लाख़ 62हजार क्यूसेक आउटफ्लो मेन्टेन किया जा रहा है।
5) नीमच में रामपुरा और रतलाम में भी डेम में क्षति की सूचना पर तत्काल टीम भेजकर रिइंफोर्समेन्ट का काम किया गया तथा पूरे समय पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर मौके पर मौजूद रहे।
मध्यप्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री कमलनाथ जी दिन रात बाढ़ के हालातों पर नज़र रखे हुए हैं और पूरी दृढ़ता के साथ इस प्रतिकूल परिस्थिति का सामना कर रहे हैं।
6) प्रदेश में बाढ़ की स्थिति और मुस्तेद सरकार
मध्यप्रदेश के 52 जिलों में से 33 जिलों में अपेक्षाकृत अधिक बारिश हुई है ।प्रदेश के 28 बाँधों में से 19 बाँधों के गेट खोलने पड़े हैं ।प्रदेश की सभी नदियाँ खतरे के निशान के आस-पास बह रही हैं ।प्रदेश के 36 जिलों में प्रशासन द्वारा SDERF,NDRF और पुलिस की सहायता से 255 आपदा प्रबंधन केंद्र तथा 51 आपातकालीन केंद्रों की स्थापना कर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। 15,000 होम-गार्ड्स और पुलिस के लोगों को तथा अतिरिक्त 600 ट्रेन्ड होमगार्ड ड्राइवर्स तथा 100 SDERF के लोगों को बाढ़ क्षेत्रों में तैनात किया गया है ।सेना को बहुत हाई अलर्ट पर रखा गया है ।भिंड के चार गाँवों में लोगों को बचाने के लिए सेना को उतारा गया है ।पूरे प्रदेश में 45,000 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों (कैम्पों ) पर पहुँचाया गया है और वहाँ डाॅक्टर की टीम तैनात की गई है तथा उनके भोजन की व्यवस्था की जा रही है। SDRF की 1066 करोड़ की राशि में से 325 करोड़ रुपये अब तक राहत पर खर्च किये गए हैं।
बाढ़ से मुख्य रूप से सोयाबीन और दाल की फसल को नुकसान हुआ है। 15 लाख हेक्टेयर में फसलों के नुकसान का प्राथमिक रूप से मूल्याँकन सामने आया है।