Publish Date:28-Dec-2016 19:49:05
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा के निधन का समाचार सुनते ही भोपाल से दिल्ली तक शोक की लहर दौड़ गयी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने सभी कार्यक्रम निरस्त करते हुए पटवाजी को श्रद्धासुमन अर्पित करने भोपाल पहुंचे। पटवा जी का पार्थिक शरीर आज दोपहर पार्टी के प्रदेश कार्यालय पं. दीनदयाल उपाध्याय परिसर में कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों के दर्शनार्थ रखा गया था। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं उपस्थित पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं ने पटवाजी के परिजन सुरेन्द्र पटवा, भरत पटवा, प्रवीण पटवा, तरूण पटवा को ढांढस बंधाया।
जहां प्रधानमंत्री के अलावा लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, वरिष्ठ नेता कैलाश नारायण सारंग, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, संघ के पूर्व क्षेत्रीय प्रचारक विनोद जैन, शशिभाई सेठ, हेमंत मुक्तिबोध, अनिल तामडू, हरिप्रसाद, गौरीशंकर शेजवार, रामपाल सिंह, उमाशंकर गुप्ता, ओमप्रकाश धुर्वे, विश्वास सारंग, रामेश्वर शर्मा, विजेश लुणावत, अरविन्द भदौरिया, विष्णुदत्त शर्मा, रघुनंदन शर्मा, श्रीमती कृष्णा गौर, श्रीमती साधना सिंह, रघुनाथ भाटी, सुश्री राजो मालवीय, लोकेन्द्र पाराशर, रणवीर सिंह रावत, अभिलाष पाण्डे, भगत सिंह कुशवाह, हिदायतुल्ला शेख, गोविन्द आर्य, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजकुमार पटेल, के.के. मिश्रा, माणक अग्रवाल, जे.पी. धनोपिया, पीसी शर्मा, सत्येन्द्र भूषण सिंह, राजेन्द्र सिंह राजपूत, भगवानदास सबनानी, श्रीमती सीमा सिंह, राघव जी, रामकिशन चौहान, विजेन्द्र सिंह सिसौदिया, डॉ. हितेष वाजपेयी, गिरिराज किशोर, चेतन सिंह, शिव चौबे, श्रीमती मालिनी गौड, शैतानसिंह पाल, भागीरथ पटेल, अमरदीप मौर्य, सत्यार्थ अग्रवाल, राशिद खान, मनमोहन नागर, सलीम खान, लिलि अग्रवाल, विकास विरानी, श्रीमती वंदना जाचक, श्रीमती शशि सिन्हो, सुश्री सरिता देशपाण्डे, सुमीत पचौरी,राहुल राजपूत, सुनील पाण्डे, अंशुल तिवारी सहित प्रदेश शासन के मंत्री, निगम मंडल अध्यक्ष, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी एवं हजारों की संख्या में प्रदेश भर से आए पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटवा को पुष्पांजलि अर्पित की।
आडवाणी और वेंकैया नायडू पटवाजी की अंत्येष्टि में शामिल होंगे
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान ने बताया है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी एवं केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू कल 29 दिसंबर को कुकड़ेश्वर पहुंचेंगे। वे वहां मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता सुंदरलाल पटवा की अंत्येष्टि में शामिल होंगे। चौहान ने बताया कि दोनों नेतागण विशेष विमान से पहुंच रहे हैं। इसके अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का इस अवसर पर पहुंचने का अनुमान है। पटवा जी का पार्थिव शरीर कल प्रातः भोपाल से वायुयान द्वारा कुकड़ेश्वर ले जाया जाएगा।
शोक संवेदना व्यक्त
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि सुंदरलाल पटवा जी एक अजातशत्रु और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनके निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति पहुंची है जिसकी भरपाई संभव नहीं है। उनकी तपस्या से भाजपा आज इस स्थान तक पहुंची है।
श्री कैलाश जोशी ने कहा कि श्री सुंदरलाल पटवा जी के दुखद निधन से मेरा मन आहत हुआ है। श्री पटवा जी ने अनुसूचित जाति, वनवासियों, ग्रामीणों, किसानों एवं मजदूरों तथा समाज के गरीब तबकों के विकास के लिए निरंतर कार्य किये। वह सदैव राजनीति में याद किये जायेंगे।
डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि श्री सुंदरलाल पटवा संगठन कौशल के धनी थे, जिन्होंने पार्टी को सींचकर आगे बढ़ाया। उनके निधन से पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को जो वज्रपात हुआ है वह असहनीय है। उन्होंने कहा कि श्री पटवा जी पार्टी के पुरोधा थे। उन्होंने मध्यप्रदेश संगठन को खड़ा किया। उनका संगठन में योगदान अविस्मरणीय है।
श्री कैलाश नारायण सारंग ने कहा कि श्री सुन्दरलाल पटवा का निधन एक युग का अंत है। पटवा जी के खिलाफ 70 साल के राजनीतिक जीवन में कोई उंगली नहीं उठा सका। उनका प्रशासन सबसे अच्छा माना जाता था। हम वर्षो तक साथ रहे। मन, मस्तिष्क से चुस्त दुरूस्त थे। उनका बैठे रहना ही हमको बल देता था।
श्री प्रभात झा ने कहा कि वरिष्ठ नेता और हम सभी के मार्गदर्शक श्री संुदरलाल पटवा के अवसान से एक कर्मनिष्ठ राजनेता कुशल संगठन और मार्गदर्शक हम सब के बीच से चला गया है। राष्ट्रीय स्वयं संघ के प्रचारक से जीवन आरंभ करके उन्होंने भारतीय जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी के विस्तार तक लंबा जीवन का सफर तय किया। हमेशा अगली पीढी को क्षण क्षण तैयार किया। अंगुली पकडकर राजनीति सिखाई। सेवा का संकल्प दिलाया। उनके सान्निध्य का क्षण क्षण एक इतिहास बन चुका है जो आने वाली पीढी को स्पंदित करेगा।
श्री नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि श्री सुंदरलाल पटवा एक कुषल संगठक एवं जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। उन्होंने संगठन के विकास के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। उनके निधन से पार्टी को बड़ा आघात पहुंचा है।
श्री कैलाश विजयवर्गीय ने श्री पटवा जी के असामयिक निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि श्री सुन्दरलाल पटवा जी ने भारतीय संस्कृति, मानवीय मूल्यों, सामाजिक मर्यादाओं के रूझान के कारण राजनीति को एक नया आयाम दिया। वह राजनीति के पुरोधा थे। वह जनसंघ के आदर्शों के लेकर चलने वाले एक प्रभावी नेता थे।
श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि श्री सुंदरलाल पटवा 92 साल की उम्र में भी अपनी सक्रियता से पार्टी कार्यकर्ताओं को यह अहसास कराते रहे कि सेवा की कोई उम्र नहीं होती। पार्टी के बुलावे पर हर आयोजन में उनकी मौजूदगी और आशीर्वाद संगठन को मजबूती देता है। उनकी कमी पूरी पार्टी को खलेगी। वे अच्छे प्रशासक और कुशल संगठक थे। श्री पटवा का संपूर्ण जीवन पार्टी को समर्पित रहा। उन्होंने पार्टी को अपने परिश्रम से सींचकर पल्लवित किया। उनका निधन भारतीय जनता पार्टी के लिए अपूरर्णीय क्षति है इसकी भरपाई असंभव है।
श्री सुहास भगत ने कहा कि श्री सुंदरलाल पटवा जी के असामयिक निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। वह स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे, उनके उच्च आदर्श सभी के लिए प्रेरणादायक हैं। श्री पटवा जी के आंदोलनों के फलस्वरूप पार्टी को एक व्यापक जनाधार प्राप्त हुआ। उनके अतुल्य योगदान को हम भुला नहीं सकते।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री रामलाल जी, केंद्रीय मंत्री श्री अनंत कुमार, श्रीमती सुषमा स्वराज, वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी, वरिष्ठ नेता श्री कैलाष नारायण सारंग, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सांसद एवं प्रदेष संगठन प्रभारी डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्रसिंह तोमर, श्री थावरचन्द्र गेहलोत, श्री प्रकाश जावड़ेकर व सुश्री उमा भारती, श्री फग्गनसिंह कुलस्ते, श्री अनिल माधव दवे, श्री एमजे अकबर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद श्री प्रभात झा, राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय सचिव व सासंद श्रीमती ज्योति धु्रर्वे, वरिष्ठ नेता श्री विक्रम वर्मा, सासंद डॉ. सत्यनारायण जटिया, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान और प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अरविन्द सिंह भदौरिया, श्री विनोद गोटिया, श्रीमति रंजना बघेल, सुश्री उषा ठाकुर, श्री रामलाल रौतेल, श्री प्रदीप लारिया, श्री सुदर्शन गुप्ता, श्री रामेश्वर शर्मा, श्री विजेश लुणावत, श्री जीतू जिराती, प्रदेश महामंत्री श्री अजयप्रताप सिंह, श्री बंशीलाल गुर्जर, श्री मनोहर उंटवाल, श्री विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश मंत्री श्रीमति संपतियां उइके, श्री बृजेन्द्रप्रताप सिंह, श्रीमति कृष्णा गौर, श्री कन्हईराम रघुवंशी, श्री बुद्धसेन पटेल, श्री सरतेन्दु तिवारी, श्री रघुनाथ भाटी, श्री पंकज जोशी, सुश्री कविता पाटीदार, श्री ऋषिसिंह लोधी, प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री हेमंत खण्डेलवाल, प्रदेश कार्यालय मंत्री श्री सत्येन्द्र भूषण सिंह, श्री राजेन्द्र सिंह राजपूत, प्रदेश संवाद प्रमुख श्री लोकेन्द्र पाराशर, प्रदेश सह संवाद प्रमुख श्री संजय गोविन्द खोचे, श्री उदय अग्रवाल एवं श्री सर्वेश तिवारी, मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय, प्रदेश प्रवक्ता व सांसद श्री आलोक संजर, प्रो. चिंतामणि मालवीय, प्रदेश प्रवक्ता श्री नागरसिंह चैहान, सुश्री राजो मालवीय, श्री हिदायतुल्लाह शेख, श्री राहुल कोठारी, श्री उमेश शर्मा, श्री राजपाल सिंह सिसोदिया, श्री रजनीश अग्रवाल ने श्री सुंदरलाल पटवा के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति गहन संवेदना व्यक्त की है।
कुशल संगठक और मार्गदर्शक थे श्री पटवा - प्रो. कप्तानसिंह सोलंकी
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तानसिंह सोलंकी ने श्री सुन्दरलाल पटवा के दुखद निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि श्री पटवा पार्टी के मजबूत स्तंभ थे। कुशल संगठक होने के साथ साथ पार्टी के मार्गदर्शक थे। उनके निधन से मध्यप्रदेश सहित देश की राजनैतिक क्षेत्र में गहरी क्षति पहुंची है।
श्री पटवा जी ने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने जनकल्याण, सुशासन और समाज के दीनहीन वर्ग की भलाई के लिए लगातार काम किया। आम कार्यकर्ता में संभावना तलाशकर उसे बड़ा बनाने की क्षमता उनमें थी। श्री सोलंकी रामेश्वरम की यात्रा में होने के कारण वे भोपाल नहीं पहंुच सकेे।