Publish Date:02-Oct-2018 13:30:47
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश गेट पर किसानों द्वारा बैरीकेड तोड़ने पर पुलिस ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया है। साथ ही पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट का भी इस्तेमाल किया। इससे पहले पुलिस ने बैरीकेड तोड़ने से रोकने के लिए किसानों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया था। पुलिस के एेसा करने पर भी किसान नहीं माने और ट्रैक्टर चढ़ाकर बैरीकेड़ तोड़ दिए। काफी संख्या में किसान दिल्ली में प्रवेश कर चुके हैं।
जानकारी मुताबिक कृषि ऋण माफी से लेकर ईंधन के दामों में कमी की मांगों को लेकर हजारों किसानों ने मंगलवार को दिल्ली की ओर कूच किया और राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाली प्रमुख सड़कों पर यातायात बाधित हो गया। राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोंडा, बस्ती और गोरखपुर जैसे दूर-दराज की जगहों के साथ-साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ना क्षेत्र से आए किसानों की भीड़ नजर आ रही थी।
उत्तर प्रदेश से लगने वाली सीमा पर स्थित पुलिस चौकियों में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण 5 या अधिक लोगों के एकत्र होने, किसी तरह की सार्वजनिक बैठक आयोजित करने, एम्प्लीफायर, लाउडस्पीकर और इसी तरह के किसी अन्य उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। हरिद्वार में टिकैत घाट से 23 सितंबर को शुरू हुई किसान क्रांति यात्रा में उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से किसान शामिल होते गए। ये लोग पैदल, बसों में या फिर ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार होकर आए हैं। इन लोगों के हाथों में भारतीय किसान यूनियन के बैनर हैं। इस यूनियन ने अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए मार्च का आह्वान किया है।
मेरठ से आए एक किसान हरमिक सिंह ने कहा कि हम सरकार से कोई भीख नहीं मांग रहे हैं। हम अपना अधिकार मांग रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसान बिजली की ऊंची दरों और आसमान छूती ईंधन की कीमतों के कारण संकट में हैं। उन्होंने कहा कि आपको 500 रुपए का गैस ठीक लगता है क्या? एक अन्य किसान ने दावा किया कि 3 लाख से अधिक किसान राजघाट की ओर मार्च कर रहे हैं। उनकी मांगों की सूची में बिना शर्त ऋण माफी, गन्ना मिलों का बकाया भुगतान करना, फसलों का अधिकतम मूल्य दिया जाना, खेतों के लिए मुफ्त बिजली और डीजल के दामों में कटौती शामिल है।
साभार- पंजाब केसरी